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जेडीए ने सुना नींदड़ के किसानों का पक्ष

जयपुर में जमीन अधिग्रहण के विरोध में संघर्ष कर रहे नींदड़ बचाओ संघर्ष समिति और जेडीए कमेटी के बीच सोमवार को पहले दौर की वार्ता हुई. जिसमें संघर्ष समिति ने अपनी तमाम मांगों को जेडीए कमेटी के सामने रखा है. हालांकि वार्ता के बाद किसी भी बिंदु पर निर्णय नहीं हो पाया है.

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जेडीए ने सुना किसानों का पक्ष
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Published : Jan 13, 2020, 8:08 PM IST

जयपुर. जेडीए की नींदड़ आवासीय योजना को लेकर सोमवार को किसानों और जेडीए कमेटी के बीच वार्ता हुई. जिसमें किसानों की ओर से कमेटी के सामने अपनी डिमांड रखी गई है. हालांकि इस बैठक में किसानों की मांग को लेकर जेडीए की ओर से कोई राय नहीं रखी गई है. वहीं पहले से तय बैठक की औपचारिक सूचना नहीं मिलने के चलते किसान डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे.

जेडीए ने सुना किसानों का पक्ष

बता दें कि किसानों की मांग है कि जयपुर विकास प्राधिकरण नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन अधिग्रहण करें. हालांकि वार्ता के बाद किसी भी बिंदु पर निर्णय नहीं हो पाया है. वहीं जेडीए कमेटी मांगों पर विचार करने के बाद किसानों का पक्ष राज्य सरकार को भी भिजवाएगी.

संघर्ष समिति के नगेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से जयपुर के विकास के लिए जो योजना लाई गई है, उसमें किसान पूरी तरह सहयोग करना चाहते हैं. लेकिन किसानों को नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा मिलना चाहिए. उन्होंने किसानों की मांगों पर सरकार का सकारात्मक रुख होने की बात भी कही है.

पढ़ेंः अब गुण-अवगुण के आधार पर होगी अन्य दलों के नेताओं की बीजेपी में एंट्री, सतीश पूनिया ने दिए संकेत

एडिशनल कमिश्नर गिरीश पाराशर ने कहा कि किसानों की ओर से जो भी मांग रखी गई है, उस पर कमेटी विचार करेगी. साथ ही उन्होंने अगली बैठक की तारीख तय नहीं होने की बात कही है. साथ ही ये भी साफ किया है कि वार्ता नहीं होने तक जेडीए की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी और ना ही किसान किसी तरह का विरोध प्रदर्शन करेंगे.

बता दें कि जेडीए के स्तर पर बैठक की औपचारिक सूचना नहीं मिलने के कारण किसानों का प्रतिनिधिमंडल बैठक में करीब डेढ़ घंटे देरी से पहुंचा गया है. इस दौरान जेडीए के अधिकारी मंथन सभागार में ही इंतजार करते रहे. जबकि मुख्य सचेतक महेश जोशी 40 मिनट इंतजार करने के बाद रवाना हो गए.

जयपुर. जेडीए की नींदड़ आवासीय योजना को लेकर सोमवार को किसानों और जेडीए कमेटी के बीच वार्ता हुई. जिसमें किसानों की ओर से कमेटी के सामने अपनी डिमांड रखी गई है. हालांकि इस बैठक में किसानों की मांग को लेकर जेडीए की ओर से कोई राय नहीं रखी गई है. वहीं पहले से तय बैठक की औपचारिक सूचना नहीं मिलने के चलते किसान डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे.

जेडीए ने सुना किसानों का पक्ष

बता दें कि किसानों की मांग है कि जयपुर विकास प्राधिकरण नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन अधिग्रहण करें. हालांकि वार्ता के बाद किसी भी बिंदु पर निर्णय नहीं हो पाया है. वहीं जेडीए कमेटी मांगों पर विचार करने के बाद किसानों का पक्ष राज्य सरकार को भी भिजवाएगी.

