जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अपना इस्तीफा सोनिया गांधी के पास रखे जाने के बयान पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सीएम पर कटाक्ष किया है. कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वतंत्रता के बाद राजस्थान में राजा हरिश्चंद्र के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में सामने आए हैं. लेकिन उनके इस बयान पर संदेह इसलिए है क्योंकि उन्होंने काफी दिनों बाद इस रहस्य को उजागर किया है. कटारिया ने रविवार को एक बयान जारी कर करौली हिंसा और उस पर आए गहलोत के बयान पर भी निशाना साधा. कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मौजूदा बयान उनकी मानसिक विकृति को दर्शाता है.
गुलाबचंद कटारिया के अनुसार मुख्यमंत्री कहते हैं कि करौली का दंगा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आने के साथ भड़का, लेकिन वो ये नहीं बताते की इस घटनाक्रम में मस्जिद और वहां मौजूद मकान के ऊपर पत्थर कैसे एकत्रित हुए. वाहन रैली पर एक साथ इतने लोगों ने इकट्ठे होकर पत्थर कैसे बरसाए? नेता प्रतिपक्ष के अनुसार करौली हिंसा में जिन हिंदू दुकानदारों की दुकानें जलाई गई और सामान लूटा गया था, वहां 3 घंटे तक फायर ब्रिगेड तक नहीं पहुंच पाई. इससे पुलिस की कार्यशैली भी संदेह के घेरे में आती है. जब दंगा हुआ तब भी काफी समय तक पुलिस नहीं आई, जबकि रैली अनुमति लेकर निकाली जा रही थी.
कटारिया ने अपने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री कहते कि जिस प्रकार की हिंसा हो रही है, (Kataria on Chief Minister Gehlot resignation statement) उससे लग रहा है कि बीजेपी चुनाव के दंगल में जा रही है. लेकिन मैं सोचता हूं कि राजस्थान में कलेक्टर से लेकर आरएएस अधिकारी तक भ्रष्टाचार के मामले में पकड़े जा रहे हैं. हर विधायक को लूटने का अधिकार दे दिया गया है. विधायक आज मुख्यमंत्री बन कर अपना काम कर रहा है.
क्या है मामला: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को राजस्व सेवा परिषद (Revenue Service Council Conference) के राज्य स्तरीय सम्मेलन में शामिल हुए. इस कार्यक्रम के दौरान ही उन्होंने बयान दिया था कि उन्होंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को पहले से ही दे रखा है. जब कभी प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलना होगा तब किसी को कानों कान खबर नहीं लगेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इसी बयान को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पलटवार किया है.
सीएम ने कटारिया को बताया था मेंटली डिस्टर्ब: हाल ही में सीएम अशोक गहलोत दिल्ली में थे. तब उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की उम्र का हवाला देते हुए कई बातें ऐसी कहीं थीं जिसे लेकर काफी हल्ला मचा. सीएम ने पिछले साल महाराणा प्रताप को लेकर दिए विवादास्पद बयान और हाल ही में सीता को लेकर दिए बयान को लेकर खिल्ली उड़ाई थी. सीएम ने कहा था कि पहले महाराणा प्रताप के बारे में वे गलत बोले और अब रावण का उदाहरण देने के लिए नेता प्रतिपक्ष को सीता ही मिली क्या? मुझे लगता है वो मेंटली डिस्टर्ब हैं. कटारिया मेंटली डिस्टर्ब लगते हैं क्योंकि उनकी अपनी पार्टी में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा. इस दौरान उन्होंने तंज करते हुए कहा कि कोई न कोई कारण जरूर है कि वो भटक जाते हैं और जब बोलते हैं तो ऐसे शब्द ही काम में लेते हैं. शायद उसी का जवाब 'मानसिक विकृति' कह कटारिया ने दिया है.