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अब कालीचरण सराफ ने जताया मंत्री विश्वेंद्र सिंह का आभार, कोरोना जांच में लापरवाही के दोषियों पर कार्रवाई की मांग

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Published : Jun 3, 2020, 3:30 PM IST

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने गहलोत सरकार के मंत्री विश्वेंद्र सिंह का आभार प्रकट किया है. साथ ही यह भी कहा कि विश्वेंद्र सिंह की स्पष्टवादिता के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं. वहीं, कोरोना जांच में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

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सराफ ने जताया मंत्री विश्वेंद्र सिंह का आभार

जयपुर. गहलोत सरकार (Gehlot Government) में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह द्वारा उठाए गए कोरोना (Corona) जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी के मामले में सियासत जारी है. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने Tweet कर इस मामले में अपनी ही सरकार को घेरा तो अब BJP के नेता उन्हें उनकी साफगोई के लिए लगातार शुभकामना और आभार प्रकट कर रहे हैं. चिकित्सा मंत्री और भाजपा के मौजूदा विधायक कालीचरण सराफ ने भी विश्वेंद्र सिंह की स्पष्टवादिता के लिए उन्हें बधाई दी है, साथ ही कोरोना जांच में लापरवाही के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

सराफ ने जताया मंत्री विश्वेंद्र सिंह का आभार

कालीचरण सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि सरकार में पर्यटन मंत्री होने के बावजूद जिस तरह विश्वेंद्र सिंह ने इस लापरवाही को सार्वजनिक रूप से उठाया, इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं. सराफ के अनुसार जयपुर के SMS अस्पताल में विश्वेंद्र सिंह के गनमैन और RTDC स्टाफ की जांच निगेटिव आई, जबकि भरतपुर मेडिकल कॉलेज में यही जांच रिपोर्ट Positive आई. मतलब किसी एक की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी है.

यह भी पढ़ेंः Exclusive: सरकार का आत्मनिर्भर भारत बनाने का प्रयास सकारात्मक, परिणाम जरूर आएंगे: स्पीकर ओम बिरला

ऐसे में गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए. कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा बड़बोले बयान देकर अपनी पीठ थपथपाते हैं, लेकिन विभाग में चल रही इस लापरवाही पर अब तक मौन हैं. सराफ के अनुसार चिकित्सा मंत्री को इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.

राजतंत्र खत्म, लेकिन महाराज का संबोधन जारी...

देश से राजतंत्र की जगह लोकतंत्र ने ले ली है, लेकिन आज भी राजपरिवार से जुड़े सदस्यों को आम बोलचाल में महाराजा राजकुमारी और महारानी जैसे शब्दों से संबोधित किया जाता है. भरतपुर के महाराज रहे पुष्पेंद्र सिंह के ट्वीट के बाद BJP प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के Retweet और विधायक कालीचरण सराफ का बयान इस बात का उदाहरण है. पूनिया के ट्वीट में विश्वेंद्र सिंह को महाराज साहेब कहकर संबोधित किया गया. वहीं कालीचरण सराफ ने भी अपने बयान में विश्वेंद्र सिंह के आगे महाराजा शब्द का इस्तेमाल किया जो आज भी राज परिवार के प्रति उनकी कृतज्ञता को दर्शाता है.

यह भी पढ़ेंः पंचायती राज विभाग ने जारी किए आदेश, महिला जनप्रतिनिधि के स्थान पर किसी का दखल बर्दाश्त नहीं

गौरतलब है कि पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने एक ट्वीट कर भरतपुर में कोरोना की सैंपल जांच को लेकर बहुत ही निराशाजनक लापरवाही उजागर करते हुए लिखा कि एसएमएस अस्पताल से आई हुई निगेटिव रिपोर्ट को भरतपुर मेडिकल कॉलेज द्वारा पॉजिटिव बता दिया गया. इस कारण से पूरे जिले में भय का माहौल व्याप्त है. सिंह ने लिखा था कि हैरानी की बात यह है कि मेरे सुरक्षाकर्मी और आरटीडीसी का स्टाफ पॉजिटिव बता दिया गया जो कि जयपुर की मूल रिपोर्ट में नेगेटिव थे.

