जयपुर. माता सीता का अवतरण दिवस मंगलवार को जानकी नवमी के रूप में मनाया जा रहा है. आज के दिन भगवान राम और माता सीता का नाम लेकर किए गए धार्मिक कार्य से सभी सांसारिक सुख प्राप्त होंगे. चूंकि जानकी नवमी स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त माना गया है, ऐसे में जयपुर जिले में 1800 से ज्यादा विवाह होंगे. इसमें कई विवाह सम्मेलन भी शामिल हैं.
ज्योतिषाचार्य डॉ. अमित व्यास के अनुसार हिंदू संस्कृति के अनुसार आज जानकी नवमी मनाई जा रही है. इसी दिन माता सीता का धरती पर अवतरण हुआ था. चूंकि वो जनक की पुत्री थी, इसलिए उन्हें जानकी कहा गया. जानकी नवमी का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन यदि कोई भी जप-तप, पूजा-दान करता है तो उसे संपूर्ण सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी को काफी शुभ माना जाता है. इस दिन राम और सीता का नाम लेकर यदि कोई व्रत करते हैं, तो निश्चित तौर पर जीवन में आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण करने में सहायता मिलती है. साथ ही संपूर्ण सुख और मरणोपरांत मोक्ष प्राप्ति का भी मार्ग खुलता है. यही नहीं आज के दिन स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त है जिसे विवाह के लिए श्रेष्ठ माना जाता है.
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बता दें कि आज दिन भर मांगलिक कार्यों का शुभ मुहूर्त है. वहीं, राम मंदिरों में भगवान राम और माता सीता का विशेष शृंगार कर पूजा अर्चना की जा रही है. शाम को चांदपोल स्थिति रामचंद्र मंदिर में संध्या आरती के समय 51 हवाई तोपों की सलामी देकर बधाई गान होगा. जबकि गलता तीर्थ में सीता जी के स्वयंवर, वनवास और राज्य अभिषेक के प्राचीन विग्रहों का अभिषेक होगा. वहीं, सेवा भारती समिति की ओर से श्री राम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 26 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे.