जयपुर: कोरोना ने लोगों को शारीरिक ही नहीं, मानसिक ही नहीं बल्कि आर्थिक तौर पर भी तोड़ कर रख दिया. इच्छाओं को काबू में कर लोगों ने ऐसे प्रयोग और उपाय किए जिससे उनकी गृहस्थी का बोझ थोड़ा हल्का हो सके. Big Fat Wedding की चाहतों को पूरा करने में लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. खासकर विवाह स्थलों की बुकिंग में लोगों ने सर्तकता अपनाई. अब निगम (Greater Nagar nigam)ने लोगों के इस दर्द को कुछ हद तक कम करने का बीड़ा उठाया है. सामुदायिक केन्द्रों का कायाकल्प कर! निगम का दावा है कि ये केन्द्र सभी सुविधाओं से लैस होंगे.
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नई पहल से उम्मीद कई: निगम को पूरा भरोसा है कि कोरोना काल में जरूरतमंद, बड़े विवाह स्थल बुक करने के बजाय कम राशि में ही सामुदायिक केन्द्र में बेहतर सुविधाओं के साथ समारोह कर सकेंगे. ग्रेटर नगर निगम 14 सामुदायिक केंद्रों का नवीनीकरण कर रहा है. इसके साथ ही सड़कों पर रहने वाले खानाबदोशों और जरूरतमन्दों को सर्दी से बचाने के लिए हर साल बनने वाले रैन बसेरों (Night shelter) की तर्ज पर मानसून के दौर में भी ऐसे लोगों को बारिश से बचाने के लिए (Rain shelter) काम किया जाएगा.
बदहाल केन्द्र होंगे Hi Tech: ग्रेटर नगर निगम के बदहाल पड़े सामुदायिक केन्द्र हाईटेक होने वाले है. इससे जहां स्थानीय लोगों को किफायती दरों पर सुविधा मिलेगी. वहीं नगर निगम को भी राजस्व का फायदा होगा. ग्रेटर नगर निगम की सांस्कृतिक समिति ने इसके लिए पहल की है. पहले चरण में ग्रेटर निगम क्षेत्र के 14 सामुदायिक केन्द्रों का नवीनीकरण किया जाएगा. साथ ही सामुदायिक केन्द्र परिसर में हरी घास, पेड़ पौधे भी लगाए जायेगें, ताकि वातावरण शुद्ध और हरा भरा रहे.
Guards की तैनाती: मेंटेनेंस और देखरेख के लिए यहां गार्ड भी तैनात किये जायेंगे. सांस्कृतिक समिति की चेयरमैन दुर्गेश नंदनी ने बताया कि लोकेशन के अनुसार सामुदायिक केन्द्रों को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा, ताकि लोग अपनी वित्तीय स्थिति के हिसाब से सामुदायिक केन्द्र बुक करा सकें.
28 केन्द्रों का होगा कायाकल्प: बड़ी बात ये है कि ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में 28 के करीब सामुदायिक केन्द्र हैं, जो बदहाल पड़े हैं. वो दुरूस्त होंगे, बुकिंग होगी तो निगम के भी हालात बदलेंगे. उसे रेवेन्यू का फायदा होगा.
रैन बसेरों का भी इंतजाम: जिन लोगों के पास मानसून के दौर में बारिश से बचने के लिए कोई उपाय नहीं होता, उन्हें छत उपलब्ध कराने के लिए जगह चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है. ग्रेटर निगम ने दो स्थानों को चिन्हित भी कर लिया है. यहां इंदिरा रसोई का भी संचालन हो रहा है. हालांकि, इसमें एक व्यवधान है. वो इन जगहों के मालिकाना हक को लेकर है. निगम ने इसका निदान निकाल लिया है और फैसला लिया है कि वो सम्बंधित विभागों से चर्चा करेगी. Experiment के तौर पर शुरुआत में बारिश के दौर में दो स्थानों पर ये रैन बसेरे बनाए जाएंगे.
सांस्कृतिक समिति की इस विशेष कवायद से मानसून के दौर में ये प्रयोग सफल रहता है, तो गर्मी को छोड़कर सर्दी और बारिश दोनों मौसम में रैन बसेरे संचालित रहेंगे.