जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के चलते गर्भवती हुई नाबालिग को 28 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात की अनुमति (Minor rape victim allowed to abort 28 week foetus) दी है. अदालत ने गर्भपात के बाद भ्रूण को डीएनए जांच के लिए सुरक्षित रखने को कहा है. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने पीड़िता की याचिका पर फैसला सुनाया है. याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता के पड़ोस में रहने वाले आरोपी ने वर्ष 2021 में उसके साथ दुष्कर्म किया था. घटना को लेकर उसने थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी.
दुष्कर्म के चलते नाबालिग गर्भवती हो गई. लेकिन वो इस बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती. याचिका में कहा गया कि यदि बच्चा पैदा हुआ तो उसे सामाजिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ेगा. इसके अलावा याचिका में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत पैदा होने वाले बच्चे पर ज्यादा अधिकार पिड़िता के हैं. ऐसे में उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को गर्भपात की अनुमति दी है.