जयपुर. लोगों के घरों में लगे नल में पानी पहुंचे, इसके लिए प्रदेश में 6 हजार से अधिक जनता जल योजना के कर्मचारी दिन-रात काम में लगे रहते हैं. पानी पहुंचने में थोड़ी देरी हुई तो हजारों शिकायतें पहुंच जाती हैं, लेकिन ये कर्मचारी 20 साल से सरकार के सामने नियमित करने की मांग कर रहे हैं, जिस पर किसी का कोई ध्यान नहीं है.
जनता जल योजना, श्रमिक यूनियन राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद राय अग्रवाल ने बताया कि साल 1994 में सरकार ने न्यूनतम मानदेय पर जनता जल योजना में कर्मचारियों की भर्ती की थी. इसके बाद से साल 2001 से इन कर्मचारियों को नियमित करने की मांग तेज हुई. प्रदेश में सरकारें आईं और गईं, लेकिन बजट घोषणा में इन कर्मचारियों को नियमित करने की बात नहीं की गई.
![श्रमिक यूनियन राजस्थान, कमर्चारियों को न्याय की उम्मीद, न्याय की गुहार, जयपुर न्यूज, राजस्थान न्यूज, पानी पहुंचाने की योजना, jaipur news, rajasthan news, Plead for justice, Employees expect justice, Labor union Rajasthan, Public water scheme](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9533542_1.jpg)
करीब 7 साल पहले मंत्रिमंडल उपसमिति ने भी इन कर्मचारियों के पक्ष में रिपोर्ट दी. उसके बाद प्रदेश की सबसे बड़ी अदालत हाईकोर्ट ने भी जनता जल योजना कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया. बावजूद इसके अभी तक इन्हें नियमित नहीं किया गया.
यह भी पढ़ें: निकाय चुनाव में कौन मारेगा दांव, भाजपा अपना 'किला' बचाने में जुटी तो कांग्रेस जीत के साथ इतिहास रचने को तैयार
प्रहलाद राय अग्रवाल ने बताया कि मंत्रिमंडल उपसमिति ने लंबित तकनीकी भर्ती में इन कर्मचारियों को बोनस अंक देकर नियुक्ति देने की शिफारिस की थी. वहीं हाईकोर्ट ने भी कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया. अवमानना की कार्रवाई से बचने के लिए कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव ने नियुक्ति देने की अंडर टेकिंग भी दी हुई है. क्रामिक विभाग ने फाइल को अनुमोदित भी कर दिया, लेकिन दुर्भाग्य है कि प्रशासनिक अधिकारी फाइल को आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं. हालात यह है कि कई कर्मचारी तो नियमितीकरण की आस लिए रिटायर होने की कगार पर पहुंच गए हैं.