जयपुर. ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने समितियों के प्रस्ताव को निरस्त करने के मामले में राज्य सरकार पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए शहर के विकास को रोकने का षड्यंत्र बताया. इस संबंध में आवश्यकता पड़ने पर लीगल एक्शन लेने की बात कही. वहीं उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने निगम कमिश्नर और सरकार दोनों की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार ने नगर पालिका एक्ट का मजाक बनाया है.
राज्य सरकार की ओर से ग्रेटर नगर निगम की समितियों को निरस्त करने के बाद शुक्रवार को सभी समिति चेयरमैन महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और उपमहापौर पुनित कर्णावट के साथ मंथन में जुटे. इस दौरान महापौर सौम्या गुर्जर ने समितियों को निरस्त करने के मामले में इसे राज्य सरकार का षड्यंत्र बताते हुए कहा कि राज्य सरकार जयपुर के विकास को रोकना चाहती है. सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से बोर्ड मीटिंग में पास समितियों को निरस्त किया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. जो सरकार लोकतंत्र की दुहाई देती है, उसका असली चेहरा सामने आ गया है. इस संबंध में सीएम अशोक गहलोत से शिकायत की जाएगी और जरूरत पड़ी तो लीगल कार्रवाई भी की जाएगी.
उन्होंने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि डिसेंट नोट भेजने की एक प्रक्रिया होती है. बोर्ड मीटिंग के मिनट्स में भी इसका उल्लेख किया जाना था. यदि किसी प्रस्ताव पर असहमति होती है, तो बोर्ड मीटिंग में ही असहमति प्रस्तुत करनी चाहिए थी, लेकिन मिनट्स में भी प्रस्ताव अनुमोदित हुआ है. निगम के इतिहास में ये पहली मर्तबा है, जब बोर्ड के द्वारा पास प्रस्ताव का उपहास उड़ाया गया है. मेयर ने कहा कि 2019 में भी महापौर विष्णु लाटा के समय बनी समितियां भी इन्हीं पैरामीटर्स पर बनी थी. इसी सरकार ने उन्हें पास किया था. ग्रेटर नगर निगम की समितियों को निरस्त करने में सरकार की दुर्भावना और द्वेष नजर आ रहा है.
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वहीं उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने कहा कि कमिश्नर और सरकार की भूमिका जनता के सामने साफ हो चुकी है. सरकार दुर्भावनावश ग्रेटर नगर निगम के खिलाफ काम कर रही है. विधि सम्मत जो समितियां बनी उनको निरस्त करना अलोकतांत्रिक और विधि के विरुद्ध है. राज्य सरकार ने एक्ट का मजाक बनाया है. राज्य सरकार जयपुर की जनता को इस बात का दंड देना चाहती है कि उन्होंने ग्रेटर नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी का बोर्ड बनवाया. उन्होंने कहा कि आवश्यकता होगी तो न्यायालय में भी जाएंगे और जनता के बीच में जाकर बताएंगे कि किस प्रकार जनादेश का अपमान राजस्थान की कांग्रेस सरकार कर रही है.
बता दें कि ग्रेटर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में गठित 28 में से 27 समितियों के गठन को नगरपालिका अधिनियम की धारा के विपरीत मानते हुए स्वायत्त शासन विभाग ने निगम के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया. इसके बाद से बीजेपी और कांग्रेस दोनों राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.