जयपुर. एसीबी की टीम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. जयपुर में राष्ट्रीय प्रोजेक्ट निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर को ट्रैप किया गया है. एसीबी की टीम ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद जयपुर कैंपस में कार्रवाई करते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर को एक लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है.
परिवादी ने शिकायत दी थी कि उसकी फर्म की ओर से किए गए निर्माण कार्यों के बकाया बिल पास करने के एवज में राष्ट्रीय प्रोजेक्ट निर्माण निगम (National Project Construction Corporation Jaipur) का प्रोजेक्ट मैनेजर अमृत लाल मीणा रिश्वत की मांग कर रहा है. जिसके तहत वो 24 लाख रुपए बिल राशि का 4.5 प्रतिशत कमीशन के रूप में एक लाख रुपये राशि की मांग कर रहा है. एसीबी जयपुर (Jaipur ACB) देहात यूनिट के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरोत्तम लाल वर्मा के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन करवाया गया.
सत्यापन के बाद शुक्रवार को एसीबी के पुलिस निरीक्षक मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में एसीबी की टीम ने ट्रैक की कार्रवाई को अंजाम देते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर अमृतलाल मीणा को गिरफ्तार किया है. आरोपी बामनवास जिला सवाई माधोपुर का रहने वाला है, जोकि प्रताप नगर जयपुर में रहा था. आरोपी राष्ट्रीय प्रोजेक्ट निर्माण निगम (एनपीसीसी) में सहायक अभियंता प्रोजेक्ट मैनेजर (Jaipur NPCC project manager arrested) है.
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एसीबी एडीजी दिनेश एमएन (ACB ADG Dinesh MN) के मुताबिक आरोपी के आवास और अन्य ठिकानों पर भी एसीबी की टीम तलाशी कर रही है. दस्तावेज और बैंक रिकॉर्ड को भी खंगाला जा रहा है. एसीबी की टीम की ओर से मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर जांच पड़ताल की जाएगी.
एसीबी डीजे बीएल सोनी (ACB DJ BL SONI) ने सभी लोगों से अपील करते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के टोल फ्री नंबर 1064 और हेल्पलाइन व्हाट्सएप नंबर 9413502834 पर संपर्क करके भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में अपना योगदान दें. एसीबी वैध कार्य को करवाने में भी पूरी मदद करेगी. राजस्थान एसीबी (Rajasthan ACB) राज्य कर्मचारियों के साथ-साथ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत है.
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरोत्तम लाल वर्मा ने बताया कि परिवादी ठेकेदारी का काम करता है. नेशनल इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद जयपुर में परिवादी का कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था. जिसका एक बिल करीब 24 लाख रुपये का था. जिसे पास करने की एवज में प्रोजेक्ट मैनेजर अमृतलाल मीणा 4.5 प्रतिशत के हिसाब से 1 लाख रुपए कमीशन मांग रहा था. शिकायत का सत्यापन करवाकर प्रोजेक्ट मैनेजर को रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम आरोपी से पूछताछ कर मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.
राजस्थान एसीबी कर रही है ताबड़तोड़ कार्रवाई
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एसीबी शिकंजा कसने का काम कर रही है. अगर जुलाई महीने की बात की जाए तो एसीबी ने पूरे प्रदेश भर में करीब 51 ट्रैप के प्रकरण दर्ज किए थे. इसके साथ ही 1 आय से अधिक संपत्ति का प्रकरण, 3 पद के दुरुपयोग के प्रकरण दर्ज किए गए. एसीबी मुख्यालय की ओर से 57 प्रकरणों में निस्तारण के आदेश दिए गए और 31 प्रकरणों में न्यायालय में नतीजा अनुसंधान पेश किया गया.
साल 2021 में अब तक 291 प्रकरण दर्ज
साल 2021 में एसीबी ने अब तक 291 प्रकरण दर्ज किए हैं. जिनमें 262 ट्रैप के, 12 आय से अधिक संपत्ति के और 17 पद के दुरुपयोग के प्रकरण दर्ज किए गए हैं. जबकि पिछले साल 2020 में इसी अवधि में केवल 149 प्रकरण दर्ज हुए थे. जिनमें 128 ट्रैप के, 2 आय से अधिक संपत्ति और 19 पद के दुरुपयोग के प्रकरण थे.
साल 2021 में अब तक 388 प्रकरणों में हुआ निर्णय
साल 2021 में अब तक 388 प्रकरणों में एसीबी मुख्यालय स्तर पर अनुसंधान पूरा होने पर निर्णय लिया जा चुका है. जबकि पिछले साल इसी अवधि में 118 प्रकरणों में निर्णय हुआ था. पूरी प्रक्रिया के बाद इस साल अब तक 174 प्रकरणों में न्यायालय में नतीजा पेश किया जा चुका है. जबकि पिछले साल इसी अवधि में 110 प्रकरणों में नतीजा पेश किया गया था. साल 2021 में अब तक 266 परिवादों और 29 प्राथमिक जांचों का निस्तारण किया गया है. पिछले साल की इस अवधि में 19 परिवादों और 5 प्राथमिक जांचों का निस्तारण किया गया था.