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जेवीवीएनएल की तकनीकी सहायक परीक्षा में नकल गिरोह का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार

जयपुर में जेवीवीएनएल की तकनीकी सहायक परीक्षा में नकल करवाने वाले दो आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

JVVNL Technical Assistant Exam
तकनीकी सहायक परीक्षा
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Published : Aug 28, 2022, 11:06 PM IST

जयपुर. पुलिस कमिश्नरेट की सेज थाना पुलिस ने जेवीवीएनएल की तकनीकी सहायक की ऑनलाइन परीक्षा में नकल गिरोह का पर्दाफाश करने (Coping gang exposed in Jaipur) में सफलता हासिल की है. पुलिस ने रविवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. ऑनलाइन नकल कराने के गिरोह के दो आरोपी दीपक रोहिल्ला और धर्मवीर को गिरफ्तार किया गया है.

डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा के मुताबिक 27 अगस्त को आयोजित जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL Technical Assistant Exam) की तकनीकी सहायक भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा में नकल गिरोह की ओर से परीक्षार्थियों को नकल कराने की सूचना मिली थी. एडिशनल डीसीपी वेस्ट राम सिंह शेखावत और एसीपी बगरू देवेंद्र सिंह के निर्देशन में स्पेशल टीम गठित हुई. पुलिस ने तकनीकी सहायता के जरिए ऑनलाइन परीक्षा केंद्र रुकमणी देवी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को चेक किया.

कंप्यूटरों से छेड़छाड़ करता हुआ मिलाः परीक्षा केंद्र के द्वितीय मंजिल पर परीक्षा के लिए तैयार की गई लैब पर लगे कंप्यूटरों से एक शख्स छेड़छाड़ करता हुआ मिला. शख्स से परीक्षा केंद्र पर मौजूद होने और परीक्षा के लिए लगे कंप्यूटर के साथ छेड़छाड़ करने का कारण पूछा गया तो वह संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया. आरोपी ने अपना नाम दीपक रोहिल्ला बताया. आरोपी से पूछताछ करने पर सामने आया कि इस सेंटर पर अपने भाई विजय रोहिल्ला, संदीप जाट, आशीष और अमित राणा के कहने पर आया था.

पढ़ें.पटवारी परीक्षाः नकल गिरोह के 11 लोग गिरफ्तार....12-12 लाख रुपए में पास कराने की दी थी गारंटी

संस्थान के परीक्षा केंद्र पर लगे कंप्यूटरों पर एनीडेस्क एप डाउनलोड करके उसकी आईडी अमित राणा को देनी थी. सेंटर पर लगे (Fraud in technical assistant Exam in Jaipur) कंप्यूटर पर इंटरनेट नहीं चलने से यह काम नहीं हो सका. कंप्यूटर पर नेट चलता तो एनीडेस्क एप डाउनलोड करके यहां लगे कंप्यूटरों की एक लाइन में रखे 23 कंप्यूटरों में किसी एक कंप्यूटर का सिस्टम ऑन करके उसकी आईडी अमित राणा को बता देता. पूछताछ में सामने आया कि उसके बताए अनुसार सभी कंप्यूटर ऑन कर देता, जिससे कि अमित राणा आईपी एड्रेस अपने लैपटॉप पर ले लेता और परीक्षा के दौरान स्वयं संचालित करता.

परीक्षार्थी को सिर्फ परीक्षा केंद्र पर 23 में से किसी भी एक कंप्यूटर के सामने बैठना ही था. उसके साथी धर्मवीर ने (JVVNL Exam in Jaipur) प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि उसने आशीष संदीप जाट, विजय रोहिल्ला और अमित राणा के कहने पर परीक्षा में अनेक परीक्षार्थियों से भारी रकम लेकर पास कराने के लिए सौदा तय किया था. इस काम को अंजाम देने के लिए ही यहां पर आया था. परीक्षा केंद्र पर हुई गड़बड़ी के संबंध में जेवीवीएनएल के अधिशाषी अभियंता कन्हैया लाल पटेल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है.

पढ़ें. तकनीकी सहायक भर्ती परीक्षा में ऑनलाइन सिस्टम हैक करके नकल कराने का प्रयास, 7 गिरफ्तार

यह बनाया था प्लानः सेज थाना अधिकारी सत्यपाल सिंह के मुताबिक अभ्यर्थियों से परीक्षा से पहले एडमिट कार्ड व्हाट्सएप के जरिए मंगवाए गए थे. उनमें से यहां इनके गिरोह के सदस्यों की ओर से पहले से चयनित किए गए परीक्षा केंद्रों के परीक्षार्थियों से मूल शैक्षणिक दस्तावेज और खाली चेक बतौर अमानत लिए गए. चयन होने पर रकम मिलते ही दस्तावेज वापस लौटा दिए जाते. परीक्षा केंद्र पर सर्विस प्रोवाइडर से एक नया अनाधिकृत इंटरनेट कनेक्शन लेकर कंप्यूटर लैब तक पहुंचाया गया. इंटरनेट वायर से एक मॉडम को कनेक्ट किया गया और परीक्षा लैब में स्थित लाइन केबल के बॉक्स में छुपाया गया. इससे आगे मॉडम से कंप्यूटर को इंटरनेट देखकर कंप्यूटर को हैक करके चीटिंग की जाती.

