जयपुर. ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में 4000 से ज्यादा मीट की दुकानें और बूचड़खाने (Illegal Meat Shop in jaipur) चल रहे हैं. इसमें से महज 1800 दुकानों ने ही नगर निगम से लाइसेंस ले रखा है. इससे न सिर्फ निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है बल्कि ये दुकानें हाइजीन नहीं होने की वजह से मांसाहारी भोजन करने वालों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ कर रही है. हालांकि अब ग्रेटर निगम इन दुकानों पर सख्त रुख अख्तियार करने जा रहा है. लाइसेंस नहीं होने पर इन दुकानों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी.
बीते दिनों ग्रेटर नगर निगम की पशुधन संरक्षण समिति और उपमहापौर की ओर से की गई पड़ताल में सामने आया जयपुर शहर में बड़ी संख्या में अवैध रूप से मीट की दुकानें संचालित हो रही हैं. उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने बताया कि इन मीट शॉप पर अवैध तरीके से स्लॉटरिंग हो रही है. ये मिनी स्लॉटर हाउस के रूप में काम कर रहे हैं, और ये दुकानें हाइजीन भी नहीं है. शहर में गलत ढंग से हो रहे इस काम को रोकने के लिए ग्रेटर निगम एक अभियान शुरू करने जा रहा है.
उपमहापौर ने कहा कि एक वर्ग विशेष की बड़ी संख्या में दुकानें हैं, जो निगम के अधिकारियों की मिलीभगत और राजनेताओं के संरक्षण से काम कर रहे हैं. लेकिन अब बिना लाइसेंस के दुकानें संचालित नहीं करने दी जाएंगी. या तो लाइसेंस लेना पड़ेगा या उन्हें अपनी दुकान बंद करनी पड़ेगी. अब बिना लाइसेंस मीट की दुकानें संचालित करने वालों पर सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी, और एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी.
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इस संबंध में जोन अधिकारियों को दुकानें सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं. अब सामने आ जाएगा की कितनी दुकाने वैध और अवैध हैं. साथ ही कितने ऐसे हैं जिन्होंने लाइसेंस के लिए अप्लाई तक नहीं किया. सभी को लाइसेंस के लिए निश्चित समय सीमा दी जाएगी और फिर भी लाइसेंस नहीं लेने पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. आपको बता दें कि शहर में चैनपुरा स्थित स्लॉटर हाउस में मीट व्यवसायियों की सुविधा के लिए लाइसेंस प्रणाली को भी सरल किया गया है. बावजूद इसके 2200 से ज्यादा दुकानदारों ने अब तक लाइसेंस के लिए अप्लाई नहीं किया, जिनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.