जयपुर. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा निकाले गए आदेश के खिलाफ पिंक सिटी जयपुर के पत्रकारों ने पैदल मार्च निकाला. काफी संख्या में पिंक सिटी के पत्रकारों ने पैदल मार्च में भाग लिया.
पत्रकारों ने पैदल मार्च से पहले प्रेस क्लब के बाहर धरना दिया और उसके बाद राजभवन के लिए पैदल मार्च शुरू किया. पत्रकारों को सिविल लाइंस फाटक पर पुलिस ने रोक लिया, इस दौरान भारी संख्या में पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा. वहां से एक प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल कल्याण सिंह को ज्ञापन देने के लिए रवाना हुआ.
आपको बता दें, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने विधानसभा में मीडिया पर पाबंदी लगा दी है. पत्रकारों को पत्रकार दीर्घा और पत्रकार कक्ष के अलावा कहीं भी आने-जाने की इजाजत नहीं दी गई है. पत्रकार विधानसभा सत्र के दौरान किसी भी मंत्री और विधायक से ना तो मिल सकेंगे और न ही इंटरव्यू ले सकेंगे. इसके लिए सुरक्षाकर्मी भी लगा दिए गए हैं.
इसके खिलाफ गुरुवार को पत्रकारों ने विधानसभा कार्यवाही कवरेज का भी बहिष्कार किया और सीपी जोशी के कमरे के बाहर धरना भी दिया. गुरुवार को 10:00 बजे खुलने वाली पत्रकार दीर्घा को सुबह 11:05 पर खोला गया. इसके बाद पत्रकारों की सीपी जोशी से वार्ता हुई. सीपी जोशी ने नियमों का हवाला देकर पत्रकारों पर पत्रकार दीर्घा के अलावा अन्य स्थानों पर आने-जाने की पाबंदी हटाने से इनकार कर दिया. इसी के खिलाफ शुक्रवार को पत्रकारों ने पैदल मार्च निकाला.
पैदल मार्च प्रेस क्लब से रवाना होकर अलग-अलग रास्तों से होता हुआ सिविल लाइंस फाटक पहुंचा. यहां भारी मात्रा में पुलिस जाब्ता भी तैनात था. यहां पत्रकारों को रोक लिया गया और एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन दिया.
पिंक सिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष अभय जोशी ने सीपी जोशी के आदेश को आपातकाल की संज्ञा दी है. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चला जाएगा. ऐसी पाबंदी हिंदुस्तान में किसी विधानसभा में नहीं लगाई गई है. उन्होंने कहा कि इस आदेश के खिलाफ वे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, स्पीकर ,सोनिया गांधी, राहुल गांधी आदि को ज्ञापन भी देंगे. जब तक उनकी बात नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
पिंक सिटी प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष सत्य पारीक ने स्पीकर सी पी जोशी के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला. उन्होंने कहा कि सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री को झूठ बोला है. कमेटी ने इस तरह की कोई सिफारिश नहीं की है. इस कमेटी ने इस तरह का कोई निर्णय किया है तो उसकी जांच होनी चाहिए. सरकार को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए. उन्होंने इसे आतंकवादी नियम करार दिया. पारीक ने कहा कि सीपी जोशी केंद्रीय मंत्री के रूप में और महासचिव के रूप में असफल रहे और मुख्यमंत्री बनने में भी असफल रहे. वह कांग्रेस सरकार गिराकर ही रहेंगे.