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Special: कोरोना से उभरने लगी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, सरकार कर रही मदद - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां

कोरोना से बिगड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non Banking Financial Companies) की आर्थिक सेहत में अब सुधार होने लगा है. सरकार के लोन मोरेटोरियम के ऐलान के बाद कंपनियों ने कर्जदारों को ऋण वसूली को लेकर राहत प्रदान की थी. अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं.

non banking financial companies, nbfcs emerging from financial crisis,
ट्रैक पर फिर NBFCs...
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Published : Dec 26, 2020, 9:18 PM IST

जयपुर. कोरोना से बिगड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की आर्थिक सेहत में अब सुधार होने लगा है. केंद्र सरकार ने वित्तीय कंपनियों को लेकर कई फैसले लिए, जिसके चलते कंपनियां अब कोरोना संकट से उभरती नजर आ रही है. वित्तीय कंपनियों से जुड़े जानकारों का कहना है कि कोरोना महामारी की शुरुआत में बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. देखें ये खास रिपोर्ट

बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की आर्थिक स्थिति में अब सुधार होने लगा है...

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां आमतौर पर एमएसएमई सेक्टर और होम लोन से जुड़े लोन देती हैं. बैंकिंग वित्तीय कंपनी के डिप्टी जनरल मैनेजर अश्विनी कुमार पारीक का कहना है कि कोरोना महामारी के शुरुआत में इसका असर गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर देखने को मिला. जब लॉकडाउन लगा तो लोग कर्ज से जुड़ी ईएमआई चुकाने में असमर्थ थे, इससे कंपनियों पर आर्थिक बोझ बढ़ने लगा, हालांकि अश्विनी पारीक का कहना है कि जो ईएमआई लोन की जनरेट होती है उसका पैसा कुछ ज्यादा नहीं होता है. ऐसे में 50 फीसदी से अधिक लोगों ने समय पर अपने ऋण चुकाए.

पढ़ें: Special Report: कोरोना काल में दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ते बूंदी के बैंककर्मी

ऋण वसूली से आई थी परेशानी

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का कहना है कि जब कोविड-19 के चलते लॉकडाउन किया गया, तो शुरुआती कुछ महीने में ऋण वसूली को लेकर कुछ परेशानियां उठानी पड़ी थी. हालांकि, इस दौरान सरकार की ओर से लोन मोरेटोरियम का ऐलान भी किया गया था. अधिकतर कंपनियों ने इस दौरान कर्जदारों को ऋण वसूली को लेकर राहत प्रदान की थी, लेकिन कंपनियों का कहना है कि अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं.

पढ़ें: एटीएम वैन के बारे में ना तो लोगों को पता है और ना ही बैंक का कोई इंटरेस्ट

एनपीए नहीं हुआ प्रभावित

अश्विनी कुमार पारीक कहते हैं कि सरकार की ओर से कुछ राहत कर्जदारों को दी गई थी. इस दौरान लोन मोरेटोरियम का ऐलान भी किया गया था, तो ऐसे में कंपनियों ने भी कर्जदारों को राहत प्रदान की. लोन मोरेटोरियम के दौरान किसी भी तरह की ऋण वसूली कर्ज को लेकर नहीं की गई.

आगामी बजट से उम्मीदें

केंद्र सरकार अब अपने आगामी बजट की तैयारियों में जुट गई है. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उम्मीद है कि जो घाटा उन्हें कोविड-19 के दौरान उठाना पड़ा है, उसे लेकर सरकार जरूर कोई बड़ी राहत प्रदान करेगी. हाल ही में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने अपनी समस्याओं से केंद्र सरकार को भी अवगत कराया है.

जयपुर. कोरोना से बिगड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की आर्थिक सेहत में अब सुधार होने लगा है. केंद्र सरकार ने वित्तीय कंपनियों को लेकर कई फैसले लिए, जिसके चलते कंपनियां अब कोरोना संकट से उभरती नजर आ रही है. वित्तीय कंपनियों से जुड़े जानकारों का कहना है कि कोरोना महामारी की शुरुआत में बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. देखें ये खास रिपोर्ट

बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की आर्थिक स्थिति में अब सुधार होने लगा है...

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां आमतौर पर एमएसएमई सेक्टर और होम लोन से जुड़े लोन देती हैं. बैंकिंग वित्तीय कंपनी के डिप्टी जनरल मैनेजर अश्विनी कुमार पारीक का कहना है कि कोरोना महामारी के शुरुआत में इसका असर गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर देखने को मिला. जब लॉकडाउन लगा तो लोग कर्ज से जुड़ी ईएमआई चुकाने में असमर्थ थे, इससे कंपनियों पर आर्थिक बोझ बढ़ने लगा, हालांकि अश्विनी पारीक का कहना है कि जो ईएमआई लोन की जनरेट होती है उसका पैसा कुछ ज्यादा नहीं होता है. ऐसे में 50 फीसदी से अधिक लोगों ने समय पर अपने ऋण चुकाए.

पढ़ें: Special Report: कोरोना काल में दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ते बूंदी के बैंककर्मी

ऋण वसूली से आई थी परेशानी

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का कहना है कि जब कोविड-19 के चलते लॉकडाउन किया गया, तो शुरुआती कुछ महीने में ऋण वसूली को लेकर कुछ परेशानियां उठानी पड़ी थी. हालांकि, इस दौरान सरकार की ओर से लोन मोरेटोरियम का ऐलान भी किया गया था. अधिकतर कंपनियों ने इस दौरान कर्जदारों को ऋण वसूली को लेकर राहत प्रदान की थी, लेकिन कंपनियों का कहना है कि अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं.

पढ़ें: एटीएम वैन के बारे में ना तो लोगों को पता है और ना ही बैंक का कोई इंटरेस्ट

एनपीए नहीं हुआ प्रभावित

अश्विनी कुमार पारीक कहते हैं कि सरकार की ओर से कुछ राहत कर्जदारों को दी गई थी. इस दौरान लोन मोरेटोरियम का ऐलान भी किया गया था, तो ऐसे में कंपनियों ने भी कर्जदारों को राहत प्रदान की. लोन मोरेटोरियम के दौरान किसी भी तरह की ऋण वसूली कर्ज को लेकर नहीं की गई.

आगामी बजट से उम्मीदें

केंद्र सरकार अब अपने आगामी बजट की तैयारियों में जुट गई है. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उम्मीद है कि जो घाटा उन्हें कोविड-19 के दौरान उठाना पड़ा है, उसे लेकर सरकार जरूर कोई बड़ी राहत प्रदान करेगी. हाल ही में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने अपनी समस्याओं से केंद्र सरकार को भी अवगत कराया है.

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