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जयपुर रिंग रोड प्रोजेक्ट का काम फिर अटका, रेलवे ने लगाया अड़ंगा

Jaipur Ring Road Rroject का काम पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है. इस प्रोजेक्ट में एक बार फिर रेलवे प्रशासन ने अड़ंगा लगा दिया है. रिंग रोड के बीच आ रही जयपुर-दिल्ली रेलवे लाइन पर ROB का काम पूरा होने से पहले रेलवे प्रशासन ने 6 करोड़ रुपए की मांग की है. जिसके चलते NHAI और रेलवे प्रशासन में विवाद छिड़ गया है और काम आखिरी चरण में जाकर रूक गया है.

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जयपुर रिंग रोड प्रोजेक्ट का काम रूका
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Published : Jan 4, 2020, 1:06 PM IST

जयपुर. राजधानी की महत्वाकांक्षी परियोजना रिंग रोड का काम एक बार फिर अधर में लटक गया है. जयपुर-दिल्ली रेलवे लाइन पर गर्डर टेक्नोलॉजी से बन रहे ROB के स्टील ब्रिज को रखने की रेलवे प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है. रेलवे प्रशासन ने NHAI से करीब 6 करोड़ रुपए की मांग की है, जबकि NHAI ये रकम देने को तैयार नहीं.

जयपुर रिंग रोड प्रोजेक्ट का काम रूका

दरअसल रेलवे प्रशासन और NHAI के बीच हुए MoU में ये तय हुआ था, कि रिंग रोड के निर्माण को लेकर दोनों विभाग एक दूसरे से किसी तरह का शुल्क नहीं लेंगे. रिंग रोड निर्माण में 2 रेलवे लाइन बीच में आ रही हैं. इन पर काम करने के लिए अब रेलवे प्रशासन NHAI से मेंटेनेंस सहित अन्य शुल्क मिलाकर 6 करोड़ रुपए की मांग कर रहा है. जबकि NHAI एमओयू का हवाला देकर पैसा देने से मना कर रहा है.

पढ़ेंः जयपुर : सामोद में फांसी का फंदा लगा युवक ने की खुदकुशी

बता दें, कि मौखिक मंजूरी के बाद NHAI ने जयपुर-सवाई माधोपुर आरओबी का काम तो पूरा कर लिया है. लेकिन इस विवाद के चलते एक आरओबी का काम अंतिम चरण में अटक गया है. साथ ही एनएचएआई का दावा है, कि यदि रेलवे मंजूरी देता है तो 3 महीने में काम पूरा हो जाएगा. लेकिन फिलहाल पैसों को लेकर दोनों विभागों के बीच पत्र विवाद शुरू हो गया है.

जयपुर. राजधानी की महत्वाकांक्षी परियोजना रिंग रोड का काम एक बार फिर अधर में लटक गया है. जयपुर-दिल्ली रेलवे लाइन पर गर्डर टेक्नोलॉजी से बन रहे ROB के स्टील ब्रिज को रखने की रेलवे प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है. रेलवे प्रशासन ने NHAI से करीब 6 करोड़ रुपए की मांग की है, जबकि NHAI ये रकम देने को तैयार नहीं.

जयपुर रिंग रोड प्रोजेक्ट का काम रूका

दरअसल रेलवे प्रशासन और NHAI के बीच हुए MoU में ये तय हुआ था, कि रिंग रोड के निर्माण को लेकर दोनों विभाग एक दूसरे से किसी तरह का शुल्क नहीं लेंगे. रिंग रोड निर्माण में 2 रेलवे लाइन बीच में आ रही हैं. इन पर काम करने के लिए अब रेलवे प्रशासन NHAI से मेंटेनेंस सहित अन्य शुल्क मिलाकर 6 करोड़ रुपए की मांग कर रहा है. जबकि NHAI एमओयू का हवाला देकर पैसा देने से मना कर रहा है.

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बता दें, कि मौखिक मंजूरी के बाद NHAI ने जयपुर-सवाई माधोपुर आरओबी का काम तो पूरा कर लिया है. लेकिन इस विवाद के चलते एक आरओबी का काम अंतिम चरण में अटक गया है. साथ ही एनएचएआई का दावा है, कि यदि रेलवे मंजूरी देता है तो 3 महीने में काम पूरा हो जाएगा. लेकिन फिलहाल पैसों को लेकर दोनों विभागों के बीच पत्र विवाद शुरू हो गया है.

Intro:जयपुर - रिंग रोड प्रोजेक्ट का काम पूरा होने का नाम नहीं ले रहा। इस प्रोजेक्ट में एक बार फिर रेलवे प्रशासन ने अड़ंगा लगा दिया है। रिंग रोड के बीच आ रही जयपुर-दिल्ली रेलवे लाइन पर आरओबी का काम पूरा होने से पहले रेलवे प्रशासन ने 6 करोड रुपए की मांग की है। जिसके चलते एनएचएआई और रेलवे प्रशासन में विवाद छिड़ गया है। और काम आखिरी चरण में जाकर रुक गया है।


Body:जयपुर की महत्वाकांक्षी परियोजना रिंग रोड का काम एक बार फिर अधर में लटक गया है। जयपुर-दिल्ली रेलवे लाइन पर गर्डर टेक्नोलॉजी से बन रहे आरओबी के स्टील ब्रिज को रखने की रेलवे प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है। रेलवे प्रशासन ने एनएचएआई से करीब 6 करोड रुपए की मांग की है, जबकि एनएचएआई ये रकम देने को तैयार नहीं। दरअसल, रेलवे प्रशासन और एनएचएआई के बीच हुए एमओयू में ये तय हुआ था कि, रिंग रोड के निर्माण को लेकर दोनों विभाग एक दूसरे से किसी तरह का शुल्क नहीं लेंगे। रिंग रोड निर्माण में दो रेलवे लाइन बीच में आ रही हैं। इन पर काम करने के लिए अब रेलवे प्रशासन एनएचएआई से मेंटेनेंस सहित अन्य शुल्क मिलाकर 6 करोड रुपए की मांग कर रहा है। जबकि एनएचएआई एमओयू का हवाला देकर पैसा देने से मना कर रहा है। हालांकि मौखिक मंजूरी के बाद एनएचएआई ने जयपुर-सवाई माधोपुर आरओबी का काम तो पूरा कर लिया है। लेकिन इस विवाद के चलते एक आरओबी का काम अंतिम चरण में अटक गया है।


Conclusion:हालांकि एनएचएआई का दावा है कि यदि रेलवे मंजूरी देता है तो 3 महीने में काम पूरा हो जाएगा। लेकिन फिलहाल पैसों को लेकर दोनों विभागों के बीच पत्र विवाद शुरू हो गया है।
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