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ये कैसी 'आदर्श' क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी...लाखों निवेशकों के अटके हैं रुपये, आर्थिक तंगी से जूझ रहे - Investors talk to ETV Bharat

आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में निवेश करने वाले लाखों लोगों के रुपये अटके हुए हैं. कोऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के बाद से मामला कोर्ट में चल रहा है लेकिन इसका खामियाजा निवेशकों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में निवेशक अपने पैसे वापस पाने के लिए कोर्ट और सोसायटी के चक्कर काट रहे हैं.

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आदर्श' क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के निवेशक परेशान
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Published : Sep 22, 2021, 6:15 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 10:26 PM IST

जयपुर. अपनी गाढ़ी कमाई जोड़कर आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में निवेश करने वाले लाखों लोग आज पाई-पाई को मोहताज हो गए हैं. निवेशक 3 साल से अपने खुद के पैसे लेने के लिए भटकने को मजबूर हैं. सैकड़ों ऐसे निवेशक भी हैं जिन्होंने इसी भरोसे पर निवेश किया था कि बुढ़ापे में वे इसी के सहारे जिंदगी गुजार लेंगे, लेकिन अब उनके सामने संकट खड़ा हो गया है. बिना पैसे इलाज के अभाव में लोग अपनों को खो चुके हैं और सैकड़ों ऐसे हैं जो इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं. सोसायटी पर केस चल रहा है लेकिन याचिका लंबित होने के कारण लोगों को उनके पैसे नहीं मिल पा रहे हैं.

आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में निवेश करने वाले लोगों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो कैमरे के सामने उनका दर्द छलक पड़ा. निवेशकों ने अपनी तकलीफों के बारे में खुलकर बात की और मांग की कि उन्हें उनकी गाढ़ी कमाई वापस दिलाई जाए. आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के पीड़ितों ने अपने पैसे वापस लेने के लिए एडवाइजर वेलफेयर एसोसिएशन ट्रस्ट भी बनाया है.

आदर्श' क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के निवेशक परेशान

पढ़ें: आदर्श क्रेडिट सोसायटी प्रकरण में जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित

सोसायटी के निवेशक एवं एडवायजर सुनील यादव ने कहा कि पैसा नहीं मिलने के कारण सैकड़ों लोग परेशान हैं. कई लोग आत्महत्या की कोशिश भी कर चुके हैं और कई ऐसे निवेशक भी हैं जो बुजुर्ग हैं और जीवन यापन में उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने पैसे मिलने के इंतजार में दुनिया भी छोड़ चुके हैं. अपना दर्द बयां करते हुए सुनील यादव की आंखें कई बार नम हो गईं.

जयपुर के प्रताप नगर में रहने वाली 85 वर्षीय विजय लक्ष्मी टंडन भी आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी की निवेशक हैं और कैंसर से जूझ रही हैं लेकिन पैसे के अभाव के इलाज भी ठीक से नहीं करा पा रही हैं. उन्हें सोसायटी से अपने निवेश किए हुए 50 लाख रुपए लेने हैं. पैसे के अभाव में विजयलक्ष्मी टंडन अपना इलाज तक नहीं करवा पा रही हैं. इसी तरह से अविनाश भी आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के पीड़ित निवेशक हैं. उनका कहना है कि उनेके घर में 58 साल की मां हैं जो इन दिनों बीमार चल रहीं हैं.

पढ़ें: 26 सितंबर को जयपुर शहर के बाजार रहेंगे बंद, कलेक्टर की पहल पर व्यापारिक संगठनों ने की स्वेच्छिक बंद की घोषणा

इस परिवार ने भी सोसायटी में 12 लाख रुपये निवेश किया था. पैसा नहीं होने के कारण वह अपनी मां का इलाज तक नहीं करवा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पैसे के अभाव में उसकी और उसके भाई की शादी तक नहीं हो पा रही. फिलहाल अविनाश और उसका परिवार मानसरोवर में किराए के मकान में रह कर परेशानी भरी जिंदगी जी रहे हैं.

