जयपुर. दिल्ली की तर्ज पर अब प्रदेश में भी 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले जयपुर, जोधपुर और कोटा नगर निगम को दो भागों में विभाजित करके पुनर्गठन किया जाएगा. अगस्त 2019 में शहरों के वार्डों के सीमांकन की अधिसूचना को विखंडित करने की घोषणा की गई है. इन नवगठित नगर निगमों में वार्डों की संख्या धारा 6 के अंतर्गत दोबारा निर्धारित की जाएगी. ऐसे में नवगठित नगर निगम में वार्डों की संख्या भी बढ़ाई गई है.
150 वार्डों में दोबारा होगा परिसीमन
वहीं, जयपुर हेरिटेज निगम की बात करें तो सिविल लाइंस, आदर्श नगर, किशनपोल, हवा महल और आमेर के वार्ड शामिल होंगे. यहां 150 वार्डों के लिए दोबारा परिसीमन किया जाएगा. जबकि ग्रेटर जयपुर नगर निगम में विद्याधर नगर, झोटवाड़ा, सांगानेर, बगरू और मालवीय नगर के वार्ड शामिल होंगे. यहां 100 वार्डों के लिए परिसीमन होगा.
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समस्याओं की कर सकेंगे मॉनिटरिंग
जोधपुर में उत्तर और दक्षिण में 80-80 वार्ड बनाए जाएंगे. जबकि कोटा उत्तर में 70 और कोटा दक्षिण में 80 वार्डों को लेकर परिसीमन होगा. इस संबंध में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने तर्क दिया कि इन शहरों का अधिक पार्षदों के द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाएगा. जिससे वो अधिक प्रभावी तौर पर अपने क्षेत्र की समस्याओं की मॉनिटरिंग कर सकेंगे.
6 महीने के अंदर कराया जाएगा चुनाव
बहरहाल, जून से लेकर अब तक जयपुर, जोधपुर और कोटा में वार्डों के परिसीमन को लेकर एक लंबा दौर चला. इस दौरान निगम के अधिकारियों का ज्यादातर समय भी इसी में बीता. लेकिन, अब अचानक आनन-फानन में इन तीन नगर निगम को 6 नगर निगम में तब्दील किया गया है. जिनका 6 महीने के अंदर चुनाव कराए जाएंगे. ऐसे में एक बार फिर निगम की टीमों को परिसीमन के लिए दौड़ भाग करनी पड़ेगी.