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EXCLUSIVE: ये जयपुर पुलिस है साहब...कुछ भी कर सकती है

जयपुर पुलिस द्वारा अपने चहेतों को कबाड़ से भी कम दाम पर वाहनों को बेच दिया गया. ईटीवी भारत के हाथ लगे अहम दस्तावेजों में जयपुर पुलिस के इस काले कारनामे का खुलासा हुआ है.

जयपुर समाचार, jaipur news
कबाड़ से भी कम दाम पर बेच दिए वाहन
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Published : Sep 15, 2020, 8:37 PM IST

Updated : Sep 15, 2020, 9:03 PM IST

जयपुर. जयपुर पुलिस द्वारा एक नया कारनामा किया गया है, जिसके तहत दोपहिया, चौपहिया और भारी वाहनों को कबाड़ से भी कम कीमत पर नीलाम किया गया है. यदि आपको कोई कहे कि जयपुर पुलिस महज 50 रुपए में स्कूटर और 100 रुपए में बाइक बेच रही है, तो आप चौकिएगा नहीं, यह एकदम सत्य बात है. अपने चहेतों को मलाई खिलाने का काम करते हुए जयपुर पुलिस द्वारा यह कारनामा किया गया है.

कबाड़ से भी कम दाम पर बेच दिए वाहन

ताज्जुब की बात तो यह है कि थाना स्तर पर वाहनों को कबाड़ से भी कम कीमत पर नीलाम करने का यह खेल चलता रहा और आला अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. ईटीवी भारत के हाथ लगे अहम दस्तावेजों में जयपुर पुलिस के इस काले कारनामे का खुलासा हुआ है.

जयपुर समाचार, jaipur news
ईटीवी भारत के हाथ लगे अहम दस्तावेज

पुलिस द्वारा लावारिस हालत में पड़े वाहन और पुलिस एक्ट में जब्त किए गए वाहनों की नीलामी इतनी कम कीमत पर की जाती है कि किसी को भी विश्वास नहीं होगा. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के ईस्ट जिले में कुछ थानों में नीलामी कमेटी ने दुपहिया वाहन 50 और 100 रुपए में नीलाम कर दिए. यही नहीं, ट्रैक्टर और ट्रक को भी कबाड़ से भी कम कीमत पर पुलिस द्वारा नीलाम कर दिया गया. आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना पर यह खुलासा हुआ है और ईटीवी के पास में पुलिस के इन तमाम कारनामों का प्रमाणित चिट्ठा है.

जयपुर समाचार, jaipur news
जयपुर पुलिस का काला कारनामा

नीलामी के लिए बनाई गई कमेटी बांध लेती है आंखों पर पट्टी

थानों में लावारिस पड़े वाहन और पुलिस एक्ट में जब्त किए गए वाहनों को नीलाम करने के लिए जिले के डीसीपी द्वारा एक कमेटी बनाई जाती है. इस कमेटी में एडिशनल डीसीपी, एसीपी, थाना प्रभारी और सहायक लेखाधिकारी मुख्यालय को शामिल किया जाता है. नीलाम होने वाले वाहन की कीमत संचित परिवहन निरीक्षक द्वारा तय की जाती है.

जयपुर समाचार, jaipur news
नीलामी के दस्तावेज

पढ़ें- राजस्थान स्टांप अधिनियम में संशोधन का विरोध, 21 सितंबर से गौवंश संरक्षण संघर्ष समिति का प्रदेशव्यापी धरने का एलान

वहीं, इस कमेटी की आंखों पर पट्टी बांधकर अपने कुछ चहेते लोगों को फायदा पहुंचाने की नीयत से थाना स्तर पर वाहनों को कबाड़ से भी कम कीमत पर नीलाम कर दिया जाता है. कमेटी द्वारा तय की गई कीमत पर वाहनों को नीलाम तो किया जाता है, लेकिन अपने चहेतों को नीलाम किए गए वाहनों की जानकारी कमेटी से छुपाई जाती है.

चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए पुलिस ने ऐसे किया खेल

ईटीवी भारत के हाथ में जो अहम दस्तावेज लगे हैं, उसमें साफ खुलासा हो रहा है कि किस तरह से अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए थाना स्तर पर आला अधिकारियों की नाक के नीचे मिलीभगत का बड़ा खेल खेला जा रहा है. ईटीवी भारत के पास मौजूद दस्तावेजों की बात की जाए तो जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के ईस्ट जिले में आदर्श नगर थाना पुलिस द्वारा 4 स्कूटर और 1 लूना महज 50 रुपए प्रति नग के हिसाब से नीलाम किए गए हैं.

