जयपुर. राजस्थान भाजपा में पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी की घर वापसी ने कई नेताओं के लिए भाजपा के दरवाजे खोल दिए हैं. इसमें राजकुमार रिणवा और सुरेंद्र गोयल जैसे पूर्व मंत्री शामिल है, जो टिकट नहीं मिलने पर भाजपा से नाराज होकर पहले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़े और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए. लेकिन, सबसे ज्यादा नजर और चर्चा अगर किसी नेता की है तो वह है पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह की. कहा जा रहा है कि घनश्याम तिवाड़ी के बाद भाजपा के दिग्गज नेता रहे जसवंत सिंह के बेटे और पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह की भी घर वापसी के प्रयास भाजपा में तेज हो गए हैं.
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इसका कारण भी है कि जिस तरीके से घनश्याम तिवाड़ी को वसुंधरा राजे का धुर विरोधी माना जाता था. उसी तरीके से मानवेंद्र सिंह और उनके पिता जसवंत सिंह की भी वसुंधरा राजे से लंबी अदावत रही. हालांकि, अभी मानवेंद्र सिंह खेमे से इस बात को लेकर किसी तरीके की चर्चा नहीं की जा रही है. लेकिन, लोकसभा चुनाव के बाद जिस तरीके से मानवेंद्र सिंह कांग्रेस में अलग-थलग पड़े हैं. उसके बाद कहा जा रहा है कि वह कांग्रेस की राजनीति में फिट नहीं हो पा रहे हैं. मानवेंद्र सिंह विधानसभा चुनाव से ठीक पहले साल 2018 में कांग्रेस में शामिल हुए और वसुंधरा राजे से उनकी अदावत ही कारण बना की उन्हें कांग्रेस ने वसुंधरा राजे के सामने झालरापाटन से विधानसभा चुनाव लड़वाया.
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हालांकि, वह चुनाव में हार गए. उसके बाद कांग्रेस ने उन्हें बाड़मेर लोकसभा का टिकट भी दिया. लेकिन, यहां भी उन्हें हार मिली. उसके बाद से मानवेंद्र सिंह का कांग्रेस पार्टी में फिलहाल कोई रोल नहीं दिखाई दे रहा है. न तो वह किसी कांग्रेस के कार्यक्रम में नजर आते हैं और न ही कांग्रेस के नेताओं के साथ. हालांकि, मानवेंद्र सिंह को राहुल गांधी के करीबियों में माना जाता है और वह उनकी सलाह पर ही कांग्रेस में शामिल हुए थे. अब अगर अगले 2 महीने में कांग्रेस में होने वाले संगठन के गठन और राजनीतिक नियुक्तियों में मानवेंद्र सिंह का नाम शामिल नहीं हुआ तो यह साफ इशारा होगा कि मानवेंद्र सिंह भाजपा में वापसी कर सकते हैं.