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जयपुर: अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने जीएसटी चोरी के आरोपी और दलाल की जमानत अर्जी खारिज की

अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने करीब 5 करोड़ 54 लाख रुपए की जीएसटी चोरी के मामले में आरोपी अमित कुमार की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. इसके पूर्व 19 जनवरी को आर्थिक अपराध मामलों की विशेष एसीजेएम अदालत भी आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर चुकी है.

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अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने जीएसटी चोरी के आरोपी और दलाल की जमानत अर्जी खारिज की
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Published : Jan 30, 2021, 8:00 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने करीब 5 करोड़ 54 लाख रुपए की जीएसटी चोरी के मामले में आरोपी अमित कुमार की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. इसके पूर्व 19 जनवरी को आर्थिक अपराध मामलों की विशेष एसीजेएम अदालत भी आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर चुकी है.

दूसरी ओर एसीबी कोर्ट ने हाईवे निर्माण कंपनी से दौसा के तत्कालीन एसपी मनीष अग्रवाल के नाम पर 38 लाख रुपए की रिश्वत मांगने वाले दलाल नीरज मीणा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. एसीबी ने आरोपी दलाल को गत दिनों गिरफ्तार किया था.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा- एसएमएस अधीक्षक आकर बताएं अदालती आदेश की पालना क्यों नहीं हुई

जीएसटी चोरी के मामले में आरोपी की ओर से जमानत अर्जी में कहा कि फर्म के कर्मचारी ने अपने परिजनों से मिलकर जीएसटी राशि को उनके खातों में जमा करा दिया. इसे लेकर प्रार्थी की ओर से मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. फर्म पर 2 करोड़ 75 लाख रुपए का कर दायित्व बनता है, जिसे जमा कराने के लिए वह तैयार है. इसका विरोध करते हुए विभाग के वकील ने कहा कि मामला 5 करोड़ से अधिक के कर चोरी का है.

आरोपी की फर्म सोल्यूशन एंड सोल्यूशन जुलाई 2017 से बिलों पर जीएसटी वसूल कर रही थी. लेकिन उसे सरकारी खाते में जमा कराने के बजाए खुद के खातों में जमा कराती रही. जबकि एसीबी मामले में दलाल अमित कुमार की ओर से कहा गया कि प्रकरण में उसे फंसाया गया है और मुकदमें की ट्रायल पूरी होने में समय लगेगा. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने करीब 5 करोड़ 54 लाख रुपए की जीएसटी चोरी के मामले में आरोपी अमित कुमार की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. इसके पूर्व 19 जनवरी को आर्थिक अपराध मामलों की विशेष एसीजेएम अदालत भी आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर चुकी है.

दूसरी ओर एसीबी कोर्ट ने हाईवे निर्माण कंपनी से दौसा के तत्कालीन एसपी मनीष अग्रवाल के नाम पर 38 लाख रुपए की रिश्वत मांगने वाले दलाल नीरज मीणा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. एसीबी ने आरोपी दलाल को गत दिनों गिरफ्तार किया था.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा- एसएमएस अधीक्षक आकर बताएं अदालती आदेश की पालना क्यों नहीं हुई

जीएसटी चोरी के मामले में आरोपी की ओर से जमानत अर्जी में कहा कि फर्म के कर्मचारी ने अपने परिजनों से मिलकर जीएसटी राशि को उनके खातों में जमा करा दिया. इसे लेकर प्रार्थी की ओर से मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. फर्म पर 2 करोड़ 75 लाख रुपए का कर दायित्व बनता है, जिसे जमा कराने के लिए वह तैयार है. इसका विरोध करते हुए विभाग के वकील ने कहा कि मामला 5 करोड़ से अधिक के कर चोरी का है.

आरोपी की फर्म सोल्यूशन एंड सोल्यूशन जुलाई 2017 से बिलों पर जीएसटी वसूल कर रही थी. लेकिन उसे सरकारी खाते में जमा कराने के बजाए खुद के खातों में जमा कराती रही. जबकि एसीबी मामले में दलाल अमित कुमार की ओर से कहा गया कि प्रकरण में उसे फंसाया गया है और मुकदमें की ट्रायल पूरी होने में समय लगेगा. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

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