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जयपुर ननि ने स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए कसी कमर, 'अब जनता भी हो जागरूक'

जयपुर नगर निगम ने स्वच्छता रैंकिंग में सर्वश्रेष्ठ अंक हासिल करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. लोगों से भी शहर को स्वच्छ करने में भागीदारी की अपील की जा रही है. निगम प्रशासन भले ही दिन-रात सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटा है, लेकिन आम जनता का सहयोग नहीं मिलेगा तो जयपुर को स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक मिलना मुश्किल है.

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स्वच्छता सर्वेक्षण के मद्देनजर तैयारी
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Published : Jan 6, 2020, 12:55 PM IST

जयपुर. केंद्र की टीम जयपुर में स्वच्छता सर्वेक्षण करने के लिए अब कभी भी पहुंच सकती है. ऐसे में नगर निगम ने इस महीने होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों में पूरी ताकत झोंक रखी है. साल 2020 की शुरुआत में नगर निगम और शहरवासियों के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण किसी परीक्षा से कम नहीं है. साल 2018 की 39वीं रैंक को बीट करने और सर्वश्रेष्ठ रैंक हासिल करने के लिए सभी को काम करना होगा.

स्वच्छता सर्वेक्षण के मद्देनजर तैयारी

इस क्रम में निगम प्रशासन ने कचरा उठाने की दिक्कतों को दूर भी किया है. वहीं बीवीजी को पाबंद कर हूपरों की संख्या में भी इजाफा किया गया है. खुद निगम के अधिकारी दिन-रात सफाई का जायजा ले रहे हैं. हालांकि कुछ जगह रोड पर ओपन कचरा डिपो देखने को मिलते हैं. जिसका कारण निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने आम जनता में जागरूकता का अभाव बताया है. वहीं नोडल ऑफिसर हर्षित वर्मा ने बताया, कि जनता को जागरूक करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं और अब लोगों को भी स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़ने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें- बाड़मेर के बालोतरा उपखण्ड में टिड्डी दलों ने डाला डेरा, खड़ी फसलें हो रही है खराब

हालांकि निगम जागरूकता के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े होर्डिंग शहर में लगा रहा है. चाचा चौधरी और साबू की कॉमिक्स को स्कूलों में बांटा जा रहा है. होटल और रेस्टोरेंट से घर तक पहुंचने वाले डिब्बों पर स्वच्छता से जुड़े स्टीकर भी चस्पा किए जा रहे हैं और रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त की गई है. ऐसे में अब शहरवासी भी अपनी जिम्मेदारी समझें, ताकि जयपुर को एक बेहतर रैंक मिल सके.

जयपुर. केंद्र की टीम जयपुर में स्वच्छता सर्वेक्षण करने के लिए अब कभी भी पहुंच सकती है. ऐसे में नगर निगम ने इस महीने होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों में पूरी ताकत झोंक रखी है. साल 2020 की शुरुआत में नगर निगम और शहरवासियों के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण किसी परीक्षा से कम नहीं है. साल 2018 की 39वीं रैंक को बीट करने और सर्वश्रेष्ठ रैंक हासिल करने के लिए सभी को काम करना होगा.

स्वच्छता सर्वेक्षण के मद्देनजर तैयारी

इस क्रम में निगम प्रशासन ने कचरा उठाने की दिक्कतों को दूर भी किया है. वहीं बीवीजी को पाबंद कर हूपरों की संख्या में भी इजाफा किया गया है. खुद निगम के अधिकारी दिन-रात सफाई का जायजा ले रहे हैं. हालांकि कुछ जगह रोड पर ओपन कचरा डिपो देखने को मिलते हैं. जिसका कारण निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने आम जनता में जागरूकता का अभाव बताया है. वहीं नोडल ऑफिसर हर्षित वर्मा ने बताया, कि जनता को जागरूक करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं और अब लोगों को भी स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़ने की जरूरत है.

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हालांकि निगम जागरूकता के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े होर्डिंग शहर में लगा रहा है. चाचा चौधरी और साबू की कॉमिक्स को स्कूलों में बांटा जा रहा है. होटल और रेस्टोरेंट से घर तक पहुंचने वाले डिब्बों पर स्वच्छता से जुड़े स्टीकर भी चस्पा किए जा रहे हैं और रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त की गई है. ऐसे में अब शहरवासी भी अपनी जिम्मेदारी समझें, ताकि जयपुर को एक बेहतर रैंक मिल सके.

Intro:जयपुर - स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर निगम के प्रयासों के बीच अब आम जनता को भी जागरूक होने की दरकार है। निगम प्रशासन भले ही दिन-रात सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटा है, लेकिन यदि आम जनता का सहयोग नहीं मिलेगा तो जयपुर को स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक मिलना मुश्किल है।


Body:4 जनवरी के बाद अब कभी भी केंद्र की टीम जयपुर में स्वच्छता सर्वेक्षण करने पहुंच सकती है। ऐसे में नगर निगम ने इस महीने होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों में पूरी ताकत झोंक रखी है। साल 2020 की शुरुआत में नगर निगम और शहरवासियों के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण किसी परीक्षा से कम नहीं है। और अब 2018 की 39 वी रैंक को बीट करने और सर्वश्रेष्ठ रैंक हासिल करने के लिए सभी को काम करना होगा। इस क्रम में निगम प्रशासन ने कचरा उठाने की दिक्कतों को दूर भी किया है, तो वहीं बीवीजी को पाबंद कर हूपरों की संख्या में भी इजाफा किया गया है। खुद निगम के अधिकारी दिन रात सफाई का जायजा ले रहे हैं हालांकि कुछ जगह रोड पर ओपन कचरा डिपो देखने को मिलते हैं। जिसका कारण निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने आम जनता में जागरूकता का अभाव बताया। वहीं नोडल ऑफिसर हर्षित वर्मा ने बताया कि जनता को जागरूक करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। और अब लोगों को भी स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़ने की जरूरत है।
बाईट - विजय पाल सिंह, निगम प्रशासक


Conclusion:हालांकि निगम जागरूकता के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े होर्डिंग शहर में लगा रहा है। चाचा चौधरी और साबू की कॉमिक्स को स्कूलों में बांटा जा रहा है। होटल/रेस्टोरेंट से घर तक पहुंचने वाले डिब्बों पर स्वच्छता से जुड़े स्टीकर भी चस्पा किए जा रहे हैं। और रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त की गई है। ऐसे में अब शहरवासी भी अपनी जिम्मेदारी समझें, ताकि जयपुर को एक बेहतर रैंक मिल सके।
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