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POCSO Court Verdict : पीड़िता ने किया दुष्कर्म से इनकार, डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त को आजीवन कारावास

पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई के दौरान नाबालिग पीड़िता ने बयान दिया था कि आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया था. लेकिन डीएनए रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. आरोपी पीड़िता को बहला-फुसला कर ले गया था.

POCSO Court Verdict
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Published : Nov 22, 2021, 10:29 PM IST

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के अभियुक्त भगवान बागरिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अपने साथ दुष्कर्म की घटना से इनकार कर दिया. लेकिन कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट में दुष्कर्म साबित होने पर अभियुक्त को यह सजा सुनाई है. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती.

अदालत ने प्रकरण में एक अन्य आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने 13 जुलाई 2019 को दूदू थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी दो नाबालिग बेटियां बकरियों का दूध लेने गोचर भूमि गई थी.

पढ़ें- बारां : पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश के निवास पर हुई चोरी का पर्दाफाश..पूर्व ड्राइवर निकला मास्टरमाइंड

दोनों बेटियां वापस नहीं लौटी. रिपोर्ट में अभियुक्त सहित अन्य के खिलाफ शंका भी जाहिर की गई थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर अभियुक्त व एक अन्य के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान दोनों बहनों ने अपने अपहरण और दुष्कर्म नहीं होने की बात कही.

वहीं डीएनए रिपोर्ट में एक पीड़िता के साथ दुष्कर्म की बात सामने आई. इस पर अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाते हुए दूसरे आरोपी को बरी कर दिया.

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के अभियुक्त भगवान बागरिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अपने साथ दुष्कर्म की घटना से इनकार कर दिया. लेकिन कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट में दुष्कर्म साबित होने पर अभियुक्त को यह सजा सुनाई है. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती.

अदालत ने प्रकरण में एक अन्य आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने 13 जुलाई 2019 को दूदू थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी दो नाबालिग बेटियां बकरियों का दूध लेने गोचर भूमि गई थी.

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दोनों बेटियां वापस नहीं लौटी. रिपोर्ट में अभियुक्त सहित अन्य के खिलाफ शंका भी जाहिर की गई थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर अभियुक्त व एक अन्य के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान दोनों बहनों ने अपने अपहरण और दुष्कर्म नहीं होने की बात कही.

वहीं डीएनए रिपोर्ट में एक पीड़िता के साथ दुष्कर्म की बात सामने आई. इस पर अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाते हुए दूसरे आरोपी को बरी कर दिया.

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