जयपुर. राज्य सरकार के गुरुवार को 2 साल पूरे हो चुके हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मैंडेट को परिवहन विभाग में भी बखूबी लागू किया जा रहा है. आमजन से जुड़े कार्यों को ऑनलाइन करने, सड़क दुर्घटनाओं को कम करने, परिवहन सेवाओं को सुगम बनाने में विभाग ने नई पहल की है. परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी लगातार विभागीय अफसरों के कार्य पर मॉनिटरिंग रखते हैं.
वैसे तो परिवहन विभाग का काम राज्य सरकार के लिए मुख्य राजस्व अर्जित करना है. परिवहन विभाग राज्य सरकार का चौथा सबसे बड़ा महकमा भी है जिसे राज्य सरकार की ओर से दिए गए राजस्व लक्ष्य को पूरा करना होता है, लेकिन आमजन से जुड़ा होने से विभाग की जिम्मेदारी उनके कार्यों को सुगमता से और समय से पूरा करने की भी होती है. राजस्व के लिए विभाग राज्य सरकार की उम्मीदों पर संतुष्टि जनक रहा है.
हम आमजन से जुड़ी सेवाओं का भी विभाग की ओर से सरलीकरण किया जा रहा है. ड्राइविंग लाइसेंस की बात हो या वाहन पंजीयन की ये सेवाएं ऑनलाइन हो चुकी है. विभाग अब पर्यावरण प्रदूषण कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रहा है. जल्द ही राज्य में इलेक्ट्रिकल पॉलिसी भी लाई जाएगी. जिसके जरिए वाहन खरीदारों, बेचने वाले, वाहन निर्माताओं और चार्जिंग स्टेशन लगाने वाले सभी लोगों को रियायती और सब्सिडी दी जाएगी. विभाग ने पिछले 2 साल में महिला सुरक्षा को लेकर भी काम किया है. लोडिंग और और प्रोग्राम सिस्टम को ऑनलाइन करने पर भी जोर दिया गया. वहीं, कोविड काल में बस संचालकों के टैक्स विभाग में बड़ी मिसाल पेश की है.
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जानिए 2 साल में परिवहन विभाग ने क्या क्या काम किए
- कोरोनावायरस काल में करीब 31 करोड़ की राशि खर्च कर 4.84 लाख मजदूरों को उनके घर पहुंचाया
- अप्रैल से जून तक प्रदेश की सभी बसों का टैक्स माफ किया
- जुलाई में टैक्स में 75 फ़ीसदी अगस्त में 50 फ़ीसदी और सितंबर में 25 फ़ीसदी छूट दी
- वर्ष 2018 में 4,500 करोड़ और 2019 - 20 में 4,950 करोड़ का राजस्व अर्जित किया
- सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों का अनुपात साल 2030 तक 25% करना चाहती है, इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर जल्द होगा लाग
- इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले, बेचने वाले, चार्जिंग सेंटर लगाने वाले सभी को मिलेगी सब्सिडी
- 13 आरटीओ डीटीओ कार्यालय में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक बनाए गए लाइसेंस में सुविधा मिलेगी
- अच्छी तरह कार चलाने वाले लोगों को ही मिल सकेगा ड्राइविंग लाइसेंस
- ई रवन्ना को वाहन 4 सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया जिससे ज्यादा लोडिंग पर काफी हद तक रोक लगी
- इससे जो वाहन बजरी ज्यादा लोड करवाते हैं उनका ऑटोमैटिक चालान बन जाता है
- बस, टैक्सी में पैनिक बटन लगाना शुरु, अब इसके लिए कमांड कंट्रोल सेंटर बनाया जा रहा है
- 7048 दुर्घटना स्थलों में से 2,277 को रोड इंजीनियरिंग कर ठीक करवाया गया
- परिवहन कार्यालय को पासपोर्ट की तर्ज पर स्मार्ट करने का कार्य शुरू
- फ्रंट ऑफिस मैनेजमेंट सिस्टम लागू होने पर पासपोर्ट की तरह सुगमता से कार्य हो सकेंगे
- ऑनलाइन चालान बनाने के लिए परिवहन निरीक्षकों को 500 पोस मशीनें दी गई