संदीप अग्निहोत्री ने बताया कि उसके पूरे परिवार ने भी डेढ़ करोड़ रुपए आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में निवेश किया था और पैसे नहीं मिलने से आहत उसकी मां विनोदिनी अग्निहोत्री की कई साल पहले मौत भी हो चुकी है. आज भी वह अपने परिवार की मेहनत की कमाई का पैसा लेने के लिए कभी कोर्ट तो कभी सोसायटी के चक्कर लगा रहे हैं. संदीप ने बताया कि उनके एक परिचित विक्रम सिंह राठौड़ का भी पैसा आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में लगा हुआ है. पैसे के अभाव में इलाज नहीं कराने के कारण उनकी माता अनूप कंवर का भी निधन हो गया था.

पढ़ें: विधायक भरत सिंह ने सीएम गहलोत को लिखा पत्र, Cow Tax को बताया 'सरकारी ठगी'...मंत्री प्रमोद जैन के लिए कही ये बात...

राजस्थान समेत 26 राज्यों में थी कार्यरत

एडवायजर वेलफेयर एसोसिएशन ट्रस्ट के फाउंडर पंकज जैन ने बताया कि आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी 1999 से कार्य कर रही थी और इसका काम राजस्थान सहित 26 राज्यों में फैला हुआ था. देश भर में सोसायटी की 800 ब्रांचें थीं जिसमें 4000 कर्मचारी थे. आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के देशभर के करीब चार लाख एजेंट कार्य कर रहे थे और पूरे देश में 21 लाख सदस्य थे. राजस्थान की बात की जाए तो यहां आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के 8 लाख निवेशक थे. यह सोसायटी 1999 से लेकर 2018 तक नियमित रूप से संचालित की जा रही थी और लाभांश का भुगतान भी निवेशकों को किया जा रहा था.

पढ़ें: भाजपा के चिंतन शिविर पर प्रताप का 'प्रहार'...कहा-भाजपा पहले महाराणा प्रताप के अपमान पर माफी मांगे

2018 से पहले तक कोई शिकायत भी नहीं थी, लेकिन एक न्यूज़ चैनल पर खबर प्रसारित होने के बाद आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में हलचल शुरू हो गई और 2018 में केंद्र सरकार ने इस पर लिक्विडेटर लगा दिया जिसकी जिम्मेदारी थी कि वह सोसायटी की संपत्ति बेच कर निवेशकों को पैसा लौटाएगा. पीड़ित निवेशकों ने 2020 में अपने भुगतान को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की हुई है लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

सूत्रों के अनुसार आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी की लेनदारी 12400 करोड़ रुपए हैं, जबकि इसकी देनदारी केवल 9400 करोड रुपए हैं. राजस्थान में निवेशकों की देनदारी तीन से साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए दिए जाने हैं. सूत्रों के अनुसार जयपुर में भी आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की संपत्तियां मौजूद हैं और निवेशकों की मांग है कि सरकार सोसायटी संपत्ति जब्त कर लिक्विडेटर को सौंपे ताकि निवेशकों के पैसे लॉटाए जा सके.

जयपुर. अपनी गाढ़ी कमाई जोड़कर आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में निवेश करने वाले लाखों लोग आज पाई-पाई को मोहताज हो गए हैं. निवेशक 3 साल से अपने खुद के पैसे लेने के लिए भटकने को मजबूर हैं. सैकड़ों ऐसे निवेशक भी हैं जिन्होंने इसी भरोसे पर निवेश किया था कि बुढ़ापे में वे इसी के सहारे जिंदगी गुजार लेंगे, लेकिन अब उनके सामने संकट खड़ा हो गया है. बिना पैसे इलाज के अभाव में लोग अपनों को खो चुके हैं और सैकड़ों ऐसे हैं जो इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं. सोसायटी पर केस चल रहा है लेकिन याचिका लंबित होने के कारण लोगों को उनके पैसे नहीं मिल पा रहे हैं.

आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में निवेश करने वाले लोगों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो कैमरे के सामने उनका दर्द छलक पड़ा. निवेशकों ने अपनी तकलीफों के बारे में खुलकर बात की और मांग की कि उन्हें उनकी गाढ़ी कमाई वापस दिलाई जाए. आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के पीड़ितों ने अपने पैसे वापस लेने के लिए एडवाइजर वेलफेयर एसोसिएशन ट्रस्ट भी बनाया है.