संघर्ष समिति के नगेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से जयपुर के विकास के लिए जो योजना लाई गई है, उसमें किसान पूरी तरह सहयोग करना चाहते हैं. लेकिन किसानों को नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा मिलना चाहिए. उन्होंने किसानों की मांगों पर सरकार का सकारात्मक रुख होने की बात भी कही है.

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एडिशनल कमिश्नर गिरीश पाराशर ने कहा कि किसानों की ओर से जो भी मांग रखी गई है, उस पर कमेटी विचार करेगी. साथ ही उन्होंने अगली बैठक की तारीख तय नहीं होने की बात कही है. साथ ही ये भी साफ किया है कि वार्ता नहीं होने तक जेडीए की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी और ना ही किसान किसी तरह का विरोध प्रदर्शन करेंगे.

बता दें कि जेडीए के स्तर पर बैठक की औपचारिक सूचना नहीं मिलने के कारण किसानों का प्रतिनिधिमंडल बैठक में करीब डेढ़ घंटे देरी से पहुंचा गया है. इस दौरान जेडीए के अधिकारी मंथन सभागार में ही इंतजार करते रहे. जबकि मुख्य सचेतक महेश जोशी 40 मिनट इंतजार करने के बाद रवाना हो गए.

Intro:जयपुर - जेडीए की नींदड़ आवासीय योजना को लेकर आज किसानों और जेडीए कमेटी के बीच वार्ता हुई। जिसमें किसानों ने कमेटी के सामने अपनी डिमांड रखी। हालांकि इस बैठक में किसानों की मांग को लेकर जेडीए की ओर से कोई राय नहीं रखी गई। वहीं पहले से तय बैठक की औपचारिक सूचना नहीं मिलने के चलते किसान डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे।


Body:जमीन अधिग्रहण के विरोध में संघर्ष कर रहे नींदड़ बचाओ संघर्ष समिति और जेडीए कमेटी के बीच आज पहले दौर की वार्ता हुई। जिसमें संघर्ष समिति ने अपनी तमाम मांगों को जेडीए कमेटी के सामने रखा। संघर्ष समिति के नगेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से जयपुर के विकास के लिए जो योजना लाई गई है, उसमें किसान पूरी तरह सहयोग करना चाहते हैं। लेकिन किसानों को नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने किसानों की मांगों पर सरकार का सकारात्मक रुख होने की बात भी कही।
बाईट - नगेंद्र सिंह शेखावत, नींदड़ बचाओ संघर्ष समिति

वहीं जेडीए कमेटी की ओर से एडिशनल कमिश्नर गिरीश पाराशर ने कहा कि किसानों की ओर से जो भी मांग रखी गई है, उस पर कमेटी विचार करेगी। साथ ही उन्होंने अगली बैठक की तारीख तय नहीं होने की बात कही। और ये भी साफ किया कि वार्ता नहीं होने तक जेडीए की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी। और ना ही किसान किसी तरह का विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बाईट - गिरीश पाराशर, एडिशनल कमिश्नर, जेडीए

हालांकि जेडीए के स्तर पर बैठक की औपचारिक सूचना नहीं मिलने के कारण किसानों का प्रतिनिधिमंडल बैठक में करीब डेढ़ घंटे देरी से पहुंचा। इस दौरान जेडीए के अधिकारी मंथन सभागार में ही इंतजार करते रहे। जबकि मुख्य सचेतक महेश जोशी 40 मिनट इंतजार करने के बाद रवाना हो गए।
बाईट - नगेंद्र सिंह शेखावत, नींदड़ बचाओ संघर्ष समिति


Conclusion:आपको बता दें कि किसानों की मांग है कि जयपुर विकास प्राधिकरण नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन अधिग्रहण करें। हालांकि वार्ता के बाद किसी भी बिंदु पर निर्णय नहीं हो पाया है। वहीं जेडीए कमेटी मांगों पर विचार करने के बाद किसानों का पक्ष राज्य सरकार को भी भिजवाएगी।
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