जयपुर. सरकार की गाइडलाइन जारी होने के बाद कोरोना काल में करीब 10 महीने से बंद स्कूलें 18 जनवरी को खुलेंगी. हालांकि, संयुक्त अभिभावक संघ अभी स्कूल खोलने के सरकार के इस फैसले को जल्दबाजी बता रहा है.
संघ का कहना है कि राज्य सरकार ने अभी तक यह जानकारी नहीं दी है कि 1 लाख से अधिक स्कूलों, 25 लाख से ज्यादा शिक्षकों और करोड़ों बच्चों की मॉनिटरिंग कैसे होगी. इसके साथ ही संघ स्कूल खोलने से पहले शिक्षकों और स्कूल स्टाफ का कोविड टेस्ट करने की भी मांग कर रहा है.
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल का कहना है कि संघ की ओर से पांच अलग-अलग टास्क फोर्स गठित की गई हैं, जो सोमवार को स्कूल खुलने पर कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना को लेकर मॉनिटरिंग करेगी. इसमें लापरवाही सामने आने पर स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 269 और 270 क तहत जान जोखिम में डालने के मामले दर्ज करवाए जाएंगे.
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संघ के लीगल सेल प्रमुख अमित छंगाणी का कहना है कि किसी बीमारी को फैलाने के लिए किया गया लापरवाही भरा काम जिससे अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है. आईपीसी की धारा 269 के तहत दंडनीय अपराध है, जिसमें छह महीने की सजा का प्रावधान है, जबकि धारा 270 के तहत दो साल की सजा का प्रावधान है.