जयपुर. सूरत में हुए कोचिंग सेंटर अग्निकांड के बाद जयपुर नगर निगम अवैध कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई करने को लेकर सक्रिय हुआ था. नगर निगम ने राजधानी के कोचिंग संस्थाओं की फायर एनओसी जांच कर करीब 250 कोचिंग सेंटर को नोटिस दिए थे. यही नहीं 10 कोचिंग सेंटर को बिल्डिंग बायलॉज की पालना नहीं करने और फायर एनओसी नहीं होने के चलते सील भी किया था, लेकिन अब एक बार फिर निगम निष्क्रिय हो गया है.
दरअसल, बीते दिनों यूडीएच मंत्री ने राजधानी में अवैध रूप से चल रहे रूफटॉप रेस्टोरेंट संचालकों को 3 महीने का समय देकर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए और तबतक निगम को इन पर किसी तरह की कार्रवाई ना करने के भी निर्देश दिए गए थे, लेकिन शायद नगरनिगम प्रशासन इस निर्देश को कोचिंग सेंटर के मार्फत भी ले गया. यही वजह है, कि शहर के जिन 250 कोचिंग सेंटर को निगम प्रशासन की ओर से नोटिस दिए गए थे, उन पर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. निगम के खाते में महज 10 कोचिंग सेंटर्स का नाम है, जिन्हें सील किया गया हो, जबकि फेहरिस्त बहुत बड़ी है.
यह भी पढ़ें- जयपुरः प्लॉट बेचने के नाम पर लाखों की ठगी, आरोपी को भेजा जेल
इस संबंध में निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने बताया, कि कोचिंग संस्थानों को मुख्य रूप से दो कारणों से नोटिस दिए गए हैं. एक तो कोचिंग की जगह कमर्शियल कन्वर्टेड होनी चाहिए. दूसरा वो फायर सेफ्टी के सभी नॉर्म्स पूरे करती हो. इन नियमों पर जो खरा नहीं उतरेगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस दौरान उन्होंने सील खोले जाने की प्रक्रिया बताते हुए कहा, कि नॉर्म्स पूरे करने के बाद डीएलबी में अपील करने पर ही सील खोली जाएगी, लेकिन जब उनसे कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई को लेकर निगम की उदासीनता पर सवाल किया तो वो भी चुप्पी साध गए.
बता दें, कि राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 194 (7)(f) के तहत नगर निगम के पास कोचिंग सेंटर्स को सीज करने के पूरे अधिकार हैं, लेकिन निगम फिलहाल अपने इन अधिकारों को ताक पर रख शायद किसी अप्रिय घटना का इंतजार कर रहा है.