जयपुर. राजधानी जयपुर में बाल श्रम (child labor in jaipur) के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. मासूम बच्चों से बाल श्रम कराया जा रहा है, उन पर अत्याचार भी किए जा रहे हैं. जयपुर की शास्त्री नगर थाना पुलिस (Jaipur police Action on Child labor ) ने मानव तस्करी विरोधी यूनिट के साथ चूड़ी कारखाने पर छापा मार कार्रवाई की है.
पुलिस ने अपनी कार्रवाई में 3 बाल श्रमिकों (Jaipur Police frees children from child labor) को मुक्त करवाया है. बच्चों ने पुलिस को खुद पर हुए जुल्मों की दास्तां सुनाई. पुलिस ने चूड़ी कारखाना मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक चूड़ियों के गरम लाख से बच्चों के हाथ भी जल रहे थे. इसके बावजूद कारखाना मालिक मारपीट करके बच्चों से काम करवा रहा था. पुलिस ने चूड़ी कारखाना मालिक शमशाद बेग के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
पुलिस के मुताबिक शास्त्री नगर थाना इलाके में नाहरी का नाका पर एक मकान में चुड़ी का कारखाना चलाया जा रहा था, जहां पर बच्चों से चूड़ियां बनवाई जा रही थी. बच्चों के साथ अत्याचार भी किए जा रहे थे. बच्चों ने पुलिस को बताया है कि कारखाने से बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता था और समय पर खाना भी नहीं मिलता था. बच्चों को बिहार से पढ़ाई लिखाई और काम सिखाने के बहाने से जयपुर लाया गया था. बच्चों को करीब 16 से 18 घंटे काम करवाया जा रहा था. पुलिस बच्चों को वापस उनके गांव भेजने के लिए कार्रवाई कर रही है.
बता दें कि पहले भी राजधानी जयपुर में कई बार बाल श्रम के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. शास्त्री नगर और भट्ठा बस्ती इलाके में ज्यादा बाल श्रम के मामले सामने आ चुके हैं. बच्चों को बिहार और अन्य राज्यों से लाकर उनसे मजदूरी का काम करवाया जाता है. ऐसे में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है.
इसके अलावा राजस्थान में बाल मजदूरी (child labor in Rajasthan) के कई मामले सामने आते रहे हैं. इसी साल जून में अलवर में भट्टे से भी 6 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया था. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल कई बार इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की बात कह चुकी हैं.