आदर्श' क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के निवेशक परेशान

पढ़ें: आदर्श क्रेडिट सोसायटी प्रकरण में जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित

सोसायटी के निवेशक एवं एडवायजर सुनील यादव ने कहा कि पैसा नहीं मिलने के कारण सैकड़ों लोग परेशान हैं. कई लोग आत्महत्या की कोशिश भी कर चुके हैं और कई ऐसे निवेशक भी हैं जो बुजुर्ग हैं और जीवन यापन में उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने पैसे मिलने के इंतजार में दुनिया भी छोड़ चुके हैं. अपना दर्द बयां करते हुए सुनील यादव की आंखें कई बार नम हो गईं.

जयपुर के प्रताप नगर में रहने वाली 85 वर्षीय विजय लक्ष्मी टंडन भी आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी की निवेशक हैं और कैंसर से जूझ रही हैं लेकिन पैसे के अभाव के इलाज भी ठीक से नहीं करा पा रही हैं. उन्हें सोसायटी से अपने निवेश किए हुए 50 लाख रुपए लेने हैं. पैसे के अभाव में विजयलक्ष्मी टंडन अपना इलाज तक नहीं करवा पा रही हैं. इसी तरह से अविनाश भी आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के पीड़ित निवेशक हैं. उनका कहना है कि उनेके घर में 58 साल की मां हैं जो इन दिनों बीमार चल रहीं हैं.

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इस परिवार ने भी सोसायटी में 12 लाख रुपये निवेश किया था. पैसा नहीं होने के कारण वह अपनी मां का इलाज तक नहीं करवा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पैसे के अभाव में उसकी और उसके भाई की शादी तक नहीं हो पा रही. फिलहाल अविनाश और उसका परिवार मानसरोवर में किराए के मकान में रह कर परेशानी भरी जिंदगी जी रहे हैं.

संदीप अग्निहोत्री ने बताया कि उसके पूरे परिवार ने भी डेढ़ करोड़ रुपए आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में निवेश किया था और पैसे नहीं मिलने से आहत उसकी मां विनोदिनी अग्निहोत्री की कई साल पहले मौत भी हो चुकी है. आज भी वह अपने परिवार की मेहनत की कमाई का पैसा लेने के लिए कभी कोर्ट तो कभी सोसायटी के चक्कर लगा रहे हैं. संदीप ने बताया कि उनके एक परिचित विक्रम सिंह राठौड़ का भी पैसा आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में लगा हुआ है. पैसे के अभाव में इलाज नहीं कराने के कारण उनकी माता अनूप कंवर का भी निधन हो गया था.

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राजस्थान समेत 26 राज्यों में थी कार्यरत

एडवायजर वेलफेयर एसोसिएशन ट्रस्ट के फाउंडर पंकज जैन ने बताया कि आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी 1999 से कार्य कर रही थी और इसका काम राजस्थान सहित 26 राज्यों में फैला हुआ था. देश भर में सोसायटी की 800 ब्रांचें थीं जिसमें 4000 कर्मचारी थे. आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के देशभर के करीब चार लाख एजेंट कार्य कर रहे थे और पूरे देश में 21 लाख सदस्य थे. राजस्थान की बात की जाए तो यहां आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के 8 लाख निवेशक थे. यह सोसायटी 1999 से लेकर 2018 तक नियमित रूप से संचालित की जा रही थी और लाभांश का भुगतान भी निवेशकों को किया जा रहा था.

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2018 से पहले तक कोई शिकायत भी नहीं थी, लेकिन एक न्यूज़ चैनल पर खबर प्रसारित होने के बाद आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में हलचल शुरू हो गई और 2018 में केंद्र सरकार ने इस पर लिक्विडेटर लगा दिया जिसकी जिम्मेदारी थी कि वह सोसायटी की संपत्ति बेच कर निवेशकों को पैसा लौटाएगा. पीड़ित निवेशकों ने 2020 में अपने भुगतान को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की हुई है लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

सूत्रों के अनुसार आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी की लेनदारी 12400 करोड़ रुपए हैं, जबकि इसकी देनदारी केवल 9400 करोड रुपए हैं. राजस्थान में निवेशकों की देनदारी तीन से साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए दिए जाने हैं. सूत्रों के अनुसार जयपुर में भी आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की संपत्तियां मौजूद हैं और निवेशकों की मांग है कि सरकार सोसायटी संपत्ति जब्त कर लिक्विडेटर को सौंपे ताकि निवेशकों के पैसे लॉटाए जा सके.

Last Updated : Sep 22, 2021, 10:26 PM IST
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