जयपुर. आपने बीरबल की खिचड़ी कहानी जरूर सुनी होगी, कुछ ऐसा ही हाल जयपुर मेट्रो फेज 2 की डीपीआर का है. जो बीते 1 साल से बने ही जा रही है, लेकिन अब तक बनकर सामने नहीं आई.
बताया जा रहा है कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन जयपुर मेट्रो फेज 2 को लेकर डीपीआर बना रहा है. जयपुर मेट्रो के लिए टोंक रोड पर ज्यादा यात्री भार को देखते हुए, इसका मुख्य रूट टोंक रोड पर ही करने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि नई डीपीआर नवंबर 2019 में बनकर तैयार होनी थी, लेकिन अब इसी महीने फरवरी 2020 में डीपीआर का काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है.
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इस संबंध में मेट्रो सीएमडी डॉ. समित शर्मा ने बताया कि डीपीआर बनाने का काम डीएमआरसी कर रही है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जयपुर में कन्वेंशनल मेट्रो चल रही है, जिसमें हेवी स्ट्रक्चर यूज़ किया जाता है और इसकी कॉस्ट भी ज्यादा होती है. इसके स्टेशन में कोनकोर्स एरिया और प्लेटफार्म एरिया अलग-अलग बनाया जाता है.
लेकिन अब नई टेक्नोलॉजी आने की वजह से लाइट मेट्रो बनाई जाएगी, जिसमें स्ट्रक्चर हैवी नहीं होता और एक ही मंजिल का स्टेशन रहता है. इससे कॉस्ट पर काफी बचत होगी. उन्होंने बताया कि डीएमआरसी फरवरी में ही डीपीआर तैयार कर भेजेगी.
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जयपुर मेट्रो सीएमडी के अनुसार अंडरग्राउंड ट्रैक की कॉस्ट एलिवेटेड ट्रैक से बहुत ज्यादा होती है और इससे शहरवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि डीएमआरसी इस बार फेस टू के लिए एलिवेटेड ट्रैक को ध्यान में रखते हुए डीपीआर तैयार कर रही है.
हालांकि इससे पहले भी साल 2012 में 6 हज़ार 583 करोड़, 2014 में 10 हज़ार 300 करोड़ की मेट्रो फेस टू की डीपीआर तैयार कराई जा चुकी है. अब एक बार फिर उसे रिवाइज किया जा रहा है. ऐसे में मेट्रो फेज टू पर कब मरेगी सासु कब आएंगे आंसू कहावत सार्थक हो रही है.