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अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार जयपुर पहुंचा कश्मीरी छात्रों का दल... - जयपुर कश्मीरी छात्र

इंडियन आर्मी की ओर से ऑपरेशन सद्भावना के तहत कश्मीर की मच्छल घाटी के 20 छात्रों का दल जयपुर भ्रमण पर आया है. दल पहले ही जोधपुर, अजमेर का भ्रमण कर चुका है. कश्मीरी छात्र भ्रमण को लेकर खासे उत्साहित हैं.

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Published : Sep 1, 2019, 11:49 PM IST

जयपुर. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार कश्मीरी छात्रों का दल तालीम और तरक्की के मिशन पर राजस्थान पहुंचा है. इंडियन आर्मी की ओर से ऑपरेशन सद्भावना के तहत कराए जा रहे दौरे पर कश्मीर की मच्छल घाटी के 20 छात्रों का दल जयपुर भ्रमण पर पहुंचा.

कश्मीरी बच्चों का दल पहुंचा जयपुर


जोधपुर, अजमेर के बाद जयपुर भ्रमण

कश्मीरी छात्रों को जोधपुर और अजमेर दिखाने के बाद जयपुर लाया गया. छात्रों के दल ने जयपुर में आमेर महल, हवा महल, अल्बर्ट हॉल, जंतर मंतर और जल महल का भ्रमण किया. बच्चों ने आमेर महल की खूबसूरती को निहारा और महल के इतिहास के बारे में जानकारी ली. इसके बाद बच्चों का दल जल महल की पाल पर पहुंचा और पर जलमहल के बारे में जाना. छात्रों के दल को हैंडीक्राफ्ट और होटल प्रबंधन में ले जाकर होटल मैनेजमेंट के बारे में भी जानकारी दी गई.

यह भी पढ़ें- 'दबंग लेडी' ने थानेदार के कक्ष में ही सिखाया मनचले को सबक, थप्पड़ रसीद कर छुयाए पैर

शिक्षा और विकास की राह पर ले जाना है मकसद

इंडियन आर्मी के मेजर दीपक कविया ने बताया कि कश्मीर के युवाओं को राजस्थान की संस्कृति और यहां के उद्योग और शासन से रूबरू करवाया गया है. ताकि यह भी अपने क्षेत्र के विकास में योगदान दे सकें. उन्होंने बताया कि कश्मीर का मच्छल गांव एलओसी से 10 से 12 किलोमीटर दूरी पर है. 20 बच्चों को राजस्थान का भ्रमण करवाया जा रहा है. जिनके साथ दो अध्यापक भी हैं. उन्होंने बताया कि ट्यूर का मिशन तालीम और तरक्की है. यानी शिक्षा देना और विकास की राह पर ले जाना. साथ ही बच्चों को राजस्थान के इतिहास और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. एजुकेशन डेवलपमेंट, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट और जॉब अपॉर्चुनिटी के बारे में भी बताया जा रहा है. ऐसी तमाम चीजें जो मच्छल में उपलब्ध नहीं है उनके बारे में छात्रों को अवगत कराया जा रहा है. ताकि छात्र यहां से सीख कर अपने गांव में इन सभी चीजों को इंप्लीमेंट कर सके. उन्होंने बताया कि जयपुर में आमेर किला सिटी पैलेस जल महल हवा महल का भ्रमण करवाया गया है. इसके अलावा इंडस्ट्रियल और उद्योग धंधे के बारे में भी बताया गया है. साथ ही भारतीय सेना, सिविल सर्विसेज, आईएएस और आरएएस परीक्षा के बारे में बताया जाएगा.

यह भी पढ़ें- सीकर: रींगस में भैरूजी महाराज के वार्षिक मेले का आयोजन

छात्र भ्रमण को लेकर उत्साहित
छात्रों को भ्रमण करवाने वाले जयपुर टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष मदन सिंह राजपुरा ने बताया कि छात्रों को राजस्थान की संस्कृति, सभ्यता, स्थापत्य कला, उद्योग धंधे और टूरिज्म कल्चर से रूबरू करवाया गया है. टूरिज्म के बारे में बच्चों को विस्तार से बताया गया है कि बच्चे टूरिज्म इंडस्ट्री में किस तरह से आ सकते हैं. ताकि इनका पर्सनलिटी डेवलपमेंट हो सके और यह अपने गांव लौट कर वहां इस तरह के बिजनेस को स्टार्ट कर सके. कश्मीरी बच्चे राजस्थान भ्रमण के दौरान जोधपुर, अजमेर देखने के बाद जयपुर पहुंचने पर काफी उत्साहित नजर आए. कश्मीर की घाटियों के ग्रामीण इलाके से पहली बार बाहर की दुनिया देखी तो बच्चे बड़े ही उत्साहित हुए.

