जयपुर. राजधानी में नगर निगम मुख्यालय और जोन कार्यालय पर हर दिन सैकड़ों लोग जन्म-मृत्यु और विवाह पंजीयन के लिए पहुंचते हैं. हाल ही में निगम की ओर से इसे लेकर एक मार्गदर्शिका जारी की गई. जिसमें प्रक्रिया और आवेदन पत्र को शामिल किया गया, लेकिन इसके साथ ही नगर निगम प्रशासन ने निःशुल्क फॉर्म की जगह 20 शुल्क लेना भी शुरू किया है.
इस व्यवस्था से नगर निगम के खाते में हर दिन तकरीबन 20000 आ रहे हैं. हालांकि शहर की आम जनता को निःशुल्क फॉर्म की जगह ये नई व्यवस्था रास नहीं आ रही. लोगों की माने तो जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र हो या फिर मैरिज सर्टिफिकेट सभी के लिए 20 की बुकलेट के साथ फॉर्म दिया जा रहा है. वहीं यदि किसी फॉर्म में कोई गलती होती है तो दोबारा 20 खर्च करने पड़ते हैं. यही नहीं प्रक्रिया की पूरी जानकारी होने के बावजूद मार्गदर्शिका खरीदना अनिवार्य किया गया है.
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बता दें कि लोगों से की जा रही इस वसूली को बीजेपी पार्षदों ने अनैतिक बताया. पार्षद बाबूलाल दातोनिया ने कहा कि ये नई व्यवस्था जनता के हित में नहीं है. जिस फॉर्म को बीजेपी के कार्यकाल में निशुल्क दिया जाता था, अब उसके 20 वसूले जा रहे हैं. जिसका बीजेपी विरोध करती है. उधर, निगम के पुराने फॉर्म को लेकर ईटीवी भारत जब नगर निगम सेवा केंद्र पहुंचा, तो यहां निगम के कर्मचारी ने बताया कि अब पुराने फॉर्म की जगह बुकलेट के साथ फॉर्म दिए जा रहे हैं. इस बुकलेट को मेयर साहब ने ही जारी किया है.
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वहीं जन्म-मृत्यु और विवाह पंजीयन रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बताया कि पहले एक फॉर्म दिया जाता था, अब पूरी बुकलेट दी जा रही है. जिसमें डॉक्यूमेंट, शपथ पत्र की भाषा क्या होगी, शपथ पत्र कहां-कहां से सत्यापित होगा ये सभी जानकारी दी गई है. इस बुकलेट को सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. फिलहाल निःशुल्क फॉर्म पूरी तरह बंद कर दिए हैं.
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बता दें कि इस बुकलेट पर ना सिर्फ शुल्क को लेकर सवाल उठ रहे हैं. बल्कि इस पर चस्पा की गई मेयर विष्णु लाटा की तस्वीर पर भी सवाल उठ रहे हैं. चूंकि सोमवार को मेयर का कार्यकाल खत्म हो जाएगा, और एक सप्ताह पहले ही ये व्यवस्था शुरू की गई है. ऐसे में सर्विस फॉर्म बुकलेट पर उनकी तस्वीर के अब आगे क्या मायने रह जाएंगे.