ETV Bharat / city

Jaipur Nirbhaya Squad: निर्भया बना रही महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा में सशक्त, बच्चियों ने कहा- अब अकेले घर से बाहर जाने में नहीं लगता डर

जयपुर पुलिस की निर्भया स्क्वाड (Jaipur Nirbhaya Squad) महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा में सशक्त बना रही है. निर्भया टीम शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर विभिन्न एनजीओ और स्थानीय लोगों के सहयोग से निशुल्क आत्मरक्षा शिविर का आयोजन कर रही हैं. ईटीवी भारत की टीम जब एक शिविर पर पहुंची और ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली महिलाओं व बालिकाओं से बातचीत की तो उनमें आत्मविश्वास का एक अलग ही स्तर नजर आया.

Jaipur Nirbhaya Squad
Jaipur Nirbhaya Squad
author img

By

Published : Jun 4, 2022, 6:19 AM IST

जयपुर. जयपुर पुलिस की निर्भया स्क्वाड (Jaipur Nirbhaya Squad) जिसके नाम में ही निर्भय और निडर होने का अर्थ छुपा है, वह अब राजधानी की महिलाओं और बालिकाओं को भी निडर व सशक्त बनाने की दिशा में अनूठी पहल कर रही है. निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिस कर्मियों की ओर से राजधानी की बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसके काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं.

निर्भया टीम शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर विभिन्न एनजीओ और स्थानीय लोगों के सहयोग से निशुल्क आत्मरक्षा शिविर का आयोजन कर रही हैं, जिसमें 13 साल से लेकर 70 साल तक की उम्र की बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. आत्मरक्षा की ट्रेनिंग को लेकर राजधानी की महिलाओं और बालिकाओं में काफी उत्साह भी देखा जा रहा है. निर्भया स्क्वाड की नोडल अधिकारी एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा के सुपर विज़न में पूरे शहर में आत्मरक्षा कैंप का आयोजन किया जा रहा है.

निर्भया बना रही महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा में सशक्त

आत्मविश्वास बढ़ा- राजधानी के झोटवाड़ा स्थित कुमावत कॉलोनी में दादू दवारा की बगीची में निर्भया टीम की ओर से महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. जब ईटीवी भारत की टीम वहां पर पहुंची और ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली महिलाओं व बालिकाओं से बातचीत की तो उनमें आत्मविश्वास का एक अलग ही स्तर नजर आया. ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली महिला गीता सिरोहिया ने बताया कि पहले अकेले घर से बाहर जाने में डर लगता था लेकिन जब से सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग ली है अब वह घर से निडर होकर बाहर निकल सकती हैं.

पढ़ें- Exclusive: लड़की के ना का मतलब ना ही होता है, परेशान करने पर होगी धारा 354 के तहत 1 से 5 साल की जेल: एडिशनल डीसीपी

गीता ने बताया कि यह जरूरी नहीं कि जब भी कोई महिला अपने घर से बाहर निकले तो उसके साथ उसके परिजन, भाई या पति जाए. यदि महिला खुद इतनी सशक्त होगी कि वह अपनी रक्षा कर सके तो फिर उसे घर से बाहर अकेले जाने में किसी भी तरह का कोई डर नहीं. संकल्प सर्वजन उत्थान संस्था की रीता चौहान ने बताया कि महिलाओं व बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने के लिए इलाके के सभी लोगों का सहयोग रहा है. स्थानीय पार्षद व मंदिर ट्रस्ट के द्वारा ट्रेनिंग के लिए स्थान उपलब्ध करवाया गया है, जहां पर महिलाओं व बालिकाओं को निशुल्क सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है. सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली महिलाएं व बालिकाएं अन्य लोगों के लिए एक मिसाल है, जिस से प्रेरित होकर अन्य महिलाएं व बालिकाएं भी आत्मनिर्भर बनने के लिए और स्वयं की रक्षा करने के लिए प्रेरित होंगी.