जयपुर. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार कश्मीरी छात्रों का दल तालीम और तरक्की के मिशन पर राजस्थान पहुंचा है. इंडियन आर्मी की ओर से ऑपरेशन सद्भावना के तहत कराए जा रहे दौरे पर कश्मीर की मच्छल घाटी के 20 छात्रों का दल जयपुर भ्रमण पर पहुंचा.

कश्मीरी बच्चों का दल पहुंचा जयपुर


जोधपुर, अजमेर के बाद जयपुर भ्रमण

कश्मीरी छात्रों को जोधपुर और अजमेर दिखाने के बाद जयपुर लाया गया. छात्रों के दल ने जयपुर में आमेर महल, हवा महल, अल्बर्ट हॉल, जंतर मंतर और जल महल का भ्रमण किया. बच्चों ने आमेर महल की खूबसूरती को निहारा और महल के इतिहास के बारे में जानकारी ली. इसके बाद बच्चों का दल जल महल की पाल पर पहुंचा और पर जलमहल के बारे में जाना. छात्रों के दल को हैंडीक्राफ्ट और होटल प्रबंधन में ले जाकर होटल मैनेजमेंट के बारे में भी जानकारी दी गई.

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शिक्षा और विकास की राह पर ले जाना है मकसद

इंडियन आर्मी के मेजर दीपक कविया ने बताया कि कश्मीर के युवाओं को राजस्थान की संस्कृति और यहां के उद्योग और शासन से रूबरू करवाया गया है. ताकि यह भी अपने क्षेत्र के विकास में योगदान दे सकें. उन्होंने बताया कि कश्मीर का मच्छल गांव एलओसी से 10 से 12 किलोमीटर दूरी पर है. 20 बच्चों को राजस्थान का भ्रमण करवाया जा रहा है. जिनके साथ दो अध्यापक भी हैं. उन्होंने बताया कि ट्यूर का मिशन तालीम और तरक्की है. यानी शिक्षा देना और विकास की राह पर ले जाना. साथ ही बच्चों को राजस्थान के इतिहास और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. एजुकेशन डेवलपमेंट, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट और जॉब अपॉर्चुनिटी के बारे में भी बताया जा रहा है. ऐसी तमाम चीजें जो मच्छल में उपलब्ध नहीं है उनके बारे में छात्रों को अवगत कराया जा रहा है. ताकि छात्र यहां से सीख कर अपने गांव में इन सभी चीजों को इंप्लीमेंट कर सके. उन्होंने बताया कि जयपुर में आमेर किला सिटी पैलेस जल महल हवा महल का भ्रमण करवाया गया है. इसके अलावा इंडस्ट्रियल और उद्योग धंधे के बारे में भी बताया गया है. साथ ही भारतीय सेना, सिविल सर्विसेज, आईएएस और आरएएस परीक्षा के बारे में बताया जाएगा.

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छात्र भ्रमण को लेकर उत्साहित
छात्रों को भ्रमण करवाने वाले जयपुर टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष मदन सिंह राजपुरा ने बताया कि छात्रों को राजस्थान की संस्कृति, सभ्यता, स्थापत्य कला, उद्योग धंधे और टूरिज्म कल्चर से रूबरू करवाया गया है. टूरिज्म के बारे में बच्चों को विस्तार से बताया गया है कि बच्चे टूरिज्म इंडस्ट्री में किस तरह से आ सकते हैं. ताकि इनका पर्सनलिटी डेवलपमेंट हो सके और यह अपने गांव लौट कर वहां इस तरह के बिजनेस को स्टार्ट कर सके. कश्मीरी बच्चे राजस्थान भ्रमण के दौरान जोधपुर, अजमेर देखने के बाद जयपुर पहुंचने पर काफी उत्साहित नजर आए. कश्मीर की घाटियों के ग्रामीण इलाके से पहली बार बाहर की दुनिया देखी तो बच्चे बड़े ही उत्साहित हुए.

