जयपुर. प्रदेश में जेसीटीएसएल कार्यवाहक एमडी और ओएसडी वीरेंद्र वर्मा के एसीबी ट्रैप होने के बाद अब ग्रेटर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर बृजेश चांदोलिया को जेसीटीएसएल के ओएसडी पद पर भी लगाया गया है. स्वायत्त शासन विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी किए हैं.
बता दें कि बीते 7 मार्च को राजस्थान एसीबी ने 4 लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए जेसीटीएसएल के एमडी वीरेंद्र वर्मा सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. उसी दिन सुबह जयपुर वासियों के लिए जेसीटीएसएल की तरफ से 50 नई मिनी बसों का संचालन शुरू किया गया था.
हालांकि ये बसें भ्रष्टाचार की बुनियाद पर शुरू हुई हैं. चूंकि इन बसों को जयपुर में संचालन और बगराना डिपो में ट्रांसपोर्ट कंपनी को तमाम भौतिक सुविधाएं मुहैया करवाने के एवज में वीरेंद्र वर्मा ने 10 लाख रुपए की घूस की मांग की थी. वहीं, एसीबी की ओर से जेसीटीएसएल और निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी की घूसखोरी का पर्दाफाश करने के बाद फिलहाल मामले की और परतें खोलने के लिए पड़ताल की जा रही है.
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इस बीच स्वायत्त शासन विभाग ने ग्रेटर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर बृजेश चांदोलिया को जेसीटीएसएल के ओएसडी पद पर भी लगाया गया है. चूंकि बहुत जल्द जेसीटीएसएल के बेड़े से इलेक्ट्रिक और डीजल बस जुड़ने वाली है. ऐसे में इस पद को रिक्त नहीं रखा जा सकता.
जानकारी अनुसार जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड में घूस देने वाले व्यवसाय नरेश सिंघल की जमानत खारिज कर दी गई है. पारस ट्रेवल दिल्ली के मालिक नरेश सिंघल को एसीबी ने 4 लाख रुपए देते हुए 6 मार्च को ट्रैप किया था. इस प्रकरण में कार्यवाहक एमडी वीरेंद्र वर्मा और मध्यस्थ महेश गोयल भी जेल में हैं. मामला मिडी बसों के संचालन में मदद की एवज में दी गई घूस का है.