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ऑपरेशन आग: पुलिस ने 93 मामले दर्ज कर 125 आरोपियों को किया गिरफ्तार - जयपुर में ऑपरेशन अगेंस्ट गन

फायरिंग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जयपुर पुलिस ने ऑपरेशन 'आग' शुरू किया गया है. इसके तहत अवैध हथियारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. पुलिस ने ऑपरेशन आग के तहत अब तक करीब 93 मामले दर्ज कर 125 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही 121 अवैध हथियारों के साथ ही 307 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं.

जयपुर में ऑपरेशन अगेंस्ट गन, Operation Against Gun in Jaipur
जयपुर पुलिस ने शुरू किया ऑपरेशन आग
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Published : Nov 16, 2020, 9:53 PM IST

जयपुर. शहर में फायरिंग की घटनाएं आम हो गई हैं. आए दिन अवैध हथियार और फायरिंग के मामले सामने आ रहे हैं. बदमाश अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए बेखौफ होकर सड़कों पर खूनी खेल खेल रहे हैं. फायरिंग की बढ़ती घटनाओं से पुलिस विभाग भी सकते में हैं. ऐसे में अवैध हथियारों के खिलाफ जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से ऑपरेशन 'आग' शुरू किया गया है. ऑपरेशन आग के तहत अवैध हथियारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

जयपुर पुलिस ने शुरू किया ऑपरेशन आग

पिछली घटनाओं को देखे तो अवैध हथियारों की रोकथाम और बेलगाम अपराधियों के हौसले पस्त कर पाना जयपुर पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. प्रदेश में अवैध हथियारों के दम पर हो रहे अपराधों को रोकने के लिए राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने अवैध हथियारों की धरपकड़ कर हथियारों की तस्करी से जुड़े नेटवर्क को तोड़ने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ेंः 2 दिन के अंदर कोटा पुलिस ने किया इमरान हत्याकांड का खुलासा, जानें क्या थी वारदात की वजह?

पुलिस मुख्यालय के निर्देशों के बाद जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से अवैध हथियारों के खिलाफ ऑपरेशन अगेंस्ट गन यानी ऑपरेशन आग चलाया जा रहा है. ऑपरेशन आग के तहत अब तक करीब पुलिस ने 93 मामले दर्ज कर 125 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 121 अवैध हथियारों के साथ ही 307 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं.

पुलिस की मानें तो अवैध हथियारों की तस्करी को रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. पुलिस अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त से जुड़े तस्करों का पता लगाने में जुटी है. अब तक की कार्रवाई में सामने आया है कि ज्यादातर अवैध हथियार सवाई माधोपुर, दौसा, अलवर और भरतपुर के अलावा उत्तर प्रदेश से चोरी-छिपे राजस्थान में बेचे जा रहे हैं.

एडीसीपी सुलेश चौधरी ने बताया कि जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी, डीएसटी और स्पेशल टीम अवैध हथियारों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जो भी अवैध हथियारों की सूचनाएं मिल रही है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. ऑपरेशन आग के तहत जयपुर शहर को हथियार मुक्त बनाने का प्रयास जारी है. अवैध हथियारों की सप्लाई राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से होती है.

युवाओं में अवैध हथियारों का ज्यादा क्रेज है. अवैध हथियारों को इलीगल एक्टिविटीज में उपयोग किया जाता है. गैंगवार, लूट, डकैती जैसी वारदातों में अवैध हथियारों का उपयोग ज्यादा होता है. मारपीट करना, किसी को डराना धमकाना और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दहशत फैलाने जैसे काम भी किए जाते हैं. इसके तहत सोशल मीडिया पर हथियारों की फोटो अपलोड करने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.

पढ़ेंः पंचायत चुनाव 2020: 42 पर्यवेक्षकों के नामों का एलान, किसे मिली कहां की जिम्मेदारी?

बता दें कि राजधानी जयपुर में दिनदहाड़े हो रही फायरिंग की घटनाओं ने जहां इलाके में खौफ पैदा कर दिया है. वहीं पुलिस अधिकारियों की नींद भी उड़ा दी है. ऐसे में अब पुलिस ने बड़े अपराधियों को ट्रेस कर उनकी कुंडली बनाना शुरू कर दिया है.

जयपुर. शहर में फायरिंग की घटनाएं आम हो गई हैं. आए दिन अवैध हथियार और फायरिंग के मामले सामने आ रहे हैं. बदमाश अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए बेखौफ होकर सड़कों पर खूनी खेल खेल रहे हैं. फायरिंग की बढ़ती घटनाओं से पुलिस विभाग भी सकते में हैं. ऐसे में अवैध हथियारों के खिलाफ जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से ऑपरेशन 'आग' शुरू किया गया है. ऑपरेशन आग के तहत अवैध हथियारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

जयपुर पुलिस ने शुरू किया ऑपरेशन आग

पिछली घटनाओं को देखे तो अवैध हथियारों की रोकथाम और बेलगाम अपराधियों के हौसले पस्त कर पाना जयपुर पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. प्रदेश में अवैध हथियारों के दम पर हो रहे अपराधों को रोकने के लिए राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने अवैध हथियारों की धरपकड़ कर हथियारों की तस्करी से जुड़े नेटवर्क को तोड़ने के निर्देश दिए हैं.

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पुलिस मुख्यालय के निर्देशों के बाद जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से अवैध हथियारों के खिलाफ ऑपरेशन अगेंस्ट गन यानी ऑपरेशन आग चलाया जा रहा है. ऑपरेशन आग के तहत अब तक करीब पुलिस ने 93 मामले दर्ज कर 125 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 121 अवैध हथियारों के साथ ही 307 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं.

पुलिस की मानें तो अवैध हथियारों की तस्करी को रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. पुलिस अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त से जुड़े तस्करों का पता लगाने में जुटी है. अब तक की कार्रवाई में सामने आया है कि ज्यादातर अवैध हथियार सवाई माधोपुर, दौसा, अलवर और भरतपुर के अलावा उत्तर प्रदेश से चोरी-छिपे राजस्थान में बेचे जा रहे हैं.

एडीसीपी सुलेश चौधरी ने बताया कि जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी, डीएसटी और स्पेशल टीम अवैध हथियारों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जो भी अवैध हथियारों की सूचनाएं मिल रही है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. ऑपरेशन आग के तहत जयपुर शहर को हथियार मुक्त बनाने का प्रयास जारी है. अवैध हथियारों की सप्लाई राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से होती है.

युवाओं में अवैध हथियारों का ज्यादा क्रेज है. अवैध हथियारों को इलीगल एक्टिविटीज में उपयोग किया जाता है. गैंगवार, लूट, डकैती जैसी वारदातों में अवैध हथियारों का उपयोग ज्यादा होता है. मारपीट करना, किसी को डराना धमकाना और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दहशत फैलाने जैसे काम भी किए जाते हैं. इसके तहत सोशल मीडिया पर हथियारों की फोटो अपलोड करने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.

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बता दें कि राजधानी जयपुर में दिनदहाड़े हो रही फायरिंग की घटनाओं ने जहां इलाके में खौफ पैदा कर दिया है. वहीं पुलिस अधिकारियों की नींद भी उड़ा दी है. ऐसे में अब पुलिस ने बड़े अपराधियों को ट्रेस कर उनकी कुंडली बनाना शुरू कर दिया है.

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