अब हम हमारी सुरक्षा खुद कर सकते हैं- सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग प्राप्त कर रही छात्रा विजया दुबे ने बताया कि वह अब अपनी सुरक्षा करने में खुद सक्षम है. स्कूल जाते वक्त या फिर घर से बाहर किसी काम से जाते वक्त अब उसे किसी भी चीज का डर नहीं है. उसे अब बेड टच की भी पूरी नॉलेज है और यदि कोई भी व्यक्ति उसके साथ कुछ गलत करने की कोशिश करेगा तो वह उसे मुंहतोड़ जवाब जवाब दे सकेगी. विजया ने उसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए और उसमें आत्मविश्वास को जगाने के लिए निर्भया टीम का आभार जताया.

वहीं, आत्मा रक्षा की ट्रेनिंग प्राप्त कर रही एक अन्य छात्रा ने बताया कि उसे ट्रेनिंग प्राप्त करके काफी अच्छा महसूस हो रहा है और अब वह सेल्फ डिपेंडेंट बन चुकी है. आने वाले समय में जिंदगी में काफी अच्छी चीजें अचीव करेगी और खुद की सुरक्षा करने में अब पूरी तरह से सक्षम है. जिसका उसे गर्व है और उसके माता-पिता को भी इस बात का उस पर गर्व है.

16 हजार महिलाओं और बालिकाओं को दे चुके सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग- महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने वाली निर्भया टीम की महिला पुलिसकर्मी संजू ने बताया कि वह अब तक विभिन्न थानों में बनाई गई 3500 सुरक्षा सखियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे चुकी हैं. इसके साथ ही एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा के सहयोग से राजधानी की तकरीबन 16 हजार महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बना चुकी है. संजू ने बताया कि महिलाएं और बालिकाएं जब घर से बाहर निकले तो वह खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें. साथ ही अपने हर काम को पूरे आत्मविश्वास के साथ कर सकें, इसीलिए उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है.

पढ़ें- निर्भया स्क्वाड का महिलाओं को संदेश- निडर और निर्भय बने...इतिहास रचें

महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देकर निर्भया टीम की महिला पुलिसकर्मी भी काफी संतुष्ट हैं और उन्हें इस बात का गर्व है कि उन्होंने एक बड़ी संख्या में महिलाओं व बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक पहल की है. निर्भया टीम की महिला पुलिसकर्मी सुमन ने बताया कि वह जिन भी महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती हैं उनसे फीडबैक भी लिया जाता है. ट्रेनिंग लेने वाली सभी महिलाएं और बालिकाएं घर से बाहर निकलते हुए खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं और साथ ही उन्हें ट्रेनिंग के दौरान जो भी चीजें सिखाई गई हैं वह सभी उनके काफी काम आती है.

सुमन ने बताया कि वह ट्रेनिंग को लेकर एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा को प्रतिदिन रिपोर्ट करती हैं और साथ ही 5 दिन की ट्रेनिंग सेशन के दौरान कितनी महिलाओं और बालिकाओं को ट्रेनिंग दी गई, उनका क्या रिस्पॉन्स रहा इन तमाम चीजों की रिपोर्ट भी बनाकर भेजी जाती है. सुमन ने बताया कि निर्भया टीम सादा वस्त्रों में भी मनचलों पर लगाम लगाने के लिए लगातार काम कर रही है. निर्भया टीम दो शिफ्ट सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक काम करती है.