Intro:जयपुर
एंकर- जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद पहली बार कश्मीरी छात्रों का दल तालीम और तरक्की के मिशन पर राजस्थान पहुंचा है। इंडियन आर्मी की ओर से ऑपरेशन सद्भावना के तहत कराए जा रहे दौरे पर कश्मीर की मच्छल घाटी के 20 छात्रों का दल जयपुर भ्रमण पर पहुंचा।


Body:कश्मीरी छात्रों को जोधपुर और अजमेर दिखाने के बाद जयपुर लाया गया। छात्रों के दल ने जयपुर में आमेर महल, हवा महल, अल्बर्ट हॉल, जंतर मंतर और जल महल का भ्रमण किया। बच्चों ने आमेर महल की खूबसूरती को निहारा और महल के इतिहास के बारे में जानकारी ली। इसके बाद बच्चों का दल जल मेल की पाल पर पहुंचा जहां पर जल महल के बारे में जाना। छात्रों के दल को हैंडीक्राफ्ट और होटल प्रबंधन में ले जाकर होटल मैनेजमेंट के बारे में भी जानकारी दी गई।

इंडियन आर्मी के मेजर दीपक कविया ने बताया कि कश्मीर के युवाओं को राजस्थान की संस्कृति और यहां के उद्योग और शासन से रूबरू करवाया गया है। ताकि यह भी अपने क्षेत्र के विकास में योगदान दे सकें। उन्होंने बताया कि कश्मीर का मच्छल गांव एलओसी से 10 से 12 किलोमीटर दूरी पर है। 20 बच्चों को राजस्थान का भ्रमण करवाया जा रहा है। जिनके साथ दो अध्यापक भी हैं। उन्हें बताया कि ट्यूर का मिशन तालीम और तरक्की है। यानी शिक्षा देना और विकास की राह पर ले जाना। साथ ही बच्चों को राजस्थान के इतिहास और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। और एजुकेशन डेवलपमेंट, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट और जॉब अपॉर्चुनिटी बारे में भी बताया जा रहा है। ऐसी तमाम चीजें जो मच्छल में उपलब्ध नहीं है उनके बारे में छात्रों को अवगत कराया जा रहा है। ताकि छात्र यहां से सीख कर अपने गांव में इन सभी चीजों को इंप्लीमेंट कर सके। उन्होंने बताया कि जयपुर में आमेर किला सिटी पैलेस जल महल हवा महल का भ्रमण करवाया गया है इसके अलावा इंडस्ट्रियल और उद्योग धंधे के बारे में भी बताया गया है। साथ ही भारतीय सेना, सिविल सर्विसेज, आईएएस और आरएएस एग्जाम्स के बारे में बताया जाएगा।

छात्रों को भ्रमण करवाने वाले जयपुर टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष मदन सिंह राजपुरा ने बताया कि छात्रों को राजस्थान की संस्कृति, सभ्यता, स्थापत्य कला, उद्योग धंधे और टूरिज्म कल्चर से रूबरू करवाया गया है। टूरिज्म के बारे में बच्चों को विस्तार से बताया गया है कि बच्चे टूरिज्म इंडस्ट्री में किस तरह से आ सकते हैं। ताकि इनका पर्सनलिटी डेवलपमेंट हो सके और यह अपने गांव लौट कर वहां इस तरह के बिजनेस को स्टार्ट कर सके।




Conclusion:कश्मीरी बच्चे राजस्थान भ्रमण के दौरान जोधपुर, अजमेर देखने के बाद जयपुर पहुंचने पर काफी उत्साहित नजर आए। कश्मीर की घाटियों के ग्रामीण इलाके से पहली बार बाहर की दुनिया देखी तो बच्चे बड़े ही उत्साहित हुए।

बाईट- दीपक कविया, मेजर, इंडियन आर्मी
बाईट- मदन सिंह राजपुरा, अध्यक्ष, जयपुर टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन
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