वहीं, बात की जाए पूरी तरह से कबाड़ हो चुके स्कूटर की तो उसमें तकरीबन 50 किलो वजन होता है. यदि उसे कबाड़ में बेचा जाए तो उसकी कीमत 1500 से 2000 रुपए तक मिल सकती है. इसी तरह से मालवीय नगर थाना पुलिस द्वारा एक ट्रैक्टर को 8 हजार रुपए और एक बड़े ट्रक को महज 15 हजार रुपए में नीलाम कर दिया गया.

जयपुर. जयपुर पुलिस द्वारा एक नया कारनामा किया गया है, जिसके तहत दोपहिया, चौपहिया और भारी वाहनों को कबाड़ से भी कम कीमत पर नीलाम किया गया है. यदि आपको कोई कहे कि जयपुर पुलिस महज 50 रुपए में स्कूटर और 100 रुपए में बाइक बेच रही है, तो आप चौकिएगा नहीं, यह एकदम सत्य बात है. अपने चहेतों को मलाई खिलाने का काम करते हुए जयपुर पुलिस द्वारा यह कारनामा किया गया है.

कबाड़ से भी कम दाम पर बेच दिए वाहन

ताज्जुब की बात तो यह है कि थाना स्तर पर वाहनों को कबाड़ से भी कम कीमत पर नीलाम करने का यह खेल चलता रहा और आला अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. ईटीवी भारत के हाथ लगे अहम दस्तावेजों में जयपुर पुलिस के इस काले कारनामे का खुलासा हुआ है.

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ईटीवी भारत के हाथ लगे अहम दस्तावेज

पुलिस द्वारा लावारिस हालत में पड़े वाहन और पुलिस एक्ट में जब्त किए गए वाहनों की नीलामी इतनी कम कीमत पर की जाती है कि किसी को भी विश्वास नहीं होगा. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के ईस्ट जिले में कुछ थानों में नीलामी कमेटी ने दुपहिया वाहन 50 और 100 रुपए में नीलाम कर दिए. यही नहीं, ट्रैक्टर और ट्रक को भी कबाड़ से भी कम कीमत पर पुलिस द्वारा नीलाम कर दिया गया. आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना पर यह खुलासा हुआ है और ईटीवी के पास में पुलिस के इन तमाम कारनामों का प्रमाणित चिट्ठा है.

जयपुर समाचार, jaipur news
जयपुर पुलिस का काला कारनामा

नीलामी के लिए बनाई गई कमेटी बांध लेती है आंखों पर पट्टी

थानों में लावारिस पड़े वाहन और पुलिस एक्ट में जब्त किए गए वाहनों को नीलाम करने के लिए जिले के डीसीपी द्वारा एक कमेटी बनाई जाती है. इस कमेटी में एडिशनल डीसीपी, एसीपी, थाना प्रभारी और सहायक लेखाधिकारी मुख्यालय को शामिल किया जाता है. नीलाम होने वाले वाहन की कीमत संचित परिवहन निरीक्षक द्वारा तय की जाती है.

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नीलामी के दस्तावेज

पढ़ें- राजस्थान स्टांप अधिनियम में संशोधन का विरोध, 21 सितंबर से गौवंश संरक्षण संघर्ष समिति का प्रदेशव्यापी धरने का एलान

वहीं, इस कमेटी की आंखों पर पट्टी बांधकर अपने कुछ चहेते लोगों को फायदा पहुंचाने की नीयत से थाना स्तर पर वाहनों को कबाड़ से भी कम कीमत पर नीलाम कर दिया जाता है. कमेटी द्वारा तय की गई कीमत पर वाहनों को नीलाम तो किया जाता है, लेकिन अपने चहेतों को नीलाम किए गए वाहनों की जानकारी कमेटी से छुपाई जाती है.

चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए पुलिस ने ऐसे किया खेल

ईटीवी भारत के हाथ में जो अहम दस्तावेज लगे हैं, उसमें साफ खुलासा हो रहा है कि किस तरह से अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए थाना स्तर पर आला अधिकारियों की नाक के नीचे मिलीभगत का बड़ा खेल खेला जा रहा है. ईटीवी भारत के पास मौजूद दस्तावेजों की बात की जाए तो जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के ईस्ट जिले में आदर्श नगर थाना पुलिस द्वारा 4 स्कूटर और 1 लूना महज 50 रुपए प्रति नग के हिसाब से नीलाम किए गए हैं.

वहीं, बात की जाए पूरी तरह से कबाड़ हो चुके स्कूटर की तो उसमें तकरीबन 50 किलो वजन होता है. यदि उसे कबाड़ में बेचा जाए तो उसकी कीमत 1500 से 2000 रुपए तक मिल सकती है. इसी तरह से मालवीय नगर थाना पुलिस द्वारा एक ट्रैक्टर को 8 हजार रुपए और एक बड़े ट्रक को महज 15 हजार रुपए में नीलाम कर दिया गया.

Last Updated : Sep 15, 2020, 9:03 PM IST
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