परीक्षा केंद्र में एक संदिग्ध कंप्यूटर मिला, जिसमें एनीडेस्क एप कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और टीम विवर इंस्टॉल मिला. जिससे किसी भी कंप्यूटर को दूरदराज बैठा कोई भी व्यक्ति रिमोट के जरिए कंट्रोल कर सकता है. इस नेटवर्क के जरिए पूरी परीक्षा केंद्र को कंट्रोल किया जा सकता था. पुलिस आरोपी से पूछताछ करके मामले की जांच पड़ताल कर रही है.

जयपुर. पुलिस कमिश्नरेट की सेज थाना पुलिस ने जेवीवीएनएल की तकनीकी सहायक की ऑनलाइन परीक्षा में नकल गिरोह का पर्दाफाश करने (Coping gang exposed in Jaipur) में सफलता हासिल की है. पुलिस ने रविवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. ऑनलाइन नकल कराने के गिरोह के दो आरोपी दीपक रोहिल्ला और धर्मवीर को गिरफ्तार किया गया है.

डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा के मुताबिक 27 अगस्त को आयोजित जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL Technical Assistant Exam) की तकनीकी सहायक भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा में नकल गिरोह की ओर से परीक्षार्थियों को नकल कराने की सूचना मिली थी. एडिशनल डीसीपी वेस्ट राम सिंह शेखावत और एसीपी बगरू देवेंद्र सिंह के निर्देशन में स्पेशल टीम गठित हुई. पुलिस ने तकनीकी सहायता के जरिए ऑनलाइन परीक्षा केंद्र रुकमणी देवी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को चेक किया.

कंप्यूटरों से छेड़छाड़ करता हुआ मिलाः परीक्षा केंद्र के द्वितीय मंजिल पर परीक्षा के लिए तैयार की गई लैब पर लगे कंप्यूटरों से एक शख्स छेड़छाड़ करता हुआ मिला. शख्स से परीक्षा केंद्र पर मौजूद होने और परीक्षा के लिए लगे कंप्यूटर के साथ छेड़छाड़ करने का कारण पूछा गया तो वह संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया. आरोपी ने अपना नाम दीपक रोहिल्ला बताया. आरोपी से पूछताछ करने पर सामने आया कि इस सेंटर पर अपने भाई विजय रोहिल्ला, संदीप जाट, आशीष और अमित राणा के कहने पर आया था.

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संस्थान के परीक्षा केंद्र पर लगे कंप्यूटरों पर एनीडेस्क एप डाउनलोड करके उसकी आईडी अमित राणा को देनी थी. सेंटर पर लगे (Fraud in technical assistant Exam in Jaipur) कंप्यूटर पर इंटरनेट नहीं चलने से यह काम नहीं हो सका. कंप्यूटर पर नेट चलता तो एनीडेस्क एप डाउनलोड करके यहां लगे कंप्यूटरों की एक लाइन में रखे 23 कंप्यूटरों में किसी एक कंप्यूटर का सिस्टम ऑन करके उसकी आईडी अमित राणा को बता देता. पूछताछ में सामने आया कि उसके बताए अनुसार सभी कंप्यूटर ऑन कर देता, जिससे कि अमित राणा आईपी एड्रेस अपने लैपटॉप पर ले लेता और परीक्षा के दौरान स्वयं संचालित करता.

परीक्षार्थी को सिर्फ परीक्षा केंद्र पर 23 में से किसी भी एक कंप्यूटर के सामने बैठना ही था. उसके साथी धर्मवीर ने (JVVNL Exam in Jaipur) प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि उसने आशीष संदीप जाट, विजय रोहिल्ला और अमित राणा के कहने पर परीक्षा में अनेक परीक्षार्थियों से भारी रकम लेकर पास कराने के लिए सौदा तय किया था. इस काम को अंजाम देने के लिए ही यहां पर आया था. परीक्षा केंद्र पर हुई गड़बड़ी के संबंध में जेवीवीएनएल के अधिशाषी अभियंता कन्हैया लाल पटेल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है.

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यह बनाया था प्लानः सेज थाना अधिकारी सत्यपाल सिंह के मुताबिक अभ्यर्थियों से परीक्षा से पहले एडमिट कार्ड व्हाट्सएप के जरिए मंगवाए गए थे. उनमें से यहां इनके गिरोह के सदस्यों की ओर से पहले से चयनित किए गए परीक्षा केंद्रों के परीक्षार्थियों से मूल शैक्षणिक दस्तावेज और खाली चेक बतौर अमानत लिए गए. चयन होने पर रकम मिलते ही दस्तावेज वापस लौटा दिए जाते. परीक्षा केंद्र पर सर्विस प्रोवाइडर से एक नया अनाधिकृत इंटरनेट कनेक्शन लेकर कंप्यूटर लैब तक पहुंचाया गया. इंटरनेट वायर से एक मॉडम को कनेक्ट किया गया और परीक्षा लैब में स्थित लाइन केबल के बॉक्स में छुपाया गया. इससे आगे मॉडम से कंप्यूटर को इंटरनेट देखकर कंप्यूटर को हैक करके चीटिंग की जाती.

परीक्षा केंद्र में एक संदिग्ध कंप्यूटर मिला, जिसमें एनीडेस्क एप कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और टीम विवर इंस्टॉल मिला. जिससे किसी भी कंप्यूटर को दूरदराज बैठा कोई भी व्यक्ति रिमोट के जरिए कंट्रोल कर सकता है. इस नेटवर्क के जरिए पूरी परीक्षा केंद्र को कंट्रोल किया जा सकता था. पुलिस आरोपी से पूछताछ करके मामले की जांच पड़ताल कर रही है.

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