हमारी बच्चियां और महिलाएं हो रही सुरक्षित- पार्षद सुमेर सिंह जोधा ने बताया कि यह उनके लिए बड़ी गर्व की बात है कि उनके वार्ड की बच्चियां और महिलाएं सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग प्राप्त करके आत्मनिर्भर हो रही हैं. जो खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं और दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत बन रही है. उन्होंने कहा कि निर्भया टीम की ओर से सेल्फ डिफेंस की जो ट्रेनिंग दी जा रही है उससे हमारे परिवार और समाज में एक सकारात्मक संदेश जा रहा है. ट्रेनिंग के चलते महिलाएं व बालिकाएं अब घर से अकेले बाहर निकलने में बिल्कुल भी नहीं हिचक रही हैं और ट्रेनिंग के चलते उनके मन में आत्मविश्वास का लेवल काफी बढ़ा है.

जयपुर. जयपुर पुलिस की निर्भया स्क्वाड (Jaipur Nirbhaya Squad) जिसके नाम में ही निर्भय और निडर होने का अर्थ छुपा है, वह अब राजधानी की महिलाओं और बालिकाओं को भी निडर व सशक्त बनाने की दिशा में अनूठी पहल कर रही है. निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिस कर्मियों की ओर से राजधानी की बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसके काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं.

निर्भया टीम शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर विभिन्न एनजीओ और स्थानीय लोगों के सहयोग से निशुल्क आत्मरक्षा शिविर का आयोजन कर रही हैं, जिसमें 13 साल से लेकर 70 साल तक की उम्र की बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. आत्मरक्षा की ट्रेनिंग को लेकर राजधानी की महिलाओं और बालिकाओं में काफी उत्साह भी देखा जा रहा है. निर्भया स्क्वाड की नोडल अधिकारी एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा के सुपर विज़न में पूरे शहर में आत्मरक्षा कैंप का आयोजन किया जा रहा है.

निर्भया बना रही महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा में सशक्त

आत्मविश्वास बढ़ा- राजधानी के झोटवाड़ा स्थित कुमावत कॉलोनी में दादू दवारा की बगीची में निर्भया टीम की ओर से महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. जब ईटीवी भारत की टीम वहां पर पहुंची और ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली महिलाओं व बालिकाओं से बातचीत की तो उनमें आत्मविश्वास का एक अलग ही स्तर नजर आया. ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली महिला गीता सिरोहिया ने बताया कि पहले अकेले घर से बाहर जाने में डर लगता था लेकिन जब से सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग ली है अब वह घर से निडर होकर बाहर निकल सकती हैं.

पढ़ें- Exclusive: लड़की के ना का मतलब ना ही होता है, परेशान करने पर होगी धारा 354 के तहत 1 से 5 साल की जेल: एडिशनल डीसीपी

गीता ने बताया कि यह जरूरी नहीं कि जब भी कोई महिला अपने घर से बाहर निकले तो उसके साथ उसके परिजन, भाई या पति जाए. यदि महिला खुद इतनी सशक्त होगी कि वह अपनी रक्षा कर सके तो फिर उसे घर से बाहर अकेले जाने में किसी भी तरह का कोई डर नहीं. संकल्प सर्वजन उत्थान संस्था की रीता चौहान ने बताया कि महिलाओं व बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने के लिए इलाके के सभी लोगों का सहयोग रहा है. स्थानीय पार्षद व मंदिर ट्रस्ट के द्वारा ट्रेनिंग के लिए स्थान उपलब्ध करवाया गया है, जहां पर महिलाओं व बालिकाओं को निशुल्क सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है. सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली महिलाएं व बालिकाएं अन्य लोगों के लिए एक मिसाल है, जिस से प्रेरित होकर अन्य महिलाएं व बालिकाएं भी आत्मनिर्भर बनने के लिए और स्वयं की रक्षा करने के लिए प्रेरित होंगी.

अब हम हमारी सुरक्षा खुद कर सकते हैं- सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग प्राप्त कर रही छात्रा विजया दुबे ने बताया कि वह अब अपनी सुरक्षा करने में खुद सक्षम है. स्कूल जाते वक्त या फिर घर से बाहर किसी काम से जाते वक्त अब उसे किसी भी चीज का डर नहीं है. उसे अब बेड टच की भी पूरी नॉलेज है और यदि कोई भी व्यक्ति उसके साथ कुछ गलत करने की कोशिश करेगा तो वह उसे मुंहतोड़ जवाब जवाब दे सकेगी. विजया ने उसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए और उसमें आत्मविश्वास को जगाने के लिए निर्भया टीम का आभार जताया.

