ETV Bharat / city

फैमिली कोर्ट के वकील उपराष्ट्रपति से मिलकर बताएंगे समस्या

पारिवारिक न्यायालय का स्थानीय क्षेत्राधिकार एडीजे सांगानेर, बस्सी और चोमूं को दिए जाने के विरोध में फैमिली कोर्ट बार एसोसिएशन का (Judicial boycott) न्यायिक बहिष्कार जारी रहा.

author img

By

Published : Sep 20, 2022, 10:09 PM IST

Judicial boycott,  Family Court Bar Association continues
वकील उपराष्ट्रपति से मिलकर बताएंगे समस्या.

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से पारिवारिक न्यायालय का स्थानीय क्षेत्राधिकार (Judicial boycott) एडीजे सांगानेर, बस्सी और चोमूं को दिए जाने के विरोध में फैमिली कोर्ट बार एसोसिएशन का न्यायिक बहिष्कार जारी रहा. वहीं अब वकील उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिलकर उन्हें समस्याओं से अवगत कराएंगे. इसके अलावा बुधवार को जस्टिस प्रकाश गुप्ता को ज्ञापन सौंपकर 22 सितंबर को जोधपुर मुख्यपीठ (will meet the Vice President) के समक्ष प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है. दी बार एसोसिएशन ने भी फैमिली कोर्ट बार एसोसिएशन को अपना समर्थन दिया है. सेशन कोर्ट के वकील बुधवार को विरोध दर्ज कराते हुए काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करेंगे.

अधिवक्ता संघर्ष समिति के संयोजक पीसी भंडारी और एसोसिएशन अध्यक्ष डीएस शेखावत ने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी कर सांगानेर, बस्सी और चौमूं की एडीजे अदालतों को पारिवारिक न्यायालय की शक्तियां दी हैं. इन अदालतों को स्थानीय पारिवारिक विवादों को सुनने का अधिकार दिया गया है.

पढ़ेंः Judicial boycott: पारिवारिक न्यायालय का क्षेत्राधिकार एडीजे कोर्ट को देने पर न्यायिक बहिष्कार

जबकि पारिवारिक न्यायालय में कैमरा ट्रायल होने और पक्षकारों की गरिमा को देखते हुए इसमें अन्य न्यायिक कार्य नहीं किए जा सकते हैं. नियमित अदालतों में फौजदारी मुकदमों के अपराधियों की पेशियां होती हैं. ऐसे में पारिवारिक मुकदमों की पीड़िताएं ऐसी अदालतों में उपस्थित होने में असहज महसूस करेंगी. इसके अलावा फैमिली कोर्ट के नए भवन के निर्माण के लिए भूमि आवंटन होने के साथ ही नक्शे भी बन चुके हैं. ऐसे में अब इनका क्षेत्राधिकार बांटा नहीं जा सकता.

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से पारिवारिक न्यायालय का स्थानीय क्षेत्राधिकार (Judicial boycott) एडीजे सांगानेर, बस्सी और चोमूं को दिए जाने के विरोध में फैमिली कोर्ट बार एसोसिएशन का न्यायिक बहिष्कार जारी रहा. वहीं अब वकील उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिलकर उन्हें समस्याओं से अवगत कराएंगे. इसके अलावा बुधवार को जस्टिस प्रकाश गुप्ता को ज्ञापन सौंपकर 22 सितंबर को जोधपुर मुख्यपीठ (will meet the Vice President) के समक्ष प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है. दी बार एसोसिएशन ने भी फैमिली कोर्ट बार एसोसिएशन को अपना समर्थन दिया है. सेशन कोर्ट के वकील बुधवार को विरोध दर्ज कराते हुए काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करेंगे.

अधिवक्ता संघर्ष समिति के संयोजक पीसी भंडारी और एसोसिएशन अध्यक्ष डीएस शेखावत ने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी कर सांगानेर, बस्सी और चौमूं की एडीजे अदालतों को पारिवारिक न्यायालय की शक्तियां दी हैं. इन अदालतों को स्थानीय पारिवारिक विवादों को सुनने का अधिकार दिया गया है.

पढ़ेंः Judicial boycott: पारिवारिक न्यायालय का क्षेत्राधिकार एडीजे कोर्ट को देने पर न्यायिक बहिष्कार

जबकि पारिवारिक न्यायालय में कैमरा ट्रायल होने और पक्षकारों की गरिमा को देखते हुए इसमें अन्य न्यायिक कार्य नहीं किए जा सकते हैं. नियमित अदालतों में फौजदारी मुकदमों के अपराधियों की पेशियां होती हैं. ऐसे में पारिवारिक मुकदमों की पीड़िताएं ऐसी अदालतों में उपस्थित होने में असहज महसूस करेंगी. इसके अलावा फैमिली कोर्ट के नए भवन के निर्माण के लिए भूमि आवंटन होने के साथ ही नक्शे भी बन चुके हैं. ऐसे में अब इनका क्षेत्राधिकार बांटा नहीं जा सकता.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.