जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नौ साल के बच्चे का बीच रास्ते अपहरण (High Court on kidnapping case in Jaipur) करने के मामले में गृह सचिव, डीजीपी, एडीजी मानव तस्करी निरोधक यूनिट और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, पूर्व सहित प्रताप नगर थानाधिकारी से जवाब मांगा है.
इसके साथ ही अदालत ने अपहृत बच्चे को 12 जनवरी को अदालत में पेश करने के आदेश (jaipur bench on abduction case) देते हुए तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश आशुतोष शर्मा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिए.
हाईकोर्ट में सुनवाई (Rajasthan High Court Hearing) के दौरान याचिका में कहा गया कि गत 11 सितंबर को प्रताप नगर निवासी याचिकाकर्ता का नौ साल का बेटा शाम करीब आठ बजे घर के बाहर साइकिल चला रहा था. इतने में एक व्यक्ति ने उसका अपहरण कर लिया. याचिका में कहा गया कि मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने अब तक कोई प्रभावी जांच नहीं की है.
याचिकाकर्ता की ओर से पुलिस को अपहर्ता का हुलिया बताने के बाद भी पुलिस ने ना तो उसकी गिरफ्तारी की है और ना ही याचिकाकर्ता के बेटे को बरामद किया है. याचिकाकर्ता को अंदेशा है कि अपहरण में मानव तस्करी करने वाली गैंग शामिल हो सकती है. ऐसे में पुलिस को दिशा-निर्देश दिए जाएं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपहृत को पेश करने के आदेश देते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों से जवाब तलब किया है.