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जार्ड ने इंटर्न डॉक्टर्स के स्टाइपेंड बढ़ाने की रखी मांग, सीएम को लिखा लेटर

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) ने इंटर चिकित्सकों के स्टाइपेंड को बढ़ाने की मांग रखी है और इसे लेकर एक लेटर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखा गया है. मामले को लेकर जार्ड का कहना है कि राजस्थान एक समृद्ध राज्य है और यहां एमबीबीएस पास किया हुआ इंटर चिकित्सक सिर्फ 7000 प्रतिमाह स्टाइपेंड में अपना गुजारा कर रहा है.

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जार्ड ने इंटर्न डॉक्टर्स के स्टाइपेंड बढ़ाने की रखी मांग
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Published : Oct 13, 2020, 12:26 PM IST

जयपुर. राजधानी में जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) ने इंटर चिकित्सकों के स्टाइपेंड को बढ़ाने की मांग रखी है और इसे लेकर एक लेटर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखा गया है. मामले को लेकर जार्ड का कहना है कि राजस्थान एक समृद्ध राज्य है और यहां एमबीबीएस पास किया हुआ इंटर चिकित्सक सिर्फ 7000 प्रतिमाह स्टाइपेंड में अपना गुजारा कर रहा है.

उन्होंने यह भी कहा कि बीते कुछ सालों से स्टाइपेंड में किसी तरह की कोई वृद्धि सरकार द्वारा नहीं की गई है जबकि सरकार द्वारा कॉलेज फीस और हॉस्टल फीस में समय-समय पर बढ़ोतरी की जा रही है उनका कहना है कि जो फीस 5,000 सालाना हुआ करती थी वह अब बढ़कर 60, 000 सालाना कर दी गई है लेकिन चिकित्सकों का स्टाइपेंड सालों तक नहीं बड़ा है. कोविड-19 की महामारी के समय भी एमबीबीएस इंटर्न चिकित्सकों ने दी जान से काम किया है और फ्रंटलाइन कोविड-19 योद्धा की तरह सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन बावजूद इसके सिर्फ 7, 000 वेतन में अपना गुजारा भी कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः बड़ी खबरः सीकर में पत्थरों से मारकर बुजुर्ग की हत्या

अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे कम

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि बाकी राज्यों के मुकाबले राजस्थान में इंटर चिकित्सकों का स्टाइपेंड काफी कम है. जहां एम्स में करीब 23, 500 रुपए स्टाइपेंड के तौर पर मिलते हैं. वहीं अन्य राज्यों में भी करीब स्टाइपेंड 15, 000 से ऊपर है. ऐसे में सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन ही इंटर्न चिकित्सकों को दिया जा रहा है और अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

जयपुर. राजधानी में जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) ने इंटर चिकित्सकों के स्टाइपेंड को बढ़ाने की मांग रखी है और इसे लेकर एक लेटर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखा गया है. मामले को लेकर जार्ड का कहना है कि राजस्थान एक समृद्ध राज्य है और यहां एमबीबीएस पास किया हुआ इंटर चिकित्सक सिर्फ 7000 प्रतिमाह स्टाइपेंड में अपना गुजारा कर रहा है.

उन्होंने यह भी कहा कि बीते कुछ सालों से स्टाइपेंड में किसी तरह की कोई वृद्धि सरकार द्वारा नहीं की गई है जबकि सरकार द्वारा कॉलेज फीस और हॉस्टल फीस में समय-समय पर बढ़ोतरी की जा रही है उनका कहना है कि जो फीस 5,000 सालाना हुआ करती थी वह अब बढ़कर 60, 000 सालाना कर दी गई है लेकिन चिकित्सकों का स्टाइपेंड सालों तक नहीं बड़ा है. कोविड-19 की महामारी के समय भी एमबीबीएस इंटर्न चिकित्सकों ने दी जान से काम किया है और फ्रंटलाइन कोविड-19 योद्धा की तरह सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन बावजूद इसके सिर्फ 7, 000 वेतन में अपना गुजारा भी कर रहे हैं.

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अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे कम

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि बाकी राज्यों के मुकाबले राजस्थान में इंटर चिकित्सकों का स्टाइपेंड काफी कम है. जहां एम्स में करीब 23, 500 रुपए स्टाइपेंड के तौर पर मिलते हैं. वहीं अन्य राज्यों में भी करीब स्टाइपेंड 15, 000 से ऊपर है. ऐसे में सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन ही इंटर्न चिकित्सकों को दिया जा रहा है और अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

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