सिंह ने लिखा कि मैंने इसकी गहनता से जांच करवाई, तब यह गड़बड़ी उजागर हुई. विश्वेंद्र सिंह ने अपने ट्वीट को सीएम, डिप्टी सीएम और चिकित्सा मंत्री को भी टैग किया था. विश्वेंद्र सिंह के ट्वीट के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी रिपीट कर इस मामले में प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए. साथ ही विश्वेंद्र सिंह का आभार व्यक्त किया. वहीं विधायक कालीचरण सराफ ने भी विश्वेंद्र सिंह का आभार प्रकट करते हुए इस लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की.

जयपुर. गहलोत सरकार (Gehlot Government) में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह द्वारा उठाए गए कोरोना (Corona) जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी के मामले में सियासत जारी है. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने Tweet कर इस मामले में अपनी ही सरकार को घेरा तो अब BJP के नेता उन्हें उनकी साफगोई के लिए लगातार शुभकामना और आभार प्रकट कर रहे हैं. चिकित्सा मंत्री और भाजपा के मौजूदा विधायक कालीचरण सराफ ने भी विश्वेंद्र सिंह की स्पष्टवादिता के लिए उन्हें बधाई दी है, साथ ही कोरोना जांच में लापरवाही के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

सराफ ने जताया मंत्री विश्वेंद्र सिंह का आभार

कालीचरण सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि सरकार में पर्यटन मंत्री होने के बावजूद जिस तरह विश्वेंद्र सिंह ने इस लापरवाही को सार्वजनिक रूप से उठाया, इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं. सराफ के अनुसार जयपुर के SMS अस्पताल में विश्वेंद्र सिंह के गनमैन और RTDC स्टाफ की जांच निगेटिव आई, जबकि भरतपुर मेडिकल कॉलेज में यही जांच रिपोर्ट Positive आई. मतलब किसी एक की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी है.

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ऐसे में गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए. कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा बड़बोले बयान देकर अपनी पीठ थपथपाते हैं, लेकिन विभाग में चल रही इस लापरवाही पर अब तक मौन हैं. सराफ के अनुसार चिकित्सा मंत्री को इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.

राजतंत्र खत्म, लेकिन महाराज का संबोधन जारी...

देश से राजतंत्र की जगह लोकतंत्र ने ले ली है, लेकिन आज भी राजपरिवार से जुड़े सदस्यों को आम बोलचाल में महाराजा राजकुमारी और महारानी जैसे शब्दों से संबोधित किया जाता है. भरतपुर के महाराज रहे पुष्पेंद्र सिंह के ट्वीट के बाद BJP प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के Retweet और विधायक कालीचरण सराफ का बयान इस बात का उदाहरण है. पूनिया के ट्वीट में विश्वेंद्र सिंह को महाराज साहेब कहकर संबोधित किया गया. वहीं कालीचरण सराफ ने भी अपने बयान में विश्वेंद्र सिंह के आगे महाराजा शब्द का इस्तेमाल किया जो आज भी राज परिवार के प्रति उनकी कृतज्ञता को दर्शाता है.

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गौरतलब है कि पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने एक ट्वीट कर भरतपुर में कोरोना की सैंपल जांच को लेकर बहुत ही निराशाजनक लापरवाही उजागर करते हुए लिखा कि एसएमएस अस्पताल से आई हुई निगेटिव रिपोर्ट को भरतपुर मेडिकल कॉलेज द्वारा पॉजिटिव बता दिया गया. इस कारण से पूरे जिले में भय का माहौल व्याप्त है. सिंह ने लिखा था कि हैरानी की बात यह है कि मेरे सुरक्षाकर्मी और आरटीडीसी का स्टाफ पॉजिटिव बता दिया गया जो कि जयपुर की मूल रिपोर्ट में नेगेटिव थे.

सिंह ने लिखा कि मैंने इसकी गहनता से जांच करवाई, तब यह गड़बड़ी उजागर हुई. विश्वेंद्र सिंह ने अपने ट्वीट को सीएम, डिप्टी सीएम और चिकित्सा मंत्री को भी टैग किया था. विश्वेंद्र सिंह के ट्वीट के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी रिपीट कर इस मामले में प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए. साथ ही विश्वेंद्र सिंह का आभार व्यक्त किया. वहीं विधायक कालीचरण सराफ ने भी विश्वेंद्र सिंह का आभार प्रकट करते हुए इस लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की.

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