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राधा दामोदर मंदिर में दोपहर 12 बजे प्रकट होकर कन्हैया ने दिए ONLINE दर्शन

छोटी काशी कहे जाने वाले जयपुर में बुधवार को दिनभर जन्माष्टमी की धूम रही. वैसे तो जयपुर के मंदिरों में बुधवार रात 12 बजे कृष्ण कन्हैया जन्म लेंगे. लेकिन छोटी काशी जयपुर में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां कृष्ण कन्हैया ने दोपहर 12 बजे प्रकट होकर भक्तों को ऑनलाइन दर्शन दिए.

Govind Dev Ji Temple Jaipur, गोविंद देव जी मंदिर जयपुर
कन्हैया ने दिए ONLINE दर्शन
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Published : Aug 12, 2020, 10:24 PM IST

जयपुर. प्रदेश भर के कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी की धूम मची है. ऐसे में जयपुर के मंदिरों में बुधवार रात 12 बजे कान्हा जन्म लेंगे. लेकिन छोटी काशी जयपुर में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां कृष्ण कन्हैया ने दोपहर 12 बजे प्रकट होकर भक्तों को ऑनलाइन दर्शन दिए.

छोटी काशी जयपुर के राधा दामोदर मंदिर का अपना इतिहास रहा है और ये परंपरा है, जो यहां सदियों से चली आ रही है. शहर के चौड़े रास्ते स्थित राधा दामोदर मंदिर में 500 सालों से जन्माष्टमी पर दोपहर 12 बजे कान्हा का जन्म उत्सव मनाने की परंपरा है. जिसका इस बार भी निर्वहन किया गया. हालांकि कोरोना महामारी के चलते इस बार मंदिर के पट भक्तों के लिए बंद रहें.

कन्हैया ने दिए ONLINE दर्शन

इस मंदिर में दामोदर ठाकुर जी के नटखट बाल स्वरूप है और जिस तरह बच्चों को देर रात तक नहीं जगाया जाता. उसी तरह दामोदर जी का भी दोपहर में अभिषेक कर शाम तक नंदोत्सव मनाने के बाद मंदिर का गर्भगृह बंद कर दिया गया.

पढ़ें- छोटी काशी में जन्माष्टमी की धूम, बच्चों ने लड्डू गोपाल का रूप धर मटकी फोड़ी, खाया माखन

दरअसल, राधा दामोदर जी की मूर्ति वृंदावन से तत्कालीन महाराजा सवाई जयसिंह के आग्रह पर जयपुर लाकर स्थापित की गई थी. राधा दामोदर के विग्रह के लिए कहा जाता है कि गोविंद विग्रह के प्राप्तकर्ता रूप स्वामी ने इसका रहस्य निर्माण किया और अपने भतीजे जीव गोस्वामी को सेवा पूजा के लिए सौंप दिया. तब से लेकर अब तक दोपहर 12 बजे ही यहां दूसरे मंदिरों से अलग जन्माष्टमी पर भगवान का अभिषेक होता है.

जयपुर. प्रदेश भर के कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी की धूम मची है. ऐसे में जयपुर के मंदिरों में बुधवार रात 12 बजे कान्हा जन्म लेंगे. लेकिन छोटी काशी जयपुर में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां कृष्ण कन्हैया ने दोपहर 12 बजे प्रकट होकर भक्तों को ऑनलाइन दर्शन दिए.

छोटी काशी जयपुर के राधा दामोदर मंदिर का अपना इतिहास रहा है और ये परंपरा है, जो यहां सदियों से चली आ रही है. शहर के चौड़े रास्ते स्थित राधा दामोदर मंदिर में 500 सालों से जन्माष्टमी पर दोपहर 12 बजे कान्हा का जन्म उत्सव मनाने की परंपरा है. जिसका इस बार भी निर्वहन किया गया. हालांकि कोरोना महामारी के चलते इस बार मंदिर के पट भक्तों के लिए बंद रहें.

कन्हैया ने दिए ONLINE दर्शन

इस मंदिर में दामोदर ठाकुर जी के नटखट बाल स्वरूप है और जिस तरह बच्चों को देर रात तक नहीं जगाया जाता. उसी तरह दामोदर जी का भी दोपहर में अभिषेक कर शाम तक नंदोत्सव मनाने के बाद मंदिर का गर्भगृह बंद कर दिया गया.

पढ़ें- छोटी काशी में जन्माष्टमी की धूम, बच्चों ने लड्डू गोपाल का रूप धर मटकी फोड़ी, खाया माखन

दरअसल, राधा दामोदर जी की मूर्ति वृंदावन से तत्कालीन महाराजा सवाई जयसिंह के आग्रह पर जयपुर लाकर स्थापित की गई थी. राधा दामोदर के विग्रह के लिए कहा जाता है कि गोविंद विग्रह के प्राप्तकर्ता रूप स्वामी ने इसका रहस्य निर्माण किया और अपने भतीजे जीव गोस्वामी को सेवा पूजा के लिए सौंप दिया. तब से लेकर अब तक दोपहर 12 बजे ही यहां दूसरे मंदिरों से अलग जन्माष्टमी पर भगवान का अभिषेक होता है.

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