जयपुर. राजधानी जयपुर में कांग्रेस पार्टी में इन दिनों नगर निगम हेरिटेज में कमेटियों का निर्माण न होना और जयपुर के कर्बला में एक क्रिकेट पिच बनाने का मुद्दा तेजी से चल रहा है. भले ही कोरोना के चलते क्रिकेट मैच स्थगित हो गए हों या मंत्री महेश जोशी और प्रताप सिंह खाचरियावास यह कहते हुए नजर आ रहे हों कि नगर निगम हेरिटेज में जल्द ही कमेटियों का गठन कर दिया जाएगा, लेकिन दोनों ही मुद्दों के पीछे निर्दलीय पार्षद केवल मोहरा मात्र दिख रहे हैं.
जबकि असली लड़ाई किसी क्रिकेट पिच को लेकर या कमेटियों में निर्दलीयों को शामिल करवाने को लेकर न होकर कांग्रेस का जयपुर जिला अध्यक्ष कौन और किसका समर्थक बने (Jaipur District President Post War) इसकी है. वरना यह संभव नहीं कि एक क्रिकेट मैच का विवाद इतना बढ़ जाए कि दो विधायक उस मैदान पर क्रिकेट मैच का आयोजन करवाने के विरोध में कमिश्नरेट तक पहुंच जाएं जिस मैच का आयोजन मंत्री महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी करवा रहे हों.
और तो और इस मामले में स्थानीय पार्षद अपनी शिकायत लेकर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के पास पहुंचते हैं और वह भी उनकी शिकायत को जायज मानते हुए पुलिस को कर्बला में पिच बनाने का विरोध करने वाले लोगों पर कार्रवाई करने का विरोध करते हैं. यही नहीं जब यही पार्षद नगर निगम हेरिटेज में चेयरमैन नहीं बनाने पर विरोध प्रदर्शन करने नगर निगम पहुंचते हैं तो खाचरियावास उन पार्षदों के समर्थन में उनके साथ धरने पर बैठ जाते हैं.
महेश जोशी, प्रताप सिंह अपने समर्थकों को और रफीक खान खुद बनना चाहते है जयपुर जिला अध्यक्ष
दरअसल जयपुर शहर में इस बार कांग्रेस पार्टी दो जिला अध्यक्ष बनाएगी. इसमें से हेरिटेज नगर निगम का जिला अध्यक्ष कौन हो इस पर विवाद चल रहा है. विधायक रफीक खान खुद जिला अध्यक्ष बनना चाहते हैं और अमीन कागजी का समर्थन भी उन्हें प्राप्त है, लेकिन मंत्री महेश जोशी चाहते हैं कि उनके किसी समर्थक को जयपुर हेरिटेज का जिला अध्यक्ष बनाया जाए. मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास अपने किसी समर्थक के लिए यह कुर्सी चाहते हैं.
यही कारण है कि जयपुर जिले में हेरिटेज का जिला अध्यक्ष नहीं बन पा रहा है और नेताओं का आपसी विवाद पुलिस कमिश्नरेट और नगर निगम में धरने तक पहुंच गया है. यह विवाद ऊपर से भले ही किसी दूसरे रूप में दिखाई दे रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि जयपुर जिला कांग्रेस का अध्यक्ष कौन हो उसे लेकर ही यह सब नेता एक दूसरे के आमने-सामने हैं.