जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट की खरीद-फरोख्त के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी दी है. अदालत ने कहा है कि जनहित में यह देखा जाना जरूरी है कि पार्टी की सदस्यता और टिकट खरीद-फरोख्त का दायर केवल इस मामले तक ही सीमित है या अन्य व्यक्तियों के बीच भी राशि का आदान प्रदान हुआ है. इसके साथ ही अदालत ने अनूप चौधरी की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है.
प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा
न्यायाधीश महेन्द्र माहेश्वरी ने यह आदेश अनूप चौधरी की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए.दूसरी ओर अदालत ने सीबीआई निदेशक को कहा है कि वे अपने निर्देशन में मामले की जांच करवाकर जांच अधिकारी के साथ प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करें. याचिका में कहा गया कि राकेश खंडेलवाल ने उसके खिलाफ गत वर्ष श्यामनगर थाना पुलिस में मामला दर्ज कराया गया. जिसमें याचिकाकर्ता पर आरोप लगाया गया कि उसने 25 करोड़ रुपए का लोन दिलाने के लिए 25 लाख रुपए की राशि के चेक और सर्विस चार्ज के तौर पर 58 लाख रुपए नकद हड़प लिए.
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मामले की जांच सीबीआई को सौंपी
याचिका में यह भी कहा गया कि विवादित एग्रीमेंट याचिकाकर्ता को दबाव में लेकर तैयार किया गया था. जिसकी शिकायत दिल्ली पुलिस कमिश्नर को की जा चुकी है. याचिकाकर्ता समाजवादी पार्टी नवयुवक विंग का पदाधिकारी है. जिस राशि के गबन का आरोप लगाया गया है, वह राशि पार्टी के सदस्य बनाने और विधानसभा चुनाव में पार्टी टिकट खरीदन के उद्देश्य से भुगतान की गई थी, जबकि जांच अधिकारी मामले की जांच ऋण राशि के भुगतान को मानकर कर रहे हैं. ऐसे में मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है.