जयपुर. बीते 3 साल में अंतरराष्ट्रीय पटल पर राजस्थान आवासन मंडल की कार्यप्रणाली और उपलब्धियां चर्चा का विषय रही हैं. यही वजह है कि मंगलवार को केन्या सरकार की सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की निदेशक लेवने निजाइना के नेतृत्व में 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राजस्थान आवासन मंडल की कार्यशैली, संचालित योजनाओं और प्रोजेक्ट्स का अध्ययन करने जयपुर पहुंचा. साथ ही मंडल की तर्ज (e auction and e bid submission scheme) पर केन्या में भी ई-ऑक्शन और ई-बिड (Kenya will adobe Rajasthan Housing Board scheme ) सबमिशन योजना लागू करने की बात कही.
आवासन मंडल मुख्यालय पर केन्या टीम का स्वागत करते हुए आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने राजस्थान आवासन मण्डल की अल्प समय में अर्जित की गई उपलब्धियों से अवगत करवाया. साथ ही मण्डल की ओर से संचालित योजनाओं और प्रोजेक्ट्स के बारे में बताते हुए मण्डल की कार्यशैली से भी अवगत करवाया. केन्या सरकार के प्रतिनिधमंडल ने कहा कि जिस तरह आवासन मंडल को रिवायव किया गया है, वह उनके लिए केस स्टडी है. केन्या में भी मंडल की तर्ज पर कार्य किए जाएंगे. उन्होंने ई-ऑक्शन और ई-बिड सबमिशन योजना को केन्या में लागू करने की बात कही. प्रतिनिधमंडल ने आयुक्त से आग्रह किया कि वो केन्या आकर उन्हें प्रशिक्षित करें. आवासन आयुक्त ने बताया कि मंडल ने महज 3 वर्ष में ई-बिड और ई-ऑक्शन प्रक्रिया से 13 हजार 500 से ज्यादा सम्पत्तियों का निस्तारण किया.
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ई-ऑक्शन में मंडल ने महज 35 कार्य दिवसों में 1010 मकान बेचे. जिससे मंडल को 162 करोड़ रुपए का राजस्व मिला. इसी कीर्तिमान को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस लंदन से भी मान्यता प्रदान की गई. इसके बाद बुधवार नीलामी उत्सव के तहत ई-बिड सबमिशन योजना में 12 दिनों में 185 करोड़ रूपये मूल्य की 1213 सम्पत्तियों का विक्रय कर दोबारा अन्तर्राष्ट्रीय कीर्तिमान बनाया. इस रिकॉर्ड को भी वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस, लंदन ने मान्यता प्रदान की. साथ ही पवन अरोड़ा ने वर्तमान में चल रहे प्रमुख प्रोजेक्ट कोचिंग हब, सिटी पार्क, फाउंटेन स्क्वायर, विधायक आवास परियोजना, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान, जयपुर चौपाटियों और आवासीय योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी. इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने जयपुर में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स का विजिट भी किया. साथ ही स्थित केन्या में भी इस तरह की चौपाटी का निर्माण करने की बात कही.