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JDA zone deputy commissioner bribe case: निलंबित उपायुक्त ममता यादव को नहीं मिली जमानत... पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत लेने का आरोप - JDA zone deputy commissioner bribe case

पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत लेने के आरोपों से घिरी जेडीए की तत्कालीन जोन उपायुक्त आरएएस ममता यादव को एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने जमानत देने से इनकार कर (JDA zone deputy commissioner bail rejected) दिया है. जमानत अर्जी में आरोपी ने रिश्वत के आरोपों से इंकार किया और अपने बच्चे के छोटे होने का हवाला दिया.

JDA zone deputy commissioner bribe case
निलंबित उपायुक्त ममता यादव को नहीं मिली जमानत
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Published : Feb 23, 2022, 8:09 PM IST

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत लेने से जुड़े मामले में जेडीए की तत्कालीन जोन उपायुक्त निलंबित आरएएस ममता यादव को जमानत देने से इनकार कर (ACB special court denies bail to accused of bribe) दिया है. अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि प्रार्थी पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

जमानत अर्जी में कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है. उसने न तो राशि की डिमांड की और ना ही उसे रिश्वत लेते ट्रेप किया गया है. मामले में शिकायतकर्ता का पट्टा जारी किया जा चुका था. इसके अलावा उसकी छोटी संतान है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि एसीबी ने जेडीए के संबंधित जोन से जेईएन, एएओ और ऑपरेटर सहित कुल पांच लोगों को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया था.

पढ़ें: ACB Big Action in Alwar : UIT में पकड़ा भ्रष्टाचार का खेल, 32 हजार रुपए की रिश्वत लेते कनिष्ठ लिपिक और दो संविदा कर्मी गिरफ्तार

आरोपी ने पट्टे के बदले लाखों रुपए की रिश्वत मांगी थी. एसीबी का अनुसंधान जारी है. ऐसे में यदि उसे जमानत दी गई, तो वह साक्ष्य को प्रभावित कर सकती है. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया.

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत लेने से जुड़े मामले में जेडीए की तत्कालीन जोन उपायुक्त निलंबित आरएएस ममता यादव को जमानत देने से इनकार कर (ACB special court denies bail to accused of bribe) दिया है. अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि प्रार्थी पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

जमानत अर्जी में कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है. उसने न तो राशि की डिमांड की और ना ही उसे रिश्वत लेते ट्रेप किया गया है. मामले में शिकायतकर्ता का पट्टा जारी किया जा चुका था. इसके अलावा उसकी छोटी संतान है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि एसीबी ने जेडीए के संबंधित जोन से जेईएन, एएओ और ऑपरेटर सहित कुल पांच लोगों को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया था.

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आरोपी ने पट्टे के बदले लाखों रुपए की रिश्वत मांगी थी. एसीबी का अनुसंधान जारी है. ऐसे में यदि उसे जमानत दी गई, तो वह साक्ष्य को प्रभावित कर सकती है. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया.

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