जयपुर. नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में हैं. स्वायत्त शासन विभाग की ओर से शहर के सभी रूफटॉप रेस्टोरेंट को अवैध करार दिया हुआ है. बावजूद इसके 2 दिन पहले जिन रूफटॉप रेस्टोरेंट को निगम की ओर से सीज किया गया था. उनमें से दो की सीज खोल दी गई है.
इस पर निगम कमिश्नर विजय पाल सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ब्लैक आउट रेस्टोरेंट पर न्यायालय का स्थगन आदेश था, जिसमें निगम हस्तक्षेप नहीं कर सकता था. इसलिए कार्रवाई को रोकना पड़ा है.
यह भी पढ़ेंः रसद विभाग ने शुरू की कार्रवाई, घर जाकर आधार कार्ड की जांच करेगी टीम
वहीं क्लब रेजिओ एस्टेरिया रेस्टोरेंट ने अनुमोदित नक्शे और फायर एनओसी बाद में प्रस्तुत की. जो नियम अनुसार सही पाई गई. ऐसे में सीज खोलनी पड़ी. हालांकि ब्लैक आउट रेस्टोरेंट को लेकर उन्होंने आगामी दिनों में स्थगन को हटाकर फिर कार्रवाई करने की बात कही.
यह भी पढ़ेंः Ware housing कॉर्पोरेशन के गोदामों में ऑनलाइन वेयर हाउस रिसिप्ट सेवा का शुभारंभ, किसानों को होगा फायदा
उधर, भाजपा विधायक और पूर्व मेयर अशोक लाहोटी ने नगर निगम के अधिकारियों पर अंडर टेबल डील का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि निगम के अधिकारियों ने या तो पॉलिटिकल दबाव में या फिर लाखों रुपए की डील कर रेस्टोरेंट की सील खोली है. उन्होंने सरकार से कोचिंग और रेस्टोरेंट्स के मामले में रेगुलराइज करने की मांग की. साथ ही कहा कि यदि रेस्टोरेंट्स पर गलत कार्रवाई की गई है, तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो और सही बंद किया तो रेस्टोरेंट को दोबारा क्यों खोला इसका जवाब निगम प्रशासन दें.