जयपुर. अनाथ बच्चों को आर्थिक पैकेज दिलाने की मांग को लेकर राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना देने पहुंचे. उनके साथ धरने में मौजूद रहे अनाथ बच्चों ने रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा के लिए सरकार से गुहार लगाई. इस दौरान भारी पुलिस जाब्ता तैनात रहा, जबकि पुलिस इंटेलिजेंस में चूक की बात भी सामने आ रही है.
कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को संरक्षण देने के मामले में भले ही राजस्थान की गहलोत सरकार ने दूसरे राज्यों की तुलना में पहले गाइडलाइन जारी किए हों, लेकिन इन बच्चों को तत्काल आर्थिक पैकेज देने के मामले में राज्य सरकार पिछड़ गई है. नतीजन शनिवार को अनाथ बच्चों के साथ राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा सीएम आवास के बाहर सांकेतिक धरना देने जा पहुंचे.
यहां, पीड़ित बच्चों ने बताया कि कोरोना काल में उन पर भारी संकट गहरा गया है. आलम ये है कि कभी दिन में एक समय का भोजन मिल पाता है, तो कभी वो भी नसीब नहीं होता. यही नहीं शिक्षा से तो उनका नाता ही टूट सा गया है. यही वजह है कि अब प्रदेश के मुखिया से गुहार लगाने के लिए उनके आवास तक पहुंचे हैं.
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सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि अनाथ बच्चों को ना तो केंद्र की योजनाओं का लाभ मिल रहा है और ना ही राज्य सरकार के आर्थिक पैकेज का. सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए केंद्र सरकार से भी बात की जाएगी और सीएम को भी ज्ञापन सौंपा जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी बात नहीं मानती है, तो राजधानी में प्रदेशभर के अनाथ बच्चों के साथ सत्याग्रह किया जाएगा. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा.
परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी मौके पर पहुंचे. धरने के दौरान सीएमआर से मीणा को वार्ता के लिए बुलाया गया. इस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी उनसे मुलाकात करेगा, उन्हें अनाथ बच्चों की मांग को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा. डॉ. मीणा के सीएमआर में प्रवेश के साथ ही अनाथ बच्चों और धरने में शामिल लोगों को पुलिस प्रशासन ने मौके से रवाना कर दिया.