जयपुर. राजधानी की महत्वाकांक्षी परियोजना रिंग रोड का काम एक बार फिर अधर में लटक गया है. जयपुर-दिल्ली रेलवे लाइन पर गर्डर टेक्नोलॉजी से बन रहे ROB के स्टील ब्रिज को रखने की रेलवे प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है. रेलवे प्रशासन ने NHAI से करीब 6 करोड़ रुपए की मांग की है, जबकि NHAI ये रकम देने को तैयार नहीं.
दरअसल रेलवे प्रशासन और NHAI के बीच हुए MoU में ये तय हुआ था, कि रिंग रोड के निर्माण को लेकर दोनों विभाग एक दूसरे से किसी तरह का शुल्क नहीं लेंगे. रिंग रोड निर्माण में 2 रेलवे लाइन बीच में आ रही हैं. इन पर काम करने के लिए अब रेलवे प्रशासन NHAI से मेंटेनेंस सहित अन्य शुल्क मिलाकर 6 करोड़ रुपए की मांग कर रहा है. जबकि NHAI एमओयू का हवाला देकर पैसा देने से मना कर रहा है.
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बता दें, कि मौखिक मंजूरी के बाद NHAI ने जयपुर-सवाई माधोपुर आरओबी का काम तो पूरा कर लिया है. लेकिन इस विवाद के चलते एक आरओबी का काम अंतिम चरण में अटक गया है. साथ ही एनएचएआई का दावा है, कि यदि रेलवे मंजूरी देता है तो 3 महीने में काम पूरा हो जाएगा. लेकिन फिलहाल पैसों को लेकर दोनों विभागों के बीच पत्र विवाद शुरू हो गया है.