जयपुर. स्वास्थ्य विभाग द्वारा एन-95 मास्क और पीपीई किट खरीद घोटाले पर सियासत जारी है. पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने घोटाला उजागर होने के बाद आरएमएससीएल विभाग द्वारा टेंडर शर्तों की पुनः समीक्षा करने के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. जिसमें उन्होंने कहा है कि हमने तो 1 महीने पहले ही बकायदा पत्र लिखकर इस संबंध में आगाह कर दिया था. इसके बाद भी खरीद में अधिकारियों से सांठगांठ करके कंपनियां सरकारी खजाने को लूट रही हैं. बावजूद इसके, सरकार ने अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं थी.
कालीचरण सराफ ने बयान जारी कर कहा कि आज देश में अनेक कंपनियां उच्च क्वालिटी के सस्ते एन-95 मस्क बना रही हैं, लेकिन आरएमएससीएल विभाग के अधिकारियों ने कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए मात्र दो ड्रग और सर्जिकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को ही टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी है. इसके साथ ही सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया. जब मामला उजागर हुआ उसके बाद भी दिखावे के लिए समीक्षा की बात की जा रही है.
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कालीचरण सराफ ने कहा कि ऐसा क्यों होता है कि कंपनियां विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत करके जनता को लूटते रहती हैं. लेकिन मामला खुलने के बाद भी सरकार हरकत में नहीं आती है. कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारी मर्जी से शर्तों में बदलाव कर देते हैं और चिकित्सा मंत्री को खबर तक नहीं होती.
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कालीचरण सराफ ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कॉल में आरएमसीएल विभाग के अधिकारियों द्वारा पीपीई किट और 95 मास्क खरीद में गड़बड़ी करके सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. लेकिन सरकार सिर्फ लीपापोती करने में लगी है हुई है. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सरकार जनता को गुमराह करने के लिए टेंडर की समीक्षा का ढोंग कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने की लूट के जिम्मेदार लोगों के नाम को उजागर करे और उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई भी करे.