जयपुर. जेडीए ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में 3 लाख पट्टे बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इससे जेडीए को तकरीबन एक हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा. जेडीए की योजनाओं में 2 लाख 7 हजार 738 भूखंडों में से 1 लाख 23 हजार 874 भूखंडों का पट्टा दिया जाएगा. इनके लिए विशेष शिविर लगेंगे.
निजी खातेदारी की 1036 अनुमोदित योजनाओं में पट्टों से शेष रहे भूखंडों की संख्या 50 हजार 396 है. निजी खातेदारी की 142 गैर अनुमोदित योजनाओं में पट्टों से शेष रही भूखंडों की संख्या 15 हजार 819 है. वहीं, गृह निर्माण सहकारी समितियों की 990 अनुमोदित योजनाओं में पट्टों से शेष रहीं भूखंडों की संख्या 26 हजार 275 है. समितियों की नियमन के लिए 1361 योजनाएं लम्बित हैं. भूखंडों की संख्या 1 लाख 832 है.
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इन सुझावों पर दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश...
लैण्ड रिकॉर्ड रूल्स (1957)/राजस्थान काश्तकारी अधिनियम (1955)/राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम (1956), 90ए/90बी से जुड़े प्रकरण
सहकारी समिति की योजनाओं के नियमन से संबंधित प्रकरण
पृथ्वीराज नगर क्षेत्र से संबंधित प्रकरण
मास्टर प्लान/भू-उपयोग से संबंधित प्रकरण
भूमि अवाप्ति अधिनियम से संबंधित प्रकरण
अरबन डिस्पोजल रूल्स 1974/उपविभाजन रूल्स 1975/टाउनशिप पॉलिसी, यूडीएच नियमों से जुड़े अन्य मुद्दे और सुझाव के संबंध में गठित समिति की रिपोर्ट
जेडीए द्वारा जिन प्रकरणों में राज्य सरकार से मार्गदर्शन लिया जाना प्रस्तावित है, उन प्रकरणों को प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में जयपुर संभाग की 26 से 28 अगस्त तक अलवर में आयोजित होने वाली कार्यशाला में फैसला लिया जा सकता है.