जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम ने बिना कारण चेक बाउंस करने और खाते को बंद करने पर बैंक ऑफ बड़ौदा तत्कालीन देना बैंक के खिलाफ एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने यह आदेश देना बैंक एम्पलाइज थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोयायटी को मादन सचिव निभा विश्वास के परिवाद पर दिए.
परिवाद में कहा गया कि दिसंबर 2015 में परिवादी ने बैंक को प्रार्थना पत्र पेश कर समिति के खाते को चित्रकूट से हल्दियों का रास्ता शाखा में स्थानान्तरित करने को कहा था, लेकिन बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक ने दुर्भावना से खाते को स्थानान्तरित नहीं किया. वहीं समिति ने अपने वेंडर और एक सदस्य को चेक के जरिए भुगतान किया, लेकिन दोनों चेक बाउंस हो गए और खाता ब्लॉक कर दिया गया. ऐसे में समिति को क्षतिपूर्ति दिलाई जाए.
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आरोप के जवाब में बैंक की ओर से कहा गया कि परिवादी निभा विश्वास और अन्य पदाधिकारी समिति की राशि गबन करने के मामले में जेल जा चुके हैं. उन्होंने तथ्यों को छिपाकर परिवाद पेश किया है. ऐसे में परिवाद को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों को सुनकर आयोग ने बैंक पर एक लाख रुपए का हर्जना लगाया है.