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किरोड़ी लाल मीणा ने किसानों के साथ किया जयपुर कूच, पुलिस ने लगाया विराम चिन्ह

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Published : Mar 9, 2020, 7:41 PM IST

प्रदेश में ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर राजनीति बढ़ती जा रही है. जहां सोमवार को भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने प्रभावित किसानों के साथ चाकसू से जयपुर की ओर कूच दी, जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने दुर्गापुरा पुलिया के पास मीणा और प्रभावित किसानों को रोक लिया.

जयपुर न्यूज, jaipur news
किरोड़ी मीणा ने किया जयपुर कूच

जयपुर. प्रदेश में ओलावृष्टि से प्रभावित हुए किसानों के नाम पर सियासत चरम पर है. रविवार को सरकार के मंत्री प्रभारी जिलों में प्रभावित किसानों की पीड़ा सुनकर आए तो उसके दूसरे ही दिन सोमवार को भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने प्रभावित किसानों के साथ चाकसू से जयपुर की ओर कूच कर डाली.

हालांकि, उन्हें टोंक रोड पर दुर्गापुरा के पास रोक लिया गया और समझा इसके लिए कृषि मंत्री लालचंद कटारिया को भेजा गया. समझाइश के बाद कटारिया को ही मीणा ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और यह भी कहा यदि किसानों को जल्द मुआवजा नहीं मिला, तो फिर मुख्यमंत्री का आवास घेरा जाएगा.

किरोड़ी लाल मीणा ने किया जयपुर कूच

इससे पहले डॉ. किरोड़ी लाल मीणा चाकसू के सैकड़ों किसानों के साथ कोटखावदा से होते हुए वाहनों में भरकर जयपुर की ओर कूच कर गए. पुलिस प्रशासन को जब इसकी जानकारी मिली तो टोंक रोड पर दुर्गापुरा पुलिया के पास मीणा और प्रभावित किसानों को रोक लिया गया.

पढ़ें- स्पेशल : यहां पहलवानी परखने की परंपरा, 800 किलो वजनी पत्थर उठाने का चैलेंज

इस दौरान मीणा समर्थकों के कारण टोंक रोड पर लंबा जाम लग गया. करीब 1 घंटे बाद मौके पर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया पहुंचे और पुलिया के पास बने दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में मीणा और कुछ प्रभावित किसानों को ले गए, जहां करीब आधे घंटे तक मीणा ने पीड़ित किसानों की व्यथा कटारिया को सुनाई और अपना 9 सूत्री मांग पत्र भी सौंपा. वहीं कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि बुधवार को बीमा कंपनी कृषि पर्यवेक्षक और पटवारी एक साथ इन गांवों का सर्वे करेंगे ताकि जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके.

9 सूत्री मांग पत्र में यह है प्रमुख मांग

  • प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा उपलब्ध कराया जाए
  • एनडीआरएफ की गाइडलाइन में बदलाव के लिए केंद्र1 सरकार को पत्र लिखा जाए ताकि उचित मुआवजा मिल सके
  • प्रभावित किसानों के छह माह के बिजली के बिल माफ की जाए
  • ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के केसीसी, कॉपरेटिव बैंकों और सूदखोरों के संपूर्ण कर्जे को माफ किया जाए
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पीड़ित किसानों को तुरंत बीमे की राशि उपलब्ध कराई जाए
  • ओलावृष्टि में नष्ट झोपड़ी कच्चे-पक्के मकान और मारे गए पशुधन को सर्वे में शामिल कर मुआवजा दिलवाए
  • ओलावृष्टि से प्रभावित इलाकों में रोजगार सृजन के लिए ज्यादा से ज्यादा नरेगा के कार्य करवाए जाए
  • ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को खाद्य विभाग की ओर से सामग्री उपलब्ध कराया जाए
  • जहां किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट होकर जमींदोज हो गई उनके खेतों की सफाई के लिए एनडीआरएफ से खेतों की सफाई राशि उपलब्ध कराई
  • पर्याप्त मात्रा में चारा डिपो खोले जाएं

जयपुर. प्रदेश में ओलावृष्टि से प्रभावित हुए किसानों के नाम पर सियासत चरम पर है. रविवार को सरकार के मंत्री प्रभारी जिलों में प्रभावित किसानों की पीड़ा सुनकर आए तो उसके दूसरे ही दिन सोमवार को भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने प्रभावित किसानों के साथ चाकसू से जयपुर की ओर कूच कर डाली.

हालांकि, उन्हें टोंक रोड पर दुर्गापुरा के पास रोक लिया गया और समझा इसके लिए कृषि मंत्री लालचंद कटारिया को भेजा गया. समझाइश के बाद कटारिया को ही मीणा ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और यह भी कहा यदि किसानों को जल्द मुआवजा नहीं मिला, तो फिर मुख्यमंत्री का आवास घेरा जाएगा.

किरोड़ी लाल मीणा ने किया जयपुर कूच

इससे पहले डॉ. किरोड़ी लाल मीणा चाकसू के सैकड़ों किसानों के साथ कोटखावदा से होते हुए वाहनों में भरकर जयपुर की ओर कूच कर गए. पुलिस प्रशासन को जब इसकी जानकारी मिली तो टोंक रोड पर दुर्गापुरा पुलिया के पास मीणा और प्रभावित किसानों को रोक लिया गया.

पढ़ें- स्पेशल : यहां पहलवानी परखने की परंपरा, 800 किलो वजनी पत्थर उठाने का चैलेंज

इस दौरान मीणा समर्थकों के कारण टोंक रोड पर लंबा जाम लग गया. करीब 1 घंटे बाद मौके पर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया पहुंचे और पुलिया के पास बने दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में मीणा और कुछ प्रभावित किसानों को ले गए, जहां करीब आधे घंटे तक मीणा ने पीड़ित किसानों की व्यथा कटारिया को सुनाई और अपना 9 सूत्री मांग पत्र भी सौंपा. वहीं कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि बुधवार को बीमा कंपनी कृषि पर्यवेक्षक और पटवारी एक साथ इन गांवों का सर्वे करेंगे ताकि जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके.

9 सूत्री मांग पत्र में यह है प्रमुख मांग

  • प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा उपलब्ध कराया जाए
  • एनडीआरएफ की गाइडलाइन में बदलाव के लिए केंद्र1 सरकार को पत्र लिखा जाए ताकि उचित मुआवजा मिल सके
  • प्रभावित किसानों के छह माह के बिजली के बिल माफ की जाए
  • ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के केसीसी, कॉपरेटिव बैंकों और सूदखोरों के संपूर्ण कर्जे को माफ किया जाए
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पीड़ित किसानों को तुरंत बीमे की राशि उपलब्ध कराई जाए
  • ओलावृष्टि में नष्ट झोपड़ी कच्चे-पक्के मकान और मारे गए पशुधन को सर्वे में शामिल कर मुआवजा दिलवाए
  • ओलावृष्टि से प्रभावित इलाकों में रोजगार सृजन के लिए ज्यादा से ज्यादा नरेगा के कार्य करवाए जाए
  • ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को खाद्य विभाग की ओर से सामग्री उपलब्ध कराया जाए
  • जहां किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट होकर जमींदोज हो गई उनके खेतों की सफाई के लिए एनडीआरएफ से खेतों की सफाई राशि उपलब्ध कराई
  • पर्याप्त मात्रा में चारा डिपो खोले जाएं
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