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जेसीटीएसएल को अब तक नहीं मिल पाया स्थाई चेयरमैन, दोनों निगम महापौर के बीच फंसा हुआ है पेच

जेसीटीएसएल (जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड) में स्थाई चेयरमैन नहीं (JCTSL has not yet got a permanent chairman) होने से समय पर फाइलें नहीं निकल रही हैं. कर्मचारियों की अपील की सुनवाई नहीं हो रही है। बसों का सही तरीके से रखरखाव नहीं हो पा रहा.

JCTSL has not yet got a permanent chairman
जेसीटीएसएल की बसें
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Published : May 14, 2022, 7:35 PM IST

जयपुर. जेसीटीएसएल (जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड) में स्थाई चेयरमैन नहीं (JCTSL has not yet got a permanent chairman) होने से समय पर फाइलें नहीं निकल रही हैं. कर्मचारियों की अपील की सुनवाई नहीं हो रही है. बसों का सही तरीके से रखरखाव नहीं हो पा रहा. यही नहीं इलेक्ट्रिक बस और नई बसों की खरीद का काम भी अटक गया है. हालांकि सरकार के सामने भी ये सवाल बना हुआ है कि आखिर जेसीटीएसएल का चेयरमैन किसे बनाया जाए. कारण साफ है शहर में दो निगम है, दो महापौर हैं. हालांकि ग्रेटर नगर निगम की महापौर ने ग्रेटर नगर निगम का क्षेत्रफल और जेसीटीएसएल की ज्यादातर बसों का संचालन उनके क्षेत्र में होने का हवाला देते हुए ये जिम्मेदारी उन्हें सौंपने की अपील की है. जबकि हेरिटेज नगर निगम की महापौर ने यह फैसला राज्य सरकार पर छोड़ा है.

जयपुर शहरी ट्रांसपोर्ट लाइफ लाइन कहे जाने वाली जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के चेयरमैन कौन होगा, नाम तय करने में करीब डेढ़ साल का समय बीत गया हैं. लेकिन अभी तक दोनों शहरी सरकार की मुखिया में से एक का भी नाम तय नहीं हो पाया हैं. कारण साफ है किसी एक का नाम तय करने से विवाद हो सकता है, और सरकार फिलहाल इस विवाद से बचना चाहती है. लेकिन इसका खामियाजा खुद जेसीटीएसएल को ही भुगतना पड़ रहा है. फिर चाहे कर्मचारियों के स्थायीकरण का प्रकरण हो या नई बसों की खरीद का.

सौम्या गुर्जर, महापौर, ग्रेटर निगम जयपुर

पढ़े:JCTSL का स्टैंडिंग ऑर्डर अब तक पंजीकृत नहीं, सैकड़ों कर्मचारी टर्मिनेट...महंगाई भत्ता और इंक्रीमेंट भी अटका

हालांकि इस संबंध में ग्रेटर निगम महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि जेसीटीएसएल के चेयरमैन पद को लेकर राज्य सरकार को पत्र भी लिख चुके हैं. चूंकि इन बसों में सवार होने वाली आम जनता चेयरमैन नहीं होने से प्रभावित हो रही है. फिर चाहे रूट की बात हो या बसों के रखरखाव का विषय हो. 70 से 80 फीसदी बसें ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में चलती है, और यहां रूट भी लंबे हैं. यही नहीं ग्रेटर नगर निगम हेरिटेज की तुलना में ढाई गुना बड़ा है. ऐसे में जेसीटीएसएल के चेयरमैन की जिम्मेदारी ग्रेटर नगर निगम को मिलनी चाहिए. जेसीटीएसएल के संचालित बसों के आंकड़ों पर नजर डाले तो जेसीटीएसएल टोडी, बगराना और विद्याधर नगर डिपो से रोजाना करीब 275 बसों का संचालन कर रही है. जिनमें 50 मिडी बसें भी शामिल है. जानकारी के अनुसार करीब 175 से ज्यादा बसों का संचालन ग्रेटर नगर निगम में हो रहा है.

जयपुर. जेसीटीएसएल (जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड) में स्थाई चेयरमैन नहीं (JCTSL has not yet got a permanent chairman) होने से समय पर फाइलें नहीं निकल रही हैं. कर्मचारियों की अपील की सुनवाई नहीं हो रही है. बसों का सही तरीके से रखरखाव नहीं हो पा रहा. यही नहीं इलेक्ट्रिक बस और नई बसों की खरीद का काम भी अटक गया है. हालांकि सरकार के सामने भी ये सवाल बना हुआ है कि आखिर जेसीटीएसएल का चेयरमैन किसे बनाया जाए. कारण साफ है शहर में दो निगम है, दो महापौर हैं. हालांकि ग्रेटर नगर निगम की महापौर ने ग्रेटर नगर निगम का क्षेत्रफल और जेसीटीएसएल की ज्यादातर बसों का संचालन उनके क्षेत्र में होने का हवाला देते हुए ये जिम्मेदारी उन्हें सौंपने की अपील की है. जबकि हेरिटेज नगर निगम की महापौर ने यह फैसला राज्य सरकार पर छोड़ा है.

जयपुर शहरी ट्रांसपोर्ट लाइफ लाइन कहे जाने वाली जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के चेयरमैन कौन होगा, नाम तय करने में करीब डेढ़ साल का समय बीत गया हैं. लेकिन अभी तक दोनों शहरी सरकार की मुखिया में से एक का भी नाम तय नहीं हो पाया हैं. कारण साफ है किसी एक का नाम तय करने से विवाद हो सकता है, और सरकार फिलहाल इस विवाद से बचना चाहती है. लेकिन इसका खामियाजा खुद जेसीटीएसएल को ही भुगतना पड़ रहा है. फिर चाहे कर्मचारियों के स्थायीकरण का प्रकरण हो या नई बसों की खरीद का.

सौम्या गुर्जर, महापौर, ग्रेटर निगम जयपुर

पढ़े:JCTSL का स्टैंडिंग ऑर्डर अब तक पंजीकृत नहीं, सैकड़ों कर्मचारी टर्मिनेट...महंगाई भत्ता और इंक्रीमेंट भी अटका

हालांकि इस संबंध में ग्रेटर निगम महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि जेसीटीएसएल के चेयरमैन पद को लेकर राज्य सरकार को पत्र भी लिख चुके हैं. चूंकि इन बसों में सवार होने वाली आम जनता चेयरमैन नहीं होने से प्रभावित हो रही है. फिर चाहे रूट की बात हो या बसों के रखरखाव का विषय हो. 70 से 80 फीसदी बसें ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में चलती है, और यहां रूट भी लंबे हैं. यही नहीं ग्रेटर नगर निगम हेरिटेज की तुलना में ढाई गुना बड़ा है. ऐसे में जेसीटीएसएल के चेयरमैन की जिम्मेदारी ग्रेटर नगर निगम को मिलनी चाहिए. जेसीटीएसएल के संचालित बसों के आंकड़ों पर नजर डाले तो जेसीटीएसएल टोडी, बगराना और विद्याधर नगर डिपो से रोजाना करीब 275 बसों का संचालन कर रही है. जिनमें 50 मिडी बसें भी शामिल है. जानकारी के अनुसार करीब 175 से ज्यादा बसों का संचालन ग्रेटर नगर निगम में हो रहा है.

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