ETV Bharat / city

Masik Shivratri 2022: मास शिवरात्रि के व्रत से पूरी होती हैं मनोकामनाएं, इस तरह की जाती है भोलेनाथ की पूजा

author img

By

Published : Mar 30, 2022, 5:01 AM IST

मासिक शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए खास महत्व रखती है. चैत्र मास में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि की विशेष धार्मिक मान्यता है. शास्त्रों में चैत्र मास का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है. पंचांग के अनुसार मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022) कब है आइए जानते हैं...

Masik Shivratri 2022
Masik Shivratri 2022

जयपुर. हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी मास शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022) के रूप में मनाई जाती है. यह दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन व्रत और विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह व्रत करने वालों के सभी दुख, रोग और शोक बाबा भोलेनाथ दूर करते हैं. इस दिन व्रत रखने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है. जिन कन्याओं के विवाह में कोई बाधा या परेशानी आ रही है वो भी दूर होती है. विद्यार्थियों को भी लाभ प्राप्त होता है.

ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि वैसे तो महाशिवरात्रि का पर्व फरवरी-मार्च में आता है. लेकिन हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी मास शिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 30 मार्च 2022 बुधवार को दोपहर 1:19 बजे से शुरू होकर 31 मार्च को दोपहर 12:22 बजे तक रहेगी. मास शिवरात्रि की पूजा रात के समय की जाती है. शास्त्रों के अनुसार मासिक शिवरात्रि की पूजा रात्रि में करना उत्तम माना जाता है. इसलिए 31 जनवरी 2022, रात 12 बजकर 02 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट के मध्य शिव पूजा का मुहूर्त बना हुआ है.

मास शिवरात्रि के व्रत से पूरी होती हैं मनोकामनाएं

पढ़ें- बुधवार का व्रत करने से पूरी होती है हर मनोकामना, सुख-शांति और यश की होती है प्राप्ति

मास शिवरात्रि पर करें यह उपाय

  • जो जातक अपनी बिगड़ी हुई आर्थिक स्थिति या कर्ज से परेशान हैं. उन्हें संकल्प पूर्वक मास शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए. शिव मंदिर में या घर में स्थापित नर्मदेश्वर शिवलिंग के सामने घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर दारिद्र दहन स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इस दिन शुरू करने के बाद नियमित रूप से यह पाठ करने से कर्ज की समस्या दूर होकर आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.
  • रोग से पीड़ित व्यक्ति को इस दिन से मृत संजीवनी का पाठ शुरू कर नियमित रूप से इसके पाठ करने चाहिए. शिवलिंग के सामने घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर यह पाठ करने से रोग से मुक्ति मिलती है.
  • जिस जातक की कुंडली में चंद्रमा नैसर्गिक अशुभ ग्रहों से पीड़ित है. उन्हें नियमित रूप से मास शिवरात्रि का व्रत और शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.
  • किसी जातक की कुंडली में कालसर्प योग है तो उसे मास शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए और नियमित रूप से शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Masik Shivratri Puja Vidhi) : इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. शिवलिंग का गंगा जल, दूध, आदि से अभिषेक करें. भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना भी करें. भगवान गणेश की पूजा अवश्य करें. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा- अर्चना की जाती है. ऊॅं नम: शिवाय मंत्र का जप करें. भगवान भोलेनाथ को भोग लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. भगवान की आरती करना न भूलें.

जयपुर. हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी मास शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022) के रूप में मनाई जाती है. यह दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन व्रत और विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह व्रत करने वालों के सभी दुख, रोग और शोक बाबा भोलेनाथ दूर करते हैं. इस दिन व्रत रखने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है. जिन कन्याओं के विवाह में कोई बाधा या परेशानी आ रही है वो भी दूर होती है. विद्यार्थियों को भी लाभ प्राप्त होता है.

ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि वैसे तो महाशिवरात्रि का पर्व फरवरी-मार्च में आता है. लेकिन हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी मास शिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 30 मार्च 2022 बुधवार को दोपहर 1:19 बजे से शुरू होकर 31 मार्च को दोपहर 12:22 बजे तक रहेगी. मास शिवरात्रि की पूजा रात के समय की जाती है. शास्त्रों के अनुसार मासिक शिवरात्रि की पूजा रात्रि में करना उत्तम माना जाता है. इसलिए 31 जनवरी 2022, रात 12 बजकर 02 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट के मध्य शिव पूजा का मुहूर्त बना हुआ है.

मास शिवरात्रि के व्रत से पूरी होती हैं मनोकामनाएं

पढ़ें- बुधवार का व्रत करने से पूरी होती है हर मनोकामना, सुख-शांति और यश की होती है प्राप्ति

मास शिवरात्रि पर करें यह उपाय

  • जो जातक अपनी बिगड़ी हुई आर्थिक स्थिति या कर्ज से परेशान हैं. उन्हें संकल्प पूर्वक मास शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए. शिव मंदिर में या घर में स्थापित नर्मदेश्वर शिवलिंग के सामने घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर दारिद्र दहन स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इस दिन शुरू करने के बाद नियमित रूप से यह पाठ करने से कर्ज की समस्या दूर होकर आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.
  • रोग से पीड़ित व्यक्ति को इस दिन से मृत संजीवनी का पाठ शुरू कर नियमित रूप से इसके पाठ करने चाहिए. शिवलिंग के सामने घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर यह पाठ करने से रोग से मुक्ति मिलती है.
  • जिस जातक की कुंडली में चंद्रमा नैसर्गिक अशुभ ग्रहों से पीड़ित है. उन्हें नियमित रूप से मास शिवरात्रि का व्रत और शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.
  • किसी जातक की कुंडली में कालसर्प योग है तो उसे मास शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए और नियमित रूप से शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Masik Shivratri Puja Vidhi) : इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. शिवलिंग का गंगा जल, दूध, आदि से अभिषेक करें. भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना भी करें. भगवान गणेश की पूजा अवश्य करें. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा- अर्चना की जाती है. ऊॅं नम: शिवाय मंत्र का जप करें. भगवान भोलेनाथ को भोग लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. भगवान की आरती करना न भूलें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.