जयपुर. पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण का महापर्व करवाचौथ बुधवार (4 नवंबर) को है. पर्व की खरीदारी के लिए महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. हिन्दू धर्म की परम्परानुसार सुहागिन महिलाओं के लिए करवाचौथ का खासा महत्व है. ऐसे में इस बार करवाचौथ पर एक अद्भुत संयोग भी बना रहा है. साथ ही किस शुभ मुहूर्त में पूजन करें और क्या रहेगी पूजन विधि आईए जानते हैं.
करवाचौथ पर परम्परानुसार महिलाएं सुहाग की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं. साथ ही चौथ माता की पूजा, चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रत का पारण होगा. लेकिन इसके लिए कई खास बातों का ध्यान भी रखना आवश्यक है. इसको लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ. राजेश शर्मा ने Etv Bharat से खास बातचीत में बताया कि, बुधवार को करवाचौथ का महापर्व आना भी बेहद शुभ संयोग है. करवाचौथ पर सुहागिनें चौथ माता की कथा सुनकर चंद्रमा को अर्घ्य देंगी. साथ ही विनायक महाराज की भी पूजा करेंगी.
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वहीं बुधवार के दिन पर्व आने से व्रत रखना कितना श्रेष्ठदायी रहेगा. इसको लेकर ज्योतिषाचार्य ने बताया कि, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग रहेगा. ये दोनों योग बहुत ही उत्तम योग है. जो कई साल के बाद देखने को मिले हैं. इसके अलावा चतुर्थी तिथि और बुधवार भी है, जो कि प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश जी को समर्पित है. इसलिए करवाचौथ पर सुहागिनें दिन में तीन बार पूजा कर सकेंगी, जिसके तहत जो सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी पूजा करना चाहती हैं. उनके लिए सुबह 7 बजकर 57 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक का मुहूर्त उत्तम रहेगा. वहीं जो दिन में पूजन करना चाहेंगी, उनके लिए 4 बजकर 11 मिनट से 5 बजकर 39 मिनट तक समय भी शुभ होगा. इसके बाद शाम 7 बजकर 11 से 10 बजकर 17 मिनट का शुभ मुहूर्त है. इन मुहूर्त के तहत सुहागिनें उपवास रखकर पूजा करके अर्घ्य दे सकती हैं.
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अब ध्यान देने योग्य बातें...
ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार जो सुहागिनें पूजा करती हैं उनके लिए...
- माता पार्वती की पूजा मुख्य मानी गई है, क्योंकि माता पार्वती ने ही अखण्ड तपस्या करके भगवान शिव को प्राप्त किया था और इसलिए उन्हें अखण्ड सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त था.
- सुहागिन महिलाएं पूरे शिव परिवार की पूजा जरूर करें.
- उनकी पूजा करते समय इनकी मूर्ति बनानी है, यदि मूर्ति नहीं है तो चित्र या फिर सुपारी की पूजा कर सकती हैं.
- लेकिन फल-फूल, मिठाई का भोग लगाएं और कथा अवश्य करें.
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करवाचौथ पर चंद्र उदय का समय जयपुर में 20 बजकर 24 मिनट का रहेगा. लेकिन ध्यान रहे कि सुहागिन महिलाओं को नग्न आंखों से चांद को देखना भी बेहद अशुभ होता है. इसलिए सुहागिनें घूंघट का पल्लू या फिर छलनी के जरिए चंद्रमा का दर्शन करें. इस दौरान चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए जल के कलश में थोड़ा सा कच्चा दूध जरूर मिलाएं और अगर गुलाब के पुष्प डालेंगे तो पति को धन-धान्य की वृद्धि होगी. इसके साथ-साथ सभी सुहागिन महिलाओं को विशेष ध्यान रखना है कि उन्हें अपने पति की छाया को जल के कलश में दिखाएं और उसके दर्शन जरूर करें.