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Jal Jeevan Mission Rajasthan: बिना पेयजल सोर्स के अधिकारियों ने बना डाली योजनाएं, भाजपा ने खामियों पर उठाए सवाल - Rajasthan Hindi News

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission Rajasthan) के तहत हर घर नल से जल अभियान की शुरुआत की थी. इस लक्ष्य को 5 वर्षों में यानी वर्ष 2024 तक पूरा करना है. जल जीवन योजना के अंतर्गत प्रदेश में भी योजनाएं बनाई जा रही है. भाजपा के विधायक रामलाल शर्मा ने बिना पेयजल सोर्स वाले इलाकों में भी ये योजनाएं बनाने का आरोप लगाया है.

Jal Jeevan Mission Rajasthan
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Published : Jan 16, 2022, 4:22 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना जल जीवन योजना (Jal Jeevan Mission Rajasthan) के अंतर्गत प्रदेश में बनाई जा रही योजनाओं में प्रदेश के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. भाजपा का आरोप है कि अधिकारियों ने बिना पेयजल सोर्स वाले इलाकों में भी ये योजनाएं बना डाली साथ ही कम आबादी वाले क्षेत्र में अधिक राशि की और ज्यादा आबादी वाले क्षेत्र में कम लागत की योजनाएं बनाने का काम भी अधिकारी कर रहे हैं.

प्रत्येक व्यक्ति को मिले स्वच्छ जल

जल जीवन मिशन पर रामलाल शर्मा का आरोप

भाजपा के विधायक और मुख्य प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने अपने विधानसभा क्षेत्र चोमू का उदाहरण देते हुए प्रदेश सरकार और अधिकारियों पर यह आरोप लगाए है. शर्मा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि 2024 तक देश के प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ जल मिल सके और उसके घर तक नल का पानी पहुंच सके. इसके लिए लाखों करोड़ों रुपए की जल जीवन मिशन योजना (Jal Jeevan Mission Rajasthan) बनाई गई है. लेकिन राजस्थान सरकार के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इस योजना में कई प्रकार की खामी पैदा हो गई जिससे आमजन को जल मिलना मुश्किल हो जाएगा.

यह भी पढ़ें - सरपंचों की नहीं सुन रहे अभियंताओं और ठेकेदारों पर करें प्रभावी कार्रवाई : जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

पेयजल योजना बनाने में लापरवाही

शर्मा ने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में भी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से जिस गांव की आबादी 3 हजार है, उस गांव के अंदर 2 करोड की पेयजल योजना बनाई गई. जबकि जिस गांव की आबादी 1 हजार है वहां 5 करोड़ की पेयजल योजना बनाई गई है. पेयजल योजना बनाने में लापरवाही बरती गई है. कई ग्राम पंचायत ऐसी जहां पानी बिल्कुल भी नहीं है और वाटर लेवल नहीं होने की वजह से कई किलोमीटर बाहर जाकर दूसरे ग्राम पंचायतों से पानी लाकर उन ग्राम पंचायतों को पानी पिलाया जा रहा है.

यह भी पढ़ें - Jal Jeevan Mission Review Meeting: टाइमलाइन में पूरे हों जल जीवन मिशन के सभी कार्य- CM अशोक गहलोत

हर व्यक्ति को मिले योजना का लाभ

अब अधिकारियों की लापरवाही से निजी सेक्टर जिन एजेंसियों को सर्वे का काम दिया गया है उन सर्वे एजेंसी की ओर से पेयजल के लिए जो सोर्स लिए गए हैं, उस ग्राम पंचायत के अंदर पेयजल के सोर्स है ही नहीं. अधिकारियों से बात करते हैं तो अधिकारी कहते हैं कि अब तो टेंडर लग चुके हैं और अब तो जब तक सोर्स सूखा जाएगा, उसके बाद ही हम तो संशोधन कर सकते हैं, उससे पहले स्कीम में संशोधन नहीं किया जा सकता. रामलाल ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि इस प्रकार की खामियों को दुरुस्त करने के लिए जो पेयजल योजनाएं बनी हुई है उनको अभी से दुरुस्त किया जाए. इस योजना का लाभ हर व्यक्ति को मिल सके, उसके अनुसार योजना बनाई जाए.

जयपुर. केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना जल जीवन योजना (Jal Jeevan Mission Rajasthan) के अंतर्गत प्रदेश में बनाई जा रही योजनाओं में प्रदेश के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. भाजपा का आरोप है कि अधिकारियों ने बिना पेयजल सोर्स वाले इलाकों में भी ये योजनाएं बना डाली साथ ही कम आबादी वाले क्षेत्र में अधिक राशि की और ज्यादा आबादी वाले क्षेत्र में कम लागत की योजनाएं बनाने का काम भी अधिकारी कर रहे हैं.

प्रत्येक व्यक्ति को मिले स्वच्छ जल

जल जीवन मिशन पर रामलाल शर्मा का आरोप

भाजपा के विधायक और मुख्य प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने अपने विधानसभा क्षेत्र चोमू का उदाहरण देते हुए प्रदेश सरकार और अधिकारियों पर यह आरोप लगाए है. शर्मा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि 2024 तक देश के प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ जल मिल सके और उसके घर तक नल का पानी पहुंच सके. इसके लिए लाखों करोड़ों रुपए की जल जीवन मिशन योजना (Jal Jeevan Mission Rajasthan) बनाई गई है. लेकिन राजस्थान सरकार के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इस योजना में कई प्रकार की खामी पैदा हो गई जिससे आमजन को जल मिलना मुश्किल हो जाएगा.

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पेयजल योजना बनाने में लापरवाही

शर्मा ने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में भी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से जिस गांव की आबादी 3 हजार है, उस गांव के अंदर 2 करोड की पेयजल योजना बनाई गई. जबकि जिस गांव की आबादी 1 हजार है वहां 5 करोड़ की पेयजल योजना बनाई गई है. पेयजल योजना बनाने में लापरवाही बरती गई है. कई ग्राम पंचायत ऐसी जहां पानी बिल्कुल भी नहीं है और वाटर लेवल नहीं होने की वजह से कई किलोमीटर बाहर जाकर दूसरे ग्राम पंचायतों से पानी लाकर उन ग्राम पंचायतों को पानी पिलाया जा रहा है.

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हर व्यक्ति को मिले योजना का लाभ

अब अधिकारियों की लापरवाही से निजी सेक्टर जिन एजेंसियों को सर्वे का काम दिया गया है उन सर्वे एजेंसी की ओर से पेयजल के लिए जो सोर्स लिए गए हैं, उस ग्राम पंचायत के अंदर पेयजल के सोर्स है ही नहीं. अधिकारियों से बात करते हैं तो अधिकारी कहते हैं कि अब तो टेंडर लग चुके हैं और अब तो जब तक सोर्स सूखा जाएगा, उसके बाद ही हम तो संशोधन कर सकते हैं, उससे पहले स्कीम में संशोधन नहीं किया जा सकता. रामलाल ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि इस प्रकार की खामियों को दुरुस्त करने के लिए जो पेयजल योजनाएं बनी हुई है उनको अभी से दुरुस्त किया जाए. इस योजना का लाभ हर व्यक्ति को मिल सके, उसके अनुसार योजना बनाई जाए.

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