जयपुर. अजमेर रोड, टोंक रोड, आगरा रोड को जोड़ने वाली 47 किलोमीटर की रिंग रोड परियोजना के लिए 26 गांव की 300 से ज्यादा किसानों की करीब 1000 बीघा जमीन का जीडीए ने अधिग्रहण किया था. तब 25% मिश्रित उपयोग की भूमि या मुआवजा राशि अवॉर्ड के रूप देना तय हुआ था. लेकिन किसानों का आरोप है कि अभी तक उन्हें उनका मुआवजा नहीं मिला है.
किसानों का यह भी कहना है की जेडीए ने उनकी उनकी पुश्तैनी जमीन को पुराने कानून के तरह अधिग्रहण किया है. जबकि नए कानून के मुताबिक जमीन की कीमत उससे चार गुना ज्यादा है. ऐसे में उन्हें 25 प्रतिशत मुआवजा लेना स्वीकार नहीं है.
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पीपला, नेवटा, मुहाना, अभयपुरा, अचरावाला, रासलिया जैसे गांव के किसान आज भी मुआवजे की राशि के लिए आस लगाए बैठे हुए हैं. हालांकि कुछ गांव के किसानों ने प्रशासन की ओर से दिए जा रहे 25 फीसदी मुआवजा को स्वीकार कर लिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए किसानों ने कहा कि जेडीए कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक चप्पले घिस, लेकिन कहीं भी उन्हें इंसाफ नहीं मिला, जवाब नहीं. और ना ही आश्वासन मिला.