वहीं, आत्मा रक्षा की ट्रेनिंग प्राप्त कर रही एक अन्य छात्रा ने बताया कि उसे ट्रेनिंग प्राप्त करके काफी अच्छा महसूस हो रहा है और अब वह सेल्फ डिपेंडेंट बन चुकी है. आने वाले समय में जिंदगी में काफी अच्छी चीजें अचीव करेगी और खुद की सुरक्षा करने में अब पूरी तरह से सक्षम है. जिसका उसे गर्व है और उसके माता-पिता को भी इस बात का उस पर गर्व है.

16 हजार महिलाओं और बालिकाओं को दे चुके सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग- महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने वाली निर्भया टीम की महिला पुलिसकर्मी संजू ने बताया कि वह अब तक विभिन्न थानों में बनाई गई 3500 सुरक्षा सखियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे चुकी हैं. इसके साथ ही एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा के सहयोग से राजधानी की तकरीबन 16 हजार महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बना चुकी है. संजू ने बताया कि महिलाएं और बालिकाएं जब घर से बाहर निकले तो वह खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें. साथ ही अपने हर काम को पूरे आत्मविश्वास के साथ कर सकें, इसीलिए उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है.

पढ़ें- निर्भया स्क्वाड का महिलाओं को संदेश- निडर और निर्भय बने...इतिहास रचें

महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देकर निर्भया टीम की महिला पुलिसकर्मी भी काफी संतुष्ट हैं और उन्हें इस बात का गर्व है कि उन्होंने एक बड़ी संख्या में महिलाओं व बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक पहल की है. निर्भया टीम की महिला पुलिसकर्मी सुमन ने बताया कि वह जिन भी महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती हैं उनसे फीडबैक भी लिया जाता है. ट्रेनिंग लेने वाली सभी महिलाएं और बालिकाएं घर से बाहर निकलते हुए खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं और साथ ही उन्हें ट्रेनिंग के दौरान जो भी चीजें सिखाई गई हैं वह सभी उनके काफी काम आती है.

सुमन ने बताया कि वह ट्रेनिंग को लेकर एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा को प्रतिदिन रिपोर्ट करती हैं और साथ ही 5 दिन की ट्रेनिंग सेशन के दौरान कितनी महिलाओं और बालिकाओं को ट्रेनिंग दी गई, उनका क्या रिस्पॉन्स रहा इन तमाम चीजों की रिपोर्ट भी बनाकर भेजी जाती है. सुमन ने बताया कि निर्भया टीम सादा वस्त्रों में भी मनचलों पर लगाम लगाने के लिए लगातार काम कर रही है. निर्भया टीम दो शिफ्ट सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक काम करती है.

हमारी बच्चियां और महिलाएं हो रही सुरक्षित- पार्षद सुमेर सिंह जोधा ने बताया कि यह उनके लिए बड़ी गर्व की बात है कि उनके वार्ड की बच्चियां और महिलाएं सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग प्राप्त करके आत्मनिर्भर हो रही हैं. जो खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं और दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत बन रही है. उन्होंने कहा कि निर्भया टीम की ओर से सेल्फ डिफेंस की जो ट्रेनिंग दी जा रही है उससे हमारे परिवार और समाज में एक सकारात्मक संदेश जा रहा है. ट्रेनिंग के चलते महिलाएं व बालिकाएं अब घर से अकेले बाहर निकलने में बिल्कुल भी नहीं हिचक रही हैं और ट्रेनिंग के चलते उनके मन में आत्मविश्वास का लेवल काफी